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4 min read | अपडेटेड July 25, 2025, 11:06 IST
सारांश
अगले साल से लागू होने वाले इस समझौते का लक्ष्य वर्ष 2030 तक दोनों देशों के India-UK Trade Deal: बीच व्यापार को दोगुना करना है जो फिलहाल 56 अरब डॉलर है। इसके तहत 99 फीसदी भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में कोई टैरिफ नहीं लगेगा। वहीं ब्रिटिश कारों, व्हिस्की, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम होंगे।
India-UK Trade Deal से ब्रिटिश कारों, व्हिस्की, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स जैसे प्रोडक्ट्स पर टैरिफ कम होंगे।
इस समझौते को तीन साल तक चली बातचीत के बाद अंतिम रूप दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते के तहत 99 फीसदी उत्पाद श्रेणियों के पूरी तरह शुल्क-मुक्त होने से भारत को फायदा होगा। यह छूट लगभग 100 फीसदी व्यापार मूल्य को समाहित करती है। इसके अलावा, ब्रिटेन में काम कर रहीं टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस जैसी भारतीय आईटी कंपनियों को भारत से आने वाले कर्मचारियों के लिए तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान भी नहीं करना होगा।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, ब्रिटेन पहले से ही भारत से 11 अरब पाउंड का सामान आयात करता है लेकिन भारतीय वस्तुओं पर शुल्क कम होने से ब्रिटिश उपभोक्ताओं एवं कंपनियों के लिए भारतीय उत्पादों की खरीद अधिक आसान और सस्ती हो जाएगी। इससे भारतीय कंपनियों की तरफ से ब्रिटेन को किए जाने वाले निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी।
व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते के विश्लेषण से पता चलता है कि लंबे समय में ब्रिटेन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सालाना 4.8 अरब पाउंड की बढ़ोतरी होगी, जिसका फायदा ब्रिटेन के हर क्षेत्र को होगा। विनिर्माण क्षेत्र को खास लाभ होगा, जिसमें एयरोस्पेस पार्ट्स पर टैरिफ 11 प्रतिशत से घटाकर शून्य, वाहन पर 110 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी होगा।
शुल्क कटौती और नियामकीय बाधाओं में कमी से वर्ष 2040 तक ब्रिटेन का भारत को निर्यात लगभग 60 फीसदी बढ़ सकता है, जो 15.7 अरब पाउंड के अतिरिक्त निर्यात के बराबर है। ब्रिटेन का आधिकारिक अनुमान है कि यह समझौता 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 39 फीसदी की वृद्धि करेगा, जो सालाना 25.5 अरब पाउंड के बराबर है।
ट्रेड डील के बाद ब्रिटिश व्हिस्की पर टैरिफ 150% से घटकर तुरंत 75% हो गया है। अगले दस वर्षों में इसे और घटाकर 40% कर दिया जाएगा। इससे प्रीमियम अल्कोहल कंज्यूमर्स और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स को सीधा लाभ होगा।
कोटा के तहत टैरिफ 110% से घटाकर 10% कर दिए गए हैं। इससे लग्जरी कारें (Jaguar, Land Rover, Bentley, Aston Martin) और भी सस्ती हो जाएंगी।
इसका टैरिफ 11% से घटकर 0% हो गया। इससे भारत के सिविल एविएशन मेंटेनेंस, MRO और एयरलाइन सेक्टर्स को लाभ होगा।
इसका टैरिफ भी कम किया गया है। इससे ब्रिटेन में निर्मित इलेक्ट्रिक मशीनरी, इंडस्ट्रियल इक्विपमेंट और एडवांस इंजीनियरिंग टूल्स का आयात सस्ता हो जाएगा।
ब्रिटेन में निर्मित सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट, डायग्नोस्टिक इक्विपमेंट, एक्स-रे सिस्टम्स, ECG मशीनों और मेड-टेक डिवाइसेज पर टैरिफ में कमी होगी। हाई-क्वालिटी वाले मेडिकल डिवाइस की कम लागत से अस्पतालों और डायग्नोस्टिक चेन को लाभ होगा।
कम टैरिफ से ब्रिटेन में बने सॉफ्ट ड्रिंक्स, प्रीमियम बेवरेज और पेय पदार्थ सस्ते हो जाएंगे।
टैरिफ में कमी से भारत को निर्यात करने वाले ब्रिटिश स्किनकेयर और ब्यूटी ब्रांड्स को फायदा होगा।
कुछ ब्रिटिश मूल की ब्रांडेड दवाइयां और मेडिकल उपभोग्य वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी।
इसमें ब्रिटेन से आने वाले पनीर, कन्फेक्शनरी और स्पेशियलिटी प्रोसेस्ड फूड्स शामिल हैं, जो सस्ते हो जाएंगे।
लग्जरी लाइफस्टाइल ब्रांड और स्पेशियलिटी गुड्स कीमतों में और अधिक कंपटीटिव हो जाएंगी, जिससे कीमतों में कटौती होगी।
भारत और ब्रिटेन के बीच ट्रेड एग्रीमेंट से कई भारतीय वस्तुएं सस्ती होकर ब्रिटेन के बाजार में अधिक बिकेंगी। इस समझौते से भारत से भेजे जाने वाले फल, सब्जियां, अनाज, हल्दी, काली मिर्च और इलायची जैसे मसाले, आम का गूदा, अचार, दालें, रेडी-टू-ईट खाने, समुद्री उत्पाद जैसे झींगा और टूना मछली, जेनेरिक दवाइयां और मेडिकल उपकरणों (जैसे सर्जिकल उपकरण, एक्स-रे, ईसीजी मशीनें) को फायदा होगा।
इसके अलावा, भारतीय कपड़े, जूते-चप्पल, चमड़े के सामान, गहने और रत्न, इंजीनियरिंग सामान (जैसे ऑटो पार्ट्स, निर्माण मशीनें), इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल, प्लास्टिक, खेल सामान, खिलौने और पारंपरिक पेय (जैसे फेणी और ताड़ी) भी अब ब्रिटेन में ज्यादा प्रतिस्पर्धी कीमत पर मिल सकेंगे। इससे भारत के निर्यात में बढ़ोतरी और कई सेक्टरों को लाभ होगा।
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