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2 min read | अपडेटेड March 17, 2025, 11:28 IST
सारांश
अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए थे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जारी की आय-व्यय रिपोर्ट
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने रविवार यानी कि 16 मार्च को बताया कि ट्रस्ट ने धार्मिक पर्यटन में उछाल के बीच पिछले पांच सालों में सरकार को लगभग 400 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया है। उन्होंने कहा कि यह राशि 5 फरवरी, 2020 से 5 फरवरी, 2025 के बीच चुकाई गई है। उन्होंने कहा कि इसमें से 270 करोड़ रुपये माल और सेवा कर (जीएसटी) के रूप में भुगतान किए गए, जबकि शेष 130 करोड़ रुपये अन्य विभिन्न टैक्स कटैगरी के तहत चुकाए गए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है, जिससे यह एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन केंद्र बन गया है और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान 1.26 करोड़ श्रद्धालु अयोध्या आए थे। राय ने कहा कि ट्रस्ट के फाइनेंशियल रिकॉर्ड का नियमित रूप से कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर ऑफ इंडिया (सीएजी) यानी कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के अधिकारियों द्वारा ऑडिट किया जाता है।
अयोध्या में रविवार को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता का जिम्मा महंत नृत्यगोपाल दास को दिया गया। इस बैठक के दौरान ट्रस्ट की फाइनेंशियल रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया कि पिछले पांच सालों में रामजन्मभूमि परिसर पर कुल 2,150 करोड़ रुपये खर्च किए गए। मंदिर के निर्माण में कुल 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि ट्रस्ट ने सरकार को 400 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया। ट्रस्ट का गठन 5 फरवरी 2020 को हुआ था। इस दौरान जानकारी दी गई कि सरकार को 14.90 करोड़ रुपये की रॉयल्टी के रूप में दिए गए। पत्थर, गिट्टी, ग्रेनाइट जहां से आया, वहां की सरकार को भी रॉयल्टी दी गई है। 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन किया गया था।
(भाषा इनपुट के साथ)
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