पर्सनल फाइनेंस
4 min read | अपडेटेड February 26, 2025, 15:22 IST
सारांश
स्टॉक मार्केट में मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। इसका मतलब क्या है और इससे इन्वेस्टर्स को क्या फायदे या नुकसान हो सकते हैं, चलिए समझते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा के तहत आप किसी स्टॉक को बिना पूरा पैसा दिए खरीद सकते हैं।
मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा के क्या हैं फायदे और नुकसान
कई बार ऐसा होता है कि आपको पता होता है कि कोई स्टॉक मार्केट में आपको बंपर फायदा दे सकता है, लेकिन उसे खरीदने के लिए आपके पास पूरे पैसे नहीं होते हैं। ऐसी स्थिति में आप मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा आखिर है क्या और कैसे आप इसका फायदा उठा सकते हैं, चलिए डिटेल में समझते हैं। जब ऐसी स्थिति सामने आती है कि आपको किसी कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्ट करना है, लेकिन आपके पास पूरे फंड नहीं हैं, तो ऐसे में आप या तो स्टॉक खरीदने का आइडिया ड्रॉप करते हैं, या फिर क्रेडिट कार्ड के जरिए इसे खरीदने की कोशिश करते हैं और या फिर Buy now, pay later (BNPL) ऑप्शन चुनते हैं। क्रेडिट कार्ड या BNPL के जरिए आप स्टॉक को उसी समय खरीद सकते हैं और इसका भुगतान करने के लिए आपको कुछ समय भी मिल जाता है। हालांकि ऐसी स्थिति में आपको कुछ ब्याज भरना पड़ता है या फिर कुछ अतिरिक्त शुल्क देना पड़ता है। स्टॉक मार्केट में एक और तरीका है, जिससे आप पूरा भुगतान एकसाथ किए बिना स्टॉक खरीद सकते हैं, जिसे मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा (Margin Trading Facility) या MTF के नाम से जाना जाता है।
MTF में आपको स्टॉक खरीदने के लिए कुछ फंड देना होता है, जबकि बाकी फंड ब्रोकर देते हैं, ऐसे में इन्वेस्टर्स ब्रोकर को कुछ ब्याज के साथ कुछ समय में पूरा भुगतान करते हैं। MTF का इस्तेमाल करने से पहले इसे अच्छी तरह समझना बहुत जरूरी है क्योंकि यह ऑप्शन रिस्की हो सकता है। सोशल मीडिया पर भी इन दिनों MTF को लेकर कई तरह की बातें शेयर की जा रही हैं। चलिए समझते हैं कि आखिर MTF काम कैसे करता है?
MTF में इन्वेस्टर्स को मौका मिलता है कि वह किसी कंपनी के शेयरों को खरीदने के लिए एकसाथ पूरा भुगतान ना करे और पूरे अमाउंट का कुछ हिस्सा ही पे करे, जबकि बाकी हिस्सा ब्रोकर देते हैं। ऐसे में अगर आपके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं हैं, तो भी आप किसी कंपनी के ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं।
मान लीजिए किसी इन्वेस्टर्स के पास इन्वेस्ट करने के लिए 50 हजार रुपये ही हैं, लेकिन उसे किसी कंपनी के 2 लाख रुपये के शेयर खरीदने हैं। ऐसी स्थिति में वह इन्वेस्टर MTF का इस्तेमाल कर सकता है। यहां पर 50 हजार रुपये इन्वेस्टर अपनी जेब से देगा, जबकि बचे हुए 1.5 लाख रुपये उसे मार्जिन ट्रेड फंडिंग से मिलेगा, जो ब्रोकर देगा। MTF को मार्जिन फंडिंग सुविधा, मार्जिन ट्रेडिंग या Buy now, pay later जैसे नामों से भी जाना जाता है।
लोन अगेंस्ट सिक्योरिटी (LAS) से MTF एकदम अलग है। MTF भी देखा जाए एक तरह से लोन ही है, लेकिन यह LAS से बिल्कुल अलग है। लोन अगेंस्ट सिक्योरिटी या LAS से जो पैसा मिलता है, उसका इस्तेमाल आप किसी और चीज के लिए कर सकते हैं, LAS देने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत बैंकों और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनीज (NBFCs) को ही है, वहीं MTF स्टॉक ब्रोकर्स देते हैं, और यहां आपको जो भी पैसा मिलता है, वह आप सिर्फ स्टॉक में ही इन्वेस्ट कर सकते हैं।
अगर इन्वेस्टर का प्रिडिक्शन सही साबित होता है और जिस ग्रोथ के अंदाजे के साथ उसने किसी स्टॉक में इन्वेस्ट किया है, वह अंदाजा सही निकलता है, तो ऐसे में MTF से उसे काफी फायदा हो सकता है।
वहीं अगर इन्वेस्टर का प्रिडिक्शन गलत साबित होता है, और उसने जिस ग्रोथ का अंदाजा लगाया है, वह ग्रोथ होती ही नहीं बल्कि शेयर प्राइस उस स्टॉक के गिर जाते हैं, तो ऐसे में उसके ऊपर दबाव बढ़ सकता है। स्टॉक में उसने जो अपना पैसा लगाया, उस पर तो उसे नुकसान होगा ही, लेकिन जो MTF से अमाउंट लिया है, उसके नुकसान के साथ-साथ उसे उसका ब्याज भी भरना होगा।
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।