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2 min read | अपडेटेड March 17, 2025, 08:45 IST
सारांश
Sovereign Gold Bond को लेकर इन्वेस्टर्स के लिए खुशखबरी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि Sovereign Gold Bond 2016-17 सीरीज IV का अंतिम मोचन (final redemption) 17 मार्च यानी कि आज होना है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से इन्वेस्टर्स को मिला बंपर फायदा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) यानी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जानकारी दी है कि Sovereign Gold Bond 2016-17 सीरीज IV का अंतिम मोचन (final redemption) 17 मार्च यानी कि आज होना है। Sovereign Gold Bond का अंतिम मोचन मूल्य मोचन की डेट से पिछले तीन कारोबारी दिनों के 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा, जैसा कि इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा पब्लिश किया गया है।
Sovereign Gold Bond 2016-17 सीरीज IV का अंतिम मोचन तीन कारोबारी दिनों के लिए बंद सोने के भाव के साधारण औसत के आधार पर Sovereign Gold Bond की प्रति यूनिट 8,624 रुपये होगी। आरबीआई ने कहा, ‘Sovereign Gold Bond का मोचन प्राइस इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (आईबीजेए) द्वारा पब्लिश किए गए मोचन की डेट से पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत पर आधारित होगा। 17 मार्च 2025 को होने वाले अंतिम मोचन के लिए मोचन मूल्य 10-13 मार्च 2025 के सप्ताह के लिए सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर Sovereign Gold Bond की प्रति यूनिट 8,624 रुपये होगी। (14 मार्च 2025 के दिन छुट्टी थी)।’
Sovereign Gold Bond स्कीम सरकारी प्रतिभूतियां (government securities) हैं, जिनकी वैल्यू ग्राम सोने में होती है। वे फिजिकल गोल्ड को रखने के विकल्प हैं। इन्वेस्टर्स को जारी मूल्य का भुगतान नकद में करना होता है और बॉन्ड को मैच्योरिटी पर नकद में भुनाया जाता है। बॉन्ड भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है।
बॉन्ड शेड्यूल्ड कमर्शियल बैकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) लिमिटेड के जरिए बेचे जाएंगे।
Sovereign Gold Bond की बिक्री निवासी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों तक ही सीमित रहेगी।
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