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भारत की अमेरिका के साथ ऐतिहासिक LPG डील, क्या हैं इसकी प्रमुख बातें, क्यों दोनों देशों के लिए इतनी अहम?

Upstox

4 min read | अपडेटेड November 17, 2025, 13:25 IST

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सारांश

भारत के लोगों को एलपीजी की सुरक्षित और किफायती सप्लाई देने के हमारे प्रयास में, हम अपनी एलपीजी सोर्सिंग में विविधता ला रहे हैं। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारतीय पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियों ने लगभग 22 लाख टन प्रति वर्ष एलपीजी आयात के लिए एक साल का समझौता सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।

भारत-अमेरिका LPG डील

भारत-अमेरिका के बीच LPG डील, क्या हैं इसकी अहम बातें?

यूनियन ऑयल मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि देश के ऊर्जा के स्रोतों में विविधिता लाने के बढ़ते दबाव के बीच भारत ने अमेरिका के साथ तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (Liquefied Petroleum Gas, LPG) आयात करने के लिए एक 'ऐतिहासिक' समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। पुरी ने कहा कि सरकारी तेल कंपनियों ने अमेरिका से 22 लाख टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) एलपीजी आयात करने का एक साल का समझौता किया है, जिससे 2026 में भारत की वार्षिक हिस्सेदारी का लगभग 10% हिस्सा खरीदा जाएगा। हरदीप सिंह ने इस डील को लेकर लंबी-चौड़ी पोस्ट शेयर की है। उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल से इस डील की जानकारी दी।

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X पर एक पोस्ट में, हरदीप सिंह पुरी ने लिखा, ‘एक ऐतिहासिक पहल! दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते एलपीजी बाजारों में से एक अमेरिका के लिए खुल गया है। भारत के लोगों को एलपीजी की सुरक्षित और किफायती सप्लाई देने के हमारे प्रयास में, हम अपनी एलपीजी सोर्सिंग में विविधता ला रहे हैं। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारतीय पब्लिक सेक्टर की तेल कंपनियों ने लगभग 22 लाख टन प्रति वर्ष एलपीजी आयात के लिए एक साल का समझौता सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की एक टीम ने पिछले कुछ महीनों में अमेरिका का दौरा किया था और प्रमुख अमेरिकी प्रोड्यूसर्स के साथ बातचीत की थी, जो अब पूरी हो चुकी है।’

क्यों इतनी अहम है यह डील?

यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि 2025 के अंत तक नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच एक व्यापक व्यापार समझौता होने की संभावना है। इस व्यापार समझौते के तहत, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन रूसी एनर्जी प्रोडक्ट्स की खरीद के लिए भारतीय निर्यात पर लगाए गए 25% एडिशनल टैरिफ को हटा सकता है। ट्रंप प्रशासन ने भारतीय शिपमेंट पर 50 % टैरिफ लगाया था, जिसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद पर 25% जुर्माना भी शामिल था।

पहले ही इशारा कर चुके थे पीयूष गोयल

सितंबर में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत द्वारा नई दिल्ली के साथ ऊर्जा व्यापार बढ़ाने की उम्मीद है। मंत्री ने यह भी बताया कि भारत ‘बड़ी मात्रा में टैलेंट और इनोवेशन’ देकर अमेरिका की विकास गाथा को बल प्रदान करता है। गोयल ने न्यूयॉर्क में अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच में उपस्थित लोगों से कहा था, ‘हमें आने वाले सालों में अमेरिका के साथ ऊर्जा उत्पादों के व्यापार में वृद्धि की उम्मीद है।’ इस साल फरवरी में, भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने का संकल्प लिया था। पिछले कुछ हफ्तों में, भारत ने अपने तेल स्रोतों में विविधता लाने और रूसी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास किए हैं। इसके अलावा, महीनों के गतिरोध और रुकी हुई बातचीत के बाद, दोनों देशों के बीच हालिया वार्ता में ‘काफी सकारात्मक प्रगति’ हुई है।

क्या कुछ कहा था ट्रंप ने?

इस हफ्ते की शुरुआत में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ एक समझौते पर पहुंचने के करीब पहुंच रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा संबंध मजबूत होंगे, अमेरिकी ऊर्जा निर्यात बढ़ेगा और प्रमुख अमेरिकी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। भारत में अपने दूत सर्जियो गोर के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर ओवल ऑफिस में ट्रंप ने कहा था, ’हमें एक निष्पक्ष सौदा मिल रहा है, एक निष्पक्ष व्यापार समझौता।’ उन्होंने आगे कहा था, ‘हम भारत के साथ एक ऐसा समझौता कर रहे हैं जो पहले किए गए समझौतों से काफी अलग है।’

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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