पर्सनल फाइनेंस
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3 min read | अपडेटेड December 17, 2025, 15:39 IST
सारांश
पीएफआरडीए ने एनपीएस से जुडे नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब गैर-सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के समय अपने कुल फंड का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकेंगे। पहले यह सीमा 60 फीसदी थी। एन्युटी खरीदने की अनिवार्य सीमा को 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है।

एनपीएस सब्सक्राइबर्स को अब रिटायरमेंट पर मिलेगा ज्यादा कैश
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी यानी पीएफआरडीए ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करने वालों को बड़ी राहत दी है। अथॉरिटी ने निकासी और एग्जिट के नियमों में संशोधन करते हुए एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत अब गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स के लिए एन्युटी खरीदने की अनिवार्य सीमा को कम कर दिया गया है। पहले रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी यानी पेंशन प्लान में लगाना जरूरी होता था, लेकिन अब इसे घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब निवेशक अपने कुल फंड का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त या टुकड़ों में निकाल सकते हैं।
हालांकि यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है। इस नए नियम का फायदा उठाने के लिए सब्सक्राइबर को एनपीएस में कम से कम 15 साल पूरे करने होंगे। अगर कोई व्यक्ति 60 साल की उम्र पूरी कर चुका है या अपनी नौकरी की शर्तों के मुताबिक रिटायर हो चुका है, तो वह भी इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। इन शर्तों को पूरा करने वाले लोग अपने जमा पैसे का 80 फीसदी हिस्सा एकमुश्त निकाल सकते हैं या सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान के जरिए ले सकते हैं। बाकी बचे 20 फीसदी हिस्से से उन्हें मासिक पेंशन के लिए एन्युटी प्लान खरीदना होगा।
पीएफआरडीए ने छोटे निवेशकों को भी बड़ी राहत दी है। अगर किसी सब्सक्राइबर का कुल पेंशन फंड 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे कोई एन्युटी प्लान खरीदने की जरूरत नहीं होगी। वह पूरा पैसा एकमुश्त निकाल सकता है। वहीं, अगर फंड 8 लाख से ज्यादा लेकिन 12 लाख रुपये से कम है, तो सब्सक्राइबर के पास 6 लाख रुपये तक एकमुश्त निकालने का विकल्प होगा। बाकी बची रकम को वह सिस्टेमैटिक यूनिट रिडेम्पशन के जरिए कम से कम छह साल तक ले सकता है या उससे एन्युटी खरीद सकता है।
अगर कोई सब्सक्राइबर एनपीएस से समय से पहले बाहर निकलना चाहता है, तो उसे इन नए नियमों का फायदा नहीं मिलेगा। नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 15 साल पूरे होने से पहले, 60 साल की उम्र से पहले या रिटायरमेंट से पहले एनपीएस छोड़ता है, तो उसे अपने कुल फंड का 80 फीसदी हिस्सा एन्युटी खरीदने में लगाना होगा। हालांकि, अगर ऐसे मामले में कुल फंड 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो पूरा पैसा निकाला जा सकता है।
जो लोग 60 साल की उम्र के बाद एनपीएस से जुड़े हैं, उनके लिए भी नियम साफ किए गए हैं। ऐसे लोग अगर 85 साल की उम्र से पहले एग्जिट करते हैं, तो उन्हें कम से कम 20 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदनी होगी। अगर उनका कुल फंड 12 लाख रुपये या उससे कम है, तो वे पूरा पैसा एकमुश्त निकाल सकते हैं। इसके अलावा गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स 85 साल की उम्र तक अपनी एन्युटी खरीद या एकमुश्त निकासी को टाल भी सकते हैं।
सरकारी कर्मचारियों के लिए नियमों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। सरकारी सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट के बाद 85 साल की उम्र तक एनपीएस में बने रह सकते हैं। लेकिन जब वे एग्जिट करेंगे, तो उन्हें अपने रिटायरमेंट फंड का कम से कम 40 फीसदी हिस्सा एन्युटी प्लान खरीदने में लगाना होगा। बाकी बची रकम को वे एकमुश्त या पीरियोडिक पेआउट के जरिए निकाल सकते हैं।
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