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4 min read | अपडेटेड June 10, 2025, 09:24 IST
सारांश
RBI ने हाल ही में रेपो रेट में फिर से कटौती का ऐलान किया। ऐसे में तीन तरह के उधारकर्ता ऐसे हैं, जिन्हें इस रेपो रेट में कटौती से कोई फायदा नहीं मिल पाएगा। चलिए इस आर्टिकल में इसके बारे में डीटेल में समझते हैं।
किन लोगों को नहीं मिलेगा रेपो रेट में कटौती का फायदा
Reserve Bank of India (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक जब भी रेपो रेट में कटौती का ऐलान करता है, इस बात की चर्चा होने लगती है कि कैसे बैंक से लोन लेने वालों को इसका फायदा मिलेगा। बैंक से ऑटो लोन या बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों को रेपो रेट में कटौती का फायदा मिलता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें रेपो रेट कटौती का फायदा नहीं मिलता है। चलिए समझते हैं कि ऐसे कौन से उधारकर्ता होते हैं, जिन्हें RBI के रेपो रेट कटौती का कोई फायदा नहीं मिलता है।
दरअसल जिनके रेपो रेट में कटौती से उन उधारकर्ताओं को तुरंत फायदा मिलने वाला है, जिनके फ्लोटिंग रेट लोन बाहरी बेंचमार्क (EBLR) से जुड़े हैं, जो आमतौर पर रेपो रेट होती है। फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में कटौती के कारण बैंकों ने पहले ही अपने रेपो-लिंक्ड EBLR में 50 बीपीएस की कटौती कर दी है, और अब उन्होंने उधारकर्ताओं को रेपो रेट में की गई लेटेस्ट 50 बीपीएस कटौती का फायदा देना शुरू कर दिया है। हालांकि, तीन प्रकार के उधारकर्ताओं को रेपो रेट में कटौती से तुरंत फायदा नहीं मिलेगा। चलिए ये तीनों प्रकार डीटेल में समझते हैं-
उधारकर्ताओं का पहला ग्रुप, जिन्हें रेपो रेट में कटौती से तुरंत फायदा नहीं मिलेगा, वे हैं जिनके लोन मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) से जुड़े हैं, जो कि न्यूनतम ब्याज दर है जिसके नीचे बैंक अपने कस्टमर्स को उधार नहीं दे सकते हैं। जबकि बैंक RBI की रेपो रेट में बदलाव के आधार पर MCLR को एडजस्ट करते हैं, MCLR लोन में रेपो रेट में कटौती का ट्रांसमिशन आमतौर पर रेपो-आधारित EBLR लोन की तुलना में अधिक समय लेता है। एसबीआई रिसर्च के अनुसार, लगभग 60.2% लोन अब EBLR से जुड़े हैं, और 35.9% लोन MCLR से जुड़े हैं। इसमें आगे कहा गया है कि MCLR-लिंक्ड रेट की रीसेट पीरियड लंबा है और कुछ अंतराल के साथ एडजेस्ट हो सकती है।
आप अपने बैंक से अपने लोन को MCLR से रेपो-रेट-लिंक्ड लोन में बदलने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। हालांकि, स्विच करने से पहले, आपको इस प्रोसेस में शामिल चार्जेस और आपके द्वारा की जाने वाली सेविंग्स का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करना चाहिए।
इन उधारकर्ताओं को भी रेपो रेट में कटौती का फायदा नहीं मिलने वाला है, क्योंकि लोन की शुरुआत में उनकी ब्याज दरें तय होती हैं। ऐसे लोन में, ब्याज दरें आमतौर पर अधिक होती हैं, लेकिन लोन के पूरे पीरियड के दौरान तय होती हैं।
जहां से आपने लोन लिया है, वहां से अपने लोन को रेपो रेट से जुड़े फ्लोटिंग रेट लोन में ट्रांसफर करने के लिए कह सकते हैं। हालांकि, आपको यह मूल्यांकन करना चाहिए कि स्विच करने से आपका पैसा कितना बच रहा है और इससे आपको कितना फायदा मिल रहा है। साथ ही याद रखें कि स्विच करने के लिए आपको कुछ चार्जेस भी देने पड़ते हैं।
तीसरे प्रकार के उधारकर्ता वे हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर कम है। कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं को बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर अन्य उधारकर्ताओं को दी जाने वाली ब्याज दर से अधिक होती है। फरवरी 2025 से रेपो रेट में 100 बीपीएस की कटौती के कारण, कुछ बैंक अब 7.35%-7.5% से कम ब्याज दरों की पेशकश करने जा रहे हैं। हालांकि, कम क्रेडिट स्कोर वाले उधारकर्ताओं को ऐसी कम ब्याज दरों से कोई लाभ नहीं होगा।
भविष्य में किसी भी रेपो रेट में कटौती से फायदा उठाने के लिए आपको धीरे-धीरे अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
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