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Sweep-in fixed deposit: FD तोड़ने की झंझट खत्म, जरूरत पड़ने पर अपने आप अकाउंट में आ जाएगा पैसा

Upstox

3 min read | अपडेटेड July 09, 2025, 17:46 IST

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सारांश

Sweep-in FD एक ऐसा FD है जिसे आपके सेविंग्स या करंट अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसमें जब आपके अकाउंट में तय सीमा से अधिक पैसा होता है, तो वह अतिरिक्त पैसा अपने आप FD में चला जाता है। इसी तरह, जब अकाउंट में बैलेंस कम हो जाता है, तो जरूरत की रकम FD से खाते में अपने आप ट्रांसफर हो जाती है।

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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आज भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।

Sweep-in fixed deposit: भारत में निवेश के कई विकल्प मौजूदा हैं। हालांकि, इसके बावजूद फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आज भी लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। इसमें ग्राहक एक तय समय के लिए एकमुश्त राशि जमा करते हैं और उस पर पहले से तय ब्याज दर प्राप्त करते हैं। आजकल बैंकों ने अलग-अलग जरूरतों के अनुसार FD के कई प्रकार शुरू किए हैं जैसे टैक्स-सेविंग FD, स्वीप-इन FD आदि।

स्वीप-इन FD क्या है?

स्वीप-इन FD एक ऐसा FD है जिसे आपके सेविंग्स या करंट अकाउंट से जोड़ा जाता है। इसमें जब आपके अकाउंट में तय सीमा से अधिक पैसा होता है, तो वह अतिरिक्त पैसा अपने आप FD में चला जाता है। इसी तरह, जब अकाउंट में बैलेंस कम हो जाता है, तो जरूरत की रकम FD से खाते में अपने आप ट्रांसफर हो जाती है।

यह एक सामान्य FD जैसा ही होता है, लेकिन इसमें आपको FD तोड़े बिना ही पैसे निकालने की सुविधा मिलती है। किसी वित्तीय जरूरत में आप अपने FD से पैसे निकाल सकते हैं और फिर भी आपका FD बना रहता है।

स्वीप-इन FD के फायदे

पैसे की कमी को मैनेज करना

अगर आपके खाते में पैसे कम पड़ जाएं, तो बैंक FD से अपने आप पैसे ट्रांसफर कर देता है। इससे चेक बाउंस, ओवरड्राफ्ट या EMI मिस होने का डर नहीं रहता।

FD तोड़ने की ज़रूरत नहीं

स्वीप-इन में आपका FD टूटता नहीं है, इसलिए आप उस पर ब्याज कमाते रहते हैं और जरूरत पड़ने पर पैसे भी निकाल सकते हैं।

अच्छा ब्याज

FD में जमा अतिरिक्त पैसे पर सेविंग्स अकाउंट के मुकाबले ज्यादा ब्याज मिलता है।

यह कैसे काम करता है?

अगर किसी महीने आपकी EMI ₹5000 की है और आपके खाते में पैसे कम हैं, तो बैंक FD से ₹5000 अपने आप ट्रांसफर कर देगा। बाकी FD की रकम पर ब्याज मिलता रहेगा।

स्वीप-इन FD के लिए पात्रता

स्वीप-इन FD के लिए आपके पास एक FD अकाउंट होना चाहिए (ज्यादातर बैंकों में कम से कम ₹25000 जमा राशि) या फिर एक प्रीमियम सेविंग्स अकाउंट होना चाहिए जिसमें मिनिमम बैलेंस (₹25,000 से ₹1,00,000) बनाए रखना होता है। हर बैंक के नियम अलग हो सकते हैं, इसलिए बुकिंग से पहले अपने बैंक से जानकारी जरूर लें।

कब चुनें स्वीप-इन FD?

अगर आप FD में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन पैसे की जरूरत पड़ने पर बिना FD तोड़े पैसे निकालना चाहते हैं और किसी भी तरह के चार्ज से बचना चाहते हैं, तो स्वीप-इन FD आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।