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  1. Equity Linked Savings Scheme: सही ELSS फंड चुना तो होंगे कई फायदे, बचेगा टैक्स भी

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Equity Linked Savings Scheme: सही ELSS फंड चुना तो होंगे कई फायदे, बचेगा टैक्स भी

Upstox

3 min read | अपडेटेड January 20, 2025, 17:57 IST

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सारांश

Equity Linked Savings Scheme: ELSS में निवेश पर मार्केट में सुधार होने से ज्यादा फायदा मिलता है। हालांकि, इसमें निवेश करने के पहले सही फंड चुनना बेहद अहम है।

ज्यादतर ELSS फंड लार्ज-कैप स्टॉक में निवेश करते हैं जिनमें रिस्क कम होता है

ज्यादतर ELSS फंड लार्ज-कैप स्टॉक में निवेश करते हैं जिनमें रिस्क कम होता है

अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुना है तो अभी भी आपके पास मौका है कुछ ऐसी योजनाओं में निवेश करने का जिनसे आप टैक्स में बचत कर सकते हैं। इसके लिए आप वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सेक्शन 80सी के तहत ऐसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में निवेश कर सकते हैं। ELSS शेयर मार्केट में होने वाले बड़े बदलावों के बीच अच्छा रिटर्न देते हैं।

ELSS फंड्स आमतौर पर लार्ज-कैप फंड्स में निवेश करते हैं। लार्ज-कैप सूचकांकों में बदलाव होने के चलते उनसे जुड़े ELSS के नेट ऐसेट वैल्यू (NAV) घट गए हैं। कम NAV होने पर निवेशक किसी ELSS फंड की ज्यादा यूनिट्स पहले की कीमत पर ही खरीद पाते हैं।

इसके अलावा मार्केट की रिकवरी पर लार्ज कैप फंड्स बेहतर परफॉर्म करते हैं। Bajaj Finserv ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुताबिक लार्ज कैप फंड्स बाजार के ज्यादा तेजी से गिरने पर कम नीचे आते हैं जबकि सेंटीमेंट के सुधरने पर ज्यादा तेजी से रिकवर होते हैं।

ELSS का एक फायदा यह भी है कि इसका लॉक-इन पीरियड काफी कम, सिर्फ तीन साल का है। इनका विनियमन भी सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) करता है। इसके चलते निवेशकों को ज्यादा पारदर्शिता और लचीलापन मिलता है। अगर निवेशक पैसिव ELSS फंड्स में भी निवेश करते हैं तो उन्हें प्रशासनिक शुल्क भी कम पड़ता है।

कैसे हो टैक्स में बजत?

बात करें टैक्स में राहत की, तो ELSS फंड्स में निवेश से न सिर्फ निवेश की कई राशि पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है बल्कि रिडेंप्शन के समय भी टैक्स में छूट मिलती है। बजट 2024 के तहत इक्विटी योजनाओं जैसे ELSS में ₹1.25 लाख तक मुनाफे पर टैक्स में राहत मिलती है।

इसके अलावा ₹1.25 लाख तक लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स पर 12.5% टैक्स लगता है जो फिक्स्ड डिपॉजिट में स्लैब पर आधारित टैक्स से बहुत कम है। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स यहां लागू नहीं होते क्योंकि यहां लॉक-इन पीरियड ही 3 साल का है।

हालांकि, यह ध्यान देना जरूरी है कि ELSS फंड्स के फायदे नई कर व्यवस्था के तहत नहीं मिलते हैं। इसके अलावा सबसे अहम बात यह है कि हर ELSS फंड्स में अलग-अलग रिस्क होता है। ऐसे फंड्स जो मिड-कैप या स्मॉल-कैप स्टॉक्स में ज्यादा निवेश करते हों, वहां लार्ज-कैप के मुकाबले रिस्क बढ़ जाता है। हालांकि, ज्यादातर ELSS योजनाएं अपने कॉर्पस का बड़ा हिस्सा लार्ज-कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं।

अगर कोई कम जोखिम ही ले सकता है तो उसे ज्यादा सेफ विकल्पों, जैसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) में निवेश करना चाहिए। ELSS में निवेश करने के लिए सही फंड चुनने में SEBI के अप्रूव किए फाइनेंशियल अडवाइजर से सलाह ली जा सकती है। यह ध्यान रखें कि वित्त वर्ष 2024-25 में टैक्स बचाने के लिए निवेश 31 मार्च 2025 तक ही करना होगा।

डिस्क्लेमर: यह लेख सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे Upstox की ओर से निवेश की सलाह नहीं माना जाना चाहिए। पहले की परफॉर्मेंस भविष्य के रिटर्न्स तय नहीं होते। निवेश से जुड़े फैसलों के पहले एक्सपर्ट्स की सलाह लें।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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