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  1. Personal Loan: बैंक बिना बताए लगा सकते हैं ये 9 हिडन चार्ज, लोन लेने से पहले समझ लें

पर्सनल फाइनेंस

Personal Loan: बैंक बिना बताए लगा सकते हैं ये 9 हिडन चार्ज, लोन लेने से पहले समझ लें

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 26, 2025, 08:45 IST

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सारांश

Personal Loan: बैंक लोन जारी करते समय कस्टमर्स पर कई छिपे हुए चार्ज लगाते हैं। लोन लेते समय इन छिपे हुए चार्ज के बारे में पूरी जानकारी रखें ताकि बाद में कोई अनचाहा खर्च न आए। यहां बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले 9 हिडन चार्ज बताए गए हैं।

Personal Loan: बैंक लोन राशि का 1% से 3% तक प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में ले सकते हैं।

Personal Loan: बैंक लोन राशि का 1% से 3% तक प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में ले सकते हैं।

Personal Loan: पर्सनल लोन कई तरह के कामों के लिए जल्दी में पैसे पाने का एक आसान तरीका है। मेडिकल इमरजेंसी से लेकर घर की मरम्मत जैसी जरूरतों के लिए आप पर्सनल लोन ले सकते हैं। यह एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन (बिना किसी गारंटी के) होता है, इसलिए इसमें ब्याज भी अधिक होता है।

अगर आप पर्सनल लोन लेने का मन बना रहे हैं तो पहले आपको अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों के साथ ही लोन की शर्तों की भी अच्छे से तुलना कर लेनी चाहिए। इस तरह आप ना सिर्फ अपनी EMI का बोझ कम कर सकते हैं, बल्कि भविष्य में होने वाली दिक्कतों से भी बच सकते हैं।

दरअसल, बैंक लोन जारी करते समय कस्टमर्स पर कई छिपे हुए चार्ज लगाते हैं। लोन लेते समय इन छिपे हुए चार्ज के बारे में पूरी जानकारी रखें ताकि बाद में कोई अनचाहा खर्च न आए। यहां बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले 9 हिडन चार्ज बताए गए हैं।

  1. प्रोसेसिंग फीस: बैंक लोन राशि का 1% से 3% तक प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में ले सकते हैं।
  2. बीमा शुल्क (Insurance Charges) :

बैंक लोन के साथ लोन प्रोटेक्शन बीमा जोड़ते हैं, जिससे लोन न चुकाने के जोखिम को कवर किया जा सके। यह अनिवार्य नहीं होता, लेकिन बैंक इसे डिफ़ॉल्ट रूप से जोड़ देते हैं, और अगर ग्राहक इसे नहीं चाहता, तो उसे इसे अनसेलेक्ट पड़ता है।

  1. प्री-पेमेंट या फोरक्लोज़र चार्ज:

अगर आप लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही पूरा भुगतान कर देते हैं, तो बैंक प्री-पेमेंट चार्ज ले सकते हैं, जो आमतौर पर बकाया लोन राशि का 2% से 5% तक होता है।

कुछ बैंक एक निश्चित समय के बाद पार्ट प्री-पेमेंट की अनुमति देते हैं, लेकिन फिर भी शुल्क ले सकते हैं। ध्यान रहे कि RBI ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिससे फ्लोटिंग ब्याज दर वाले लोन पर ये चार्ज लगाने से बैंकों को रोका जा सके।

  1. लेट पेमेंट पेनल्टी :

अगर आप समय पर EMI का भुगतान नहीं करते, तो आपको लेट फीस देनी होगी, जो बकाया EMI पर 2% से 4% प्रति माह हो सकती है। इससे क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।

  1. EMI बाउंस चार्ज :

अगर बैंक अकाउंट में पैसे कम होने की वजह से EMI फेल हो जाती है, तो बैंक प्रति बाउंस ₹500 से ₹1000 + GST चार्ज कर सकते हैं। कुछ बैंक ओवरड्यू अमाउंट पर जुर्माना ब्याज भी जोड़ सकते हैं।

  1. लोन कैंसलेशन चार्ज :

अगर आप लोन मंजूरी के बाद इसे कैंसिल करना चाहते हैं, तो कुछ बैंक ₹1000 से ₹3000 तक कैंसलेशन फीस ले सकते हैं।

  1. डॉक्यूमेंटेशन चार्ज:

कुछ बैंक डॉक्यूमेंटेशन या एग्रीमेंट साइनिंग फीस के रूप में ₹500 से ₹2000 तक चार्ज कर सकते हैं।

  1. लोन कन्वर्जन चार्ज :

अगर आप लोन की अवधि बदलना चाहते हैं या कम ब्याज दर पर शिफ्ट करना चाहते हैं, तो बैंक 0.5% से 2% तक कन्वर्जन फीस ले सकते हैं।

  1. स्टांप ड्यूटी और लीगल चार्ज:

लोन एग्रीमेंट के लिए स्टांप ड्यूटी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। कुछ बैंक लोन वेरिफिकेशन के लिए लीगल चार्ज भी लगाते हैं।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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