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SCSS vs FD: रिटायरमेंट के बाद कहां लगाएं मेहनत की कमाई, ब्याज दर से पैसों की सेफ्टी तक समझिए सबकुछ

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 24, 2025, 18:12 IST

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सारांश

SCSS vs FD: अगर आप स्थिर और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, तो SCSS आपके लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आप कम अवधि के निवेश या नियमित ब्याज भुगतान में लचीलापन चाहते हैं, तो बैंक FD पर भी विचार किया जा सकता है।

SCSS vs FD

SCSS vs FD: अगर आप सुरक्षा और निश्चित रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं, तो SCSS एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

SCSS vs FD: रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ा सवाल होता है कि अब अपनी बचत कहां लगाई जाए ताकि पैसा सुरक्षित भी रहे और अच्छा रिटर्न भी मिले। इस उम्र में जोखिम लेने की क्षमता कम होती है, इसलिए सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसे सुरक्षित निवेश विकल्प सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। दोनों ही योजनाएं निश्चित ब्याज दर और पूंजी की सुरक्षा देती हैं, लेकिन इनमें कुछ अहम अंतर हैं जो यह तय करने में मदद करेंगे कि आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर है।
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SCSS vs FD: आपके लिए क्या है बेहतर?

अगर आप सुरक्षा और निश्चित रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं, तो SCSS एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह योजना सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें पूंजी पूरी तरह सुरक्षित रहती है और ब्याज दर भी तय रहती है। वहीं, अगर आप लचीलापन फ्लेक्सिबिलिटी चाहते हैं, जैसे कि निवेश अवधि या ब्याज भुगतान की आवृत्ति में बदलाव तो सीनियर सिटिजन FD बेहतर साबित हो सकता है। कुछ छोटे फाइनेंस बैंक सीनियर सिटिजन को 8% से ज्यादा ब्याज दरें भी दे रहे हैं।

एक्सपर्ट्स की राय

मुंबई के निवेश और टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक, “SCSS रिटायरमेंट के बाद के लिए सबसे आकर्षक विकल्पों में से एक है, क्योंकि यह ज्यादातर बैंकों के FD की तुलना में ज्यादा ब्याज दर देता है और इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट भी प्रदान करता है।” उनके अनुसार, रिटायर व्यक्तियों को बैंक FD की बजाय SCSS में निवेश को प्राथमिकता देनी चाहिए।

SCSS और FD में क्या है अंतर

1) निवेश अवधि

SCSS की अवधि 5 साल की होती है, जिसे 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। वहीं, बैंक FD की अवधि कुछ महीनों से लेकर 10 साल तक हो सकती है।

2) ब्याज दर

SCSS इस समय लगभग 8.2% वार्षिक ब्याज देता है, जो सरकारी गारंटी के साथ आता है। बैंकों में सीनियर सिटिजन FD पर ब्याज दरें इस प्रकार हैं —

  • HDFC Bank: 7.10% (18–21 महीने)
  • ICICI Bank: 7.10% (2–10 साल)
  • Kotak Mahindra Bank: 7.10% (23 महीने)
  • Federal Bank: 7.20% (999 दिन)
  • SBI: 6.95% (2–3 साल)
  • Union Bank: 6.60% (3 साल)
  • PNB: 7.10% (390 दिन)
  • Canara Bank: 7.00% (444 दिन)

3) सुरक्षा

दोनों विकल्पों में पूंजी सुरक्षित रहती है, लेकिन SCSS को भारत सरकार की गारंटी प्राप्त है। बैंक FD में ₹5 लाख तक की जमा राशि ही DICGC बीमा के तहत सुरक्षित रहती है, इसलिए SCSS को थोड़ा अधिक सुरक्षित माना जाता है।

4) टैक्स बेनिफिट

दोनों योजनाओं पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। हालांकि, SCSS में निवेश की गई राशि पर ₹1.5 लाख तक की कटौती धारा 80C के तहत मिलती है। इसी तरह, आप 5 साल की टैक्स-सेविंग FD में निवेश करके भी 80C का लाभ ले सकते हैं।

अगर आप स्थिर और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, तो SCSS आपके लिए बेहतर विकल्प है। लेकिन अगर आप कम अवधि के निवेश या नियमित ब्याज भुगतान में लचीलापन चाहते हैं, तो बैंक FD पर भी विचार किया जा सकता है।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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