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4 min read | अपडेटेड December 30, 2025, 12:04 IST
सारांश
नया साल अपने साथ कई बड़े बदलाव लेकर आ रहा है। बैंकिंग से लेकर रसोई गैस की कीमतों तक, आपकी रोजमर्रा की जिंदगी पर इन नियमों का असर पड़ेगा। क्रेडिट स्कोर अब हर हफ्ते अपडेट होगा, जबकि 8वें वेतन आयोग को लेकर भी नई चर्चाएं शुरू हो सकती हैं।

नए साल की शुरुआत के साथ ही कई महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव देखने को मिलेगा।
हर साल की तरह 2026 का आगमन भी केवल कैलेंडर की तारीख बदलने तक सीमित नहीं रहेगा। 1 जनवरी 2026 से भारत में आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियमों में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का दायरा बैंकिंग सेवाओं से लेकर रसोई घर के बजट और डिजिटल भुगतान तक फैला हुआ है। सरकार और विभिन्न नियामक संस्थाओं ने मिलकर इन नए नियमों को तैयार किया है ताकि व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके। अगर आप भी अपनी वित्तीय योजना और सरकारी सुविधाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के उठाना चाहते हैं, तो इन बदलावों को बारीकी से समझना आपके लिए बहुत जरूरी है।
नए साल में बैंकिंग सेवाओं में सबसे बड़ा बदलाव क्रेडिट स्कोर को लेकर देखने को मिलेगा। अब तक क्रेडिट स्कोर महीने में दो बार अपडेट होता था, लेकिन 1 जनवरी से इसे हर हफ्ते अपडेट किया जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि अगर आप अपने लोन की किस्त या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करते हैं, तो उसका नकारात्मक असर तुरंत आपके स्कोर पर दिखेगा। हालांकि, समय पर भुगतान करने वाले ग्राहकों को इसका फायदा भी जल्दी मिलेगा क्योंकि उनका स्कोर तेजी से सुधरेगा। इसके साथ ही पैन और आधार कार्ड को लिंक करने की अनिवार्यता और बढ़ गई है। बिना लिंक वाले पैन कार्ड धारकों की कई बैंकिंग सेवाएं और सरकारी सब्सिडी रुक सकती हैं, जिससे टैक्स रिफंड लेने में भी बड़ी परेशानी हो सकती है।
मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 1 जनवरी की सुबह रसोई गैस और ईंधन की नई कीमतों के साथ शुरू होगी। तेल कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर, सीएनजी और हवाई ईंधन के दामों की समीक्षा करती हैं। वैश्विक बाजार की स्थितियों को देखते हुए नए साल में इन कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अगर गैस की कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो इसका सीधा असर घरेलू बजट पर पड़ेगा। वहीं एविएशन फ्यूल की कीमतों में बदलाव होने से आने वाले समय में हवाई यात्रा के किराए पर भी प्रभाव पड़ सकता है। आम जनता को उम्मीद है कि नए साल के तोहफे के रूप में सरकार कीमतों में कुछ राहत जरूर देगी।
डिजिटल इंडिया के दौर में ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार अब और अधिक सख्त कदम उठाने जा रही है। 1 जनवरी से यूपीआई, वॉट्सऐप पे और फोनपे जैसे डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स के लिए केवाईसी और मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के नियम कड़े कर दिए जाएंगे। फर्जी अकाउंट्स पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है ताकि आम लोगों का पैसा सुरक्षित रहे। इसके अलावा सोशल मीडिया और इंटरनेट सुरक्षा को लेकर भी नए नियम लागू हो सकते हैं। विशेष रूप से नाबालिगों की सुरक्षा के लिए उम्र सत्यापन और पैरेंटल कंट्रोल जैसे फीचर्स को अनिवार्य बनाया जा सकता है ताकि बच्चों को डिजिटल दुनिया के खतरों से बचाया जा सके।
सरकारी कर्मचारियों के लिए साल 2026 बड़ी उम्मीदें लेकर आ रहा है। 2025 के अंत में 7वां वेतन आयोग समाप्त हो रहा है, जिसके बाद 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार के भीतर चर्चाएं तेज होने की संभावना है। इससे लाखों कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बड़े बदलाव की राह साफ हो सकती है। वहीं दूसरी ओर आम आदमी के लिए घर या कार खरीदना अब थोड़ा सस्ता हो सकता है। आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का असर बैंकों पर दिखने लगा है। संकेत मिल रहे हैं कि नए साल में बैंक होम लोन और कार लोन की ब्याज दरों में कमी कर सकते हैं, जिससे लोगों की मासिक किस्त यानी ईएमआई का बोझ कम होगा।
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले लाभार्थियों के लिए 31 दिसंबर 2025 की समय सीमा बहुत महत्वपूर्ण है। राशन कार्ड की ई-केवाईसी और किसान आईडी बनवाने का काम अगर इस तारीख तक पूरा नहीं हुआ, तो 1 जनवरी 2026 से मुफ्त राशन और अन्य सरकारी सब्सिडी का लाभ मिलना बंद हो सकता है। सरकार का उद्देश्य फर्जी लाभार्थियों को बाहर करना और पात्र लोगों तक सीधी मदद पहुंचाना है। इसलिए किसानों और राशन कार्ड धारकों को सलाह दी गई है कि वे समय रहते अपनी जानकारी अपडेट करा लें ताकि नए साल में उन्हें किसी भी तरह की सरकारी रुकावट का सामना न करना पड़े।
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