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ICICI बैंक ने मिनिमम बैलेंस को लेकर बदले नियम, क्या आपको चिंता करने की है जरूरत?

Upstox

2 min read | अपडेटेड August 10, 2025, 15:22 IST

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सारांश

ICICI Bank ने 1 अगस्त या उसके बाद खोले जाने वाले नए सेविंग्स बैंक अकाउंट्स के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। ICICI Bank के कस्टमर्स के लिए 31 जुलाई, 2025 तक सेविंग्स बैंक अकाउंट में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) यानी कि मासिक औसत शेष राशि 10,000 रुपये थी।

ICICI Bank

आईसीआईसीआई बैंक के मिनिमम बैलेंस को लेकर नए नियम क्या हैं?

ICICI Bank ने 1 अगस्त या इसके बाद अकाउंट खोलने वाले यूजर्स के लिए मिनिमम बैलेंस के नियम बदल दिए हैं। लेकिन अगर आपका सेविंग्स अकाउंट 1 अगस्त से पहले खोला गया है और पहले से चल रहा है, तो ऐसे में आपको इस बदले हुए नियम से बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। ICICI Bank ने 1 अगस्त या उसके बाद खोले जाने वाले नए सेविंग्स बैंक अकाउंट्स के लिए मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। ICICI Bank के कस्टमर्स के लिए 31 जुलाई, 2025 तक सेविंग्स बैंक अकाउंट में मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस (MAB) यानी कि मासिक औसत शेष राशि 10,000 रुपये थी। इसी तरह, आईसीआईसीआई बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, अर्ध-शहरी इलाकों में यह सीमा 25,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों में 10,000 रुपये कर दी गई है।

किन लोगों को मिलेगी छूट?

अगर अकाउंटहोल्डर्स तय मंथली एवरेज बैलेंस नहीं रख पाते, तो उन्हें कमी की राशि का 5% या 500 रुपये (जो भी कम हो) जुर्माने के रूप में देना होगा। बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक सेविंग्स अकाउंट में जमा रकम पर सालाना 2.5% ब्याज मिलेगा। यह नया नियम सिर्फ 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए खातों पर लागू होगा। पुराने खाताधारकों के लिए फिलहाल पुरानी राशि सीमा ही लागू रहेगी। सैलरी अकाउंट, प्रधानमंत्री जनधन खाते और बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट धारकों को इस नियम से छूट मिलेगी क्योंकि ये जीरो बैलेंस खाते हैं।

तय सीमा से अधिक अमाउंट होने पर मिलेगा क्या फायदा?

जिन कस्टमर्स के अकाउंट में तय सीमा से ज्यादा राशि होगी, उन्हें कुछ खास सुविधाएं मिलेंगी। इनमें मुफ्त एनईएफटी फंड ट्रांसफर और महीने में तीन बार मुफ्त नकद ट्रांजैक्शन शामिल हैं। इसके बाद हर नकद लेनदेन पर 150 रुपये की फीस लगेगी। इन सभी फीस पर जीएसटी भी देना होगा। एमएबी में यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने अपने जुर्माने को या तो तर्कसंगत बना दिया है या पूरी तरह से माफ कर दिया है।

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।