पर्सनल फाइनेंस
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3 min read | अपडेटेड December 18, 2025, 09:02 IST
सारांश
भारत में शादियां महंगी होती जा रही हैं। कई बार लोग इसके लिए पर्सनल लोन लेते हैं। लेकिन क्या चंद दिनों के जश्न के लिए सालों का कर्ज उठाना समझदारी है? आज डीटेल में इसके बारे में समझने वाले हैं।

शादी के लिए पर्सनल लोन लेने से पहले इन जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
भारत में शादियां सिर्फ दो लोगों का मिलन नहीं, बल्कि एक भव्य उत्सव होती हैं। नाच-गाना, रस्में, मेहमानों की लंबी लिस्ट और शानदार सजावट भारतीय शादियों की पहचान हैं। लेकिन इस चमक-धमक के पीछे एक कड़वी सच्चाई भी छिपी है, और वह है भारी-भरकम खर्च। कई बार परिवार अपनी पूरी जमापूंजी लगा देते हैं और जब वह कम पड़ती है, तो पर्सनल लोन का सहारा लेते हैं। क्या कुछ दिनों की खुशियों के लिए सालों तक कर्ज की ईएमआई भरना सही है? आइए इसे 5 अहम प्वाइंट्स में समझते हैं।
पिछले एक दशक में भारतीय शादियों का खर्च काफी बढ़ गया है। आज के समय में एक सामान्य मध्यम वर्गीय शादी का खर्च भी 5 लाख रुपये से लेकर 20 लाख रुपये के बीच आता है। वहीं, अगर अपर मिडिल क्लास या डेस्टिनेशन वेडिंग की बात करें, तो यह बजट आसानी से 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। ऐसे में कई कपल्स और परिवार इस खर्च को पूरा करने के लिए बैंकों का दरवाजा खटखटाते हैं।
बैंकों में 'वेडिंग लोन' नाम से कोई अलग कैटेगरी नहीं होती है। यह एक तरह का अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन ही होता है। इसकी खासियत यह है कि इसके लिए आपको अपनी कोई संपत्ति या सोना गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती। आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर के आधार पर बैंक आपको 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा का लोन दे सकते हैं। इसकी कागजी कार्रवाई आसान होती है और पैसा 24 से 72 घंटों में आपके खाते में आ जाता है। आप इसे अपनी सुविधा के अनुसार 1 से 5 साल में चुका सकते हैं।
पर्सनल लोन सबसे महंगे कर्जों में से एक होता है। अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें 10 फीसदी से लेकर 25 फीसदी सालाना तक हो सकती हैं। साल 2025 में प्रमुख बैंकों की दरों पर नजर डालें तो एसबीआई 10.05% से 15.05%, एचडीएफसी बैंक 9.99% से 24%, और आईसीआईसीआई बैंक 10.45% से 16.50% के बीच ब्याज ले रहे हैं। इसके अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र 9% की शुरुआती दर ऑफर कर रहा है। याद रखें, ब्याज के अलावा आपको प्रोसेसिंग फीस भी देनी पड़ती है।
लोन लेते समय यह सोचना जरूरी है कि क्या यह वास्तव में आवश्यक है। मान लीजिए आपने 10 लाख रुपये का लोन लिया। 10 से 25 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से जब तक आप इसे चुकाएंगे, आप बैंक को 12 से 14 लाख रुपये लौटा चुके होंगे। यह एक्स्ट्रा पैसा आपकी मेहनत की कमाई है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि लोन तभी लेना चाहिए जब आपकी ईएमआई आपकी कुल कमाई के 10 से 15 फीसदी से ज्यादा न हो। इससे ज्यादा होने पर आपकी लाइफस्टाइल और मानसिक शांति बिगड़ सकती है।
कोरोना के बाद छोटी शादियों का चलन बढ़ा है। अगर आप बड़ी शादी के बजाय छोटा समारोह करते हैं, तो बचे हुए पैसों का बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। लोन लेकर शादी करने के बजाय उस पैसे को घर की डाउन पेमेंट या म्यूचुअल फंड में निवेश करना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है। हालांकि, अगर आपको पैसों की बहुत सख्त जरूरत है और आपकी भविष्य की इनकम स्टेबल है, तो ही लोन लेने का विचार करें। समय पर ईएमआई चुकाने से आपका सिबिल स्कोर बेहतर हो सकता है, जो भविष्य में होम लोन लेने में मदद करेगा।
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