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  1. India's Factory Activity: फरवरी की सुस्ती से मार्च में उबरा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, PMI 8 महीने में सबसे ऊपर

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India's Factory Activity: फरवरी की सुस्ती से मार्च में उबरा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, PMI 8 महीने में सबसे ऊपर

Upstox

2 min read | अपडेटेड April 02, 2025, 18:18 IST

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सारांश

Manufacturing Sector PMI: फरवरी में, नए ऑर्डर और उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद मार्च में तेजी से आगे बढ़ी है। HSBC Purchasing Manager's Index के मुताबिक मार्च में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 8 महीने में सबसे ऊपर पहुंच गई।

फरवरी में दर्ज की थी 14 महीने में सबसे कम ग्रोथ।

फरवरी में दर्ज की थी 14 महीने में सबसे कम ग्रोथ।

India's Manufacturing Sector: भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर मार्च में बढ़कर आठ महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई। बेहतर मांग की स्थिति के बीच कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में तीव्र वृद्धि इसकी मुख्य वजह रही।
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मौसमी रूप से समायोजित 'HSBC India मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स (PMI) मार्च में 58.1 रहा जो फरवरी में 58.1 था। PMI के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा संकुचन को दर्शाता है।

फरवरी में, नए ऑर्डर और उत्पादन में धीमी वृद्धि के बीच भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 14 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी।

भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि ने फरवरी में खोई हुई जमीन वापस पा ली है, जो मुख्य रूप से इसके सबसे बड़े उप-घटक: नए ऑर्डर सूचकांक के मजबूत योगदान से प्रेरित रही।

सर्वेक्षण में कहा गया, ‘मार्च में कुल बिक्री में जुलाई 2024 के बाद से सबसे अधिक वृद्धि देखी गई, जिसका श्रेय कंपनियों ने सकारात्मक ग्राहक रुचि, अनुकूल मांग की स्थिति और सफल विपणन पहल को दिया।’

इसमें कहा गया, कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंत में उत्पादन की मात्रा बढ़ा दी। विस्तार की दर तेज हुई और अपने ऐतिहासिक औसत से अधिक रही जिससे आठ महीनों में सबसे मजबूत वृद्धि दर्ज की गयी।

मार्च में नए निर्यात ऑर्डर में जोरदार वृद्धि जारी रही, लेकिन वृद्धि की गति तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई। कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बिक्री के मामले में एशिया, यूरोप और पश्चिम एशिया में हुई वृद्धि का हवाला दिया।

बढ़ती मांग से कंपनियों को ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने भंडार का उपयोग करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप जनवरी 2022 के बाद से तैयार माल के भंडार में सबसे तेज गिरावट आई।

वहीं, फरवरी में नौकरियां पैदा होने की रफ्तार जनवरी के बाद सर्वे के इतिहास में सबसे ज्यादा रही है। करीब 10% कंपनियों ने ज्यादा कर्मचारी हायर करने की बात कही जबकि सिर्फ 1% ने अपनी वर्कफोर्स कम की।

एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 विनिर्माताओं के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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