बिजनेस न्यूज़
3 min read | अपडेटेड October 15, 2025, 11:30 IST
सारांश
धनतेरस 2025 की सही तारीख (18 या 19 अक्टूबर) को लेकर कन्फ्यूजन है, लेकिन बिजनेस और बाजार के लिए 18 अक्टूबर ही असली 'महा-मुहूर्त' है। इस एक दिन में होने वाली हजारों करोड़ की खरीदारी से ज्वैलरी, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे प्रमुख सेक्टर्स की किस्मत चमकेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
इसी दिन ज्वैलरी, ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर में ग्राहकों की रिकॉर्ड भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।
Dhanteras 2025: हर साल दिवाली से पहले आने वाला धनतेरस का दिन भारतीय बाजार के लिए किसी आर्थिक उत्सव से कम नहीं होता। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था का वह 'महा-मुहूर्त' है, जब ग्राहक अपनी साल भर की बचत को बाजार में झोंक देते हैं। इस साल यह मुहूर्त कब है, 18 अक्टूबर को या 19 अक्टूबर को? यह सवाल जितना ज्योतिष के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही बिजनेस जगत के लिए भी। तारीख का यह गणित ही तय करेगा कि ज्वैलरी, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे खरबों के उद्योगों पर 'लक्ष्मी' की विशेष कृपा किस दिन बरसेगी।
सबसे पहले तारीख का कन्फ्यूजन दूर करना जरूरी है। पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 18 अक्टूबर, शनिवार को दोपहर 12:18 बजे शुरू होगी और 19 अक्टूबर, रविवार दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी। भले ही तिथि दो दिन तक फैली हो, लेकिन बिजनेस और खरीदारी के नजरिए से 18 अक्टूबर ही मुख्य दिन है। इसकी वजह है 'प्रदोष काल', यानी पूजा और खरीदारी का सबसे शुभ मुहूर्त, जो 18 अक्टूबर की शाम को ही पड़ रहा है। ग्राहक दोपहर से ही खरीदारी शुरू कर देंगे और यह सिलसिला देर रात तक चलेगा। शनिवार का दिन होने के कारण छुट्टी का भी पूरा फायदा बाजार को मिलेगा।
धनतेरस पर सबसे ज्यादा चमक सोने-चांदी के बाजार में ही दिखती है। यह एक ऐसा सेक्टर है, जहां परंपरा और निवेश एक साथ काम करते हैं। लोग शगुन के तौर पर सिक्के, बर्तन और हल्के आभूषण खरीदते हैं, वहीं बड़े निवेशक इस दिन को गोल्ड में निवेश के लिए शुभ मानते हैं।
यह खरीदारी पूरी तरह से सेंटीमेंट पर आधारित होती है। ग्राहक कीमत देखने से ज्यादा 'शुभ' मुहूर्त को महत्व देते हैं। ज्वैलर्स इस मौके के लिए महीनों पहले से तैयारी करते हैं, नए कलेक्शन लॉन्च करते हैं और मेकिंग चार्ज पर छूट जैसे ऑफर्स देते हैं। अनुमान है कि इस एक दिन में ही देश भर में हजारों करोड़ रुपये के सोने-चांदी का कारोबार होगा।
ज्वैलरी के बाद ऑटोमोबाइल दूसरा सबसे बड़ा सेक्टर है, जिसे धनतेरस का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह दिन ऑटो कंपनियों की तिमाही बिक्री के आंकड़ों को नई ऊंचाई पर पहुंचा देता है।
भारत में लोग वाहन जैसी बड़ी खरीद को शुभ दिन से जोड़ते हैं। हजारों ग्राहक हफ्तों पहले से कार या बाइक बुक कर लेते हैं और उसकी डिलीवरी जानबूझकर धनतेरस के दिन लेते हैं। कंपनियां भी इस सेंटीमेंट को भुनाने के लिए 'स्पेशल फेस्टिव एडिशन्स' और आकर्षक फाइनेंस स्कीम्स लॉन्च करती हैं। इस एक दिन में होने वाली डिलीवरी से कंपनियों के सेल्स चार्ट में जबरदस्त उछाल आता है।
प्रॉपर्टी बाजार के लिए भी धनतेरस एक बड़ा बूस्टर है। जो लोग लंबे समय से घर खरीदने की योजना बना रहे होते हैं, वे टोकन अमाउंट देने या फ्लैट बुक करने के लिए इसी दिन को चुनते हैं।
डेवलपर्स इस दिन को 'क्लोजिंग' के सबसे बड़े अवसर के रूप में देखते हैं। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए 'नो ईएमआई टिल पजेशन', 'स्टांप ड्यूटी वेवर' या 'गोल्ड कॉइन फ्री' जैसे ऑफर्स की बौछार की जाती है। इस शुभ मुहूर्त पर होने वाली बुकिंग्स रियल एस्टेट सेक्टर में एक सकारात्मक माहौल बनाती है और रुकी हुई इन्वेंट्री को निकालने में मदद करती है।
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