पर्सनल फाइनेंस
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4 min read | अपडेटेड December 08, 2025, 15:00 IST
सारांश
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए कर्ज की ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है। यह फैसला आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद लिया गया है। अब पीएनबी का रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) घटकर 8.10 फीसदी हो गया है। इससे होम लोन की ईएमआई कम हो जाएगी।

पीएनबी ने आरबीआई के फैसले के बाद ब्याज दरों में कटौती की है।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के करोड़ों ग्राहकों के लिए हफ्ते की शुरुआत अच्छी खबर के साथ हुई है। देश के इस बड़े सरकारी बैंक ने अपने कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला किया है। पीएनबी ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट यानी आरएलएलआर (RLLR) में 0.25 फीसदी की कटौती की है। यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के उस कदम के बाद आया है जिसमें केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को रेपो रेट घटाने का ऐलान किया था। बैंक की नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। इस कटौती के बाद पीएनबी का आरएलएलआर 8.35 फीसदी से घटकर अब 8.10 फीसदी पर आ गया है। इसका सीधा मतलब है कि बैंक से होम लोन या कार लोन लेने वाले ग्राहकों पर ईएमआई का बोझ अब हल्का हो जाएगा।
पीएनबी ने यह कदम रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों के ठीक बाद उठाया है। शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली समिति ने सर्वसम्मति से रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटाकर 5.25 फीसदी कर दिया था। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने अपना रुख भी 'न्यूट्रल' बनाए रखा है। यह इस साल आरबीआई द्वारा की गई चौथी कटौती है। इससे पहले अगस्त और अक्टूबर में दरें स्थिर रखी गई थीं। चूंकि आरएलएलआर सीधे रेपो रेट से जुड़ा होता है, इसलिए जैसे ही आरबीआई दरें घटाता है, बैंकों को भी अपनी ब्याज दरें कम करनी पड़ती हैं। पीएनबी के अलावा बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक जैसे अन्य सरकारी बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में इतनी ही कटौती की घोषणा की है।
अगर आपने पीएनबी या किसी अन्य बैंक से फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया है और वह आरएलएलआर से जुड़ा है, तो निश्चित रूप से आपकी ईएमआई कम होगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह फायदा आपको अगले महीने से ही मिलेगा। इसका जवाब आपके लोन की 'रीसेट डेट' पर निर्भर करता है। ज्यादातर बैंक रेपो रेट से जुड़े लोन की दरों को हर तीन महीने में एक बार रीसेट यानी अपडेट करते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपके लोन की दरें अभी हाल ही में अक्टूबर में तय हुई थीं, तो नई घटी हुई दरों का फायदा आपको जनवरी से मिल सकता है। जब दरें कम होती हैं तो आपकी ईएमआई की राशि घट जाती है। हालांकि आपके पास यह विकल्प भी होता है कि आप ईएमआई की राशि उतनी ही रखें और अपने लोन की अवधि यानी टेन्योर को कम करवा लें, जिससे आपका ब्याज का पैसा बच सके।
यह समझना जरूरी है कि इस कटौती का फायदा सिर्फ उन ग्राहकों को मिलेगा जिनका लोन आरएलएलआर से जुड़ा है। जिन ग्राहकों के लोन पुराने बेंचमार्क जैसे एमसीएलआर (MCLR) या बेस रेट पर चल रहे हैं, उन्हें इस कटौती का सीधा लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे ग्राहकों को फायदा तभी होगा जब बैंक अपना एमसीएलआर घटाए या फिर वे अपने लोन को आरएलएलआर में स्विच करवाएं। लोन स्विच करवाने के लिए बैंक कुछ फीस चार्ज कर सकते हैं और यह फैसला आपको अपने बचे हुए लोन की अवधि और ब्याज दरों के अंतर को देखकर लेना चाहिए।
आरएलएलआर वह ब्याज दर है जिस पर बैंक अपने रिटेल लोन, खासकर होम लोन और ऑटो लोन देते हैं। यह दर किसी बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी होती है और ज्यादातर मामलों में यह बेंचमार्क आरबीआई का रेपो रेट ही होता है। अक्टूबर 2019 से आरबीआई ने बैंकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया था कि वे नए फ्लोटिंग रेट वाले रिटेल लोन को किसी बाहरी बेंचमार्क से जोड़ें। इसका मकसद यह था कि जब आरबीआई दरें घटाए तो उसका फायदा ग्राहकों को तुरंत और पारदर्शी तरीके से मिल सके। यही वजह है कि शुक्रवार को आरबीआई के फैसले के बाद बैंकों ने इतनी जल्दी दरें घटाने का ऐलान कर दिया है।
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