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New UPI rules: अब बैलेंस और ट्रांजेक्शन चेक करने पर लिमिट, 1 अगस्त से लागू होंगे नए नियम

Upstox

3 min read | अपडेटेड May 28, 2025, 14:03 IST

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सारांश

New UPI rules: NPCI ने 21 मई 2025 को एक सर्कुलर जारी किया जिसमें सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को 10 हाई-फ्रीक्वेंसी APIs के इस्तेमाल को मॉनिटर और कंट्रोल करने के लिए कहा गया है। ये APIs वो हैं जो या तो यूजर्स खुद या फिर सिस्टम द्वारा बार-बार इस्तेमाल की जाती हैं।

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अब आप किसी भी एक UPI ऐप (जैसे PhonePe, Paytm) से दिन में 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे।

New UPI rules: 1 अगस्त 2025 से UPI यूजर्स को कुछ नॉन-फाइनेंशियल कामों जैसे अकाउंट बैलेंस चेक करना या ट्रांजैक्शन स्टेटस देखना जैसी चीजों पर लिमिट झेलनी पड़ सकती है। ये बदलाव NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के नए API गाइडलाइंस के तहत किए जा रहे हैं, ताकि UPI सिस्टम ज़्यादा लोड के समय क्रैश न हो और सभी के लिए आसानी से काम करता रहे।

NPCI ने 21 मई 2025 को एक सर्कुलर जारी किया जिसमें सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को 10 हाई-फ्रीक्वेंसी APIs के इस्तेमाल को मॉनिटर और कंट्रोल करने के लिए कहा गया है। ये APIs वो हैं जो या तो यूज़र्स खुद या फिर सिस्टम द्वारा बार-बार इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें शामिल हैं- बैलेंस चेक करना, ऑटोपे (AutoPay) सेट करना, ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक करना और अकाउंट लिस्ट देखना।

बैलेंस चेक पर लिमिट

अब आप किसी भी एक UPI ऐप (जैसे PhonePe, Paytm) से दिन में 50 बार ही बैलेंस चेक कर पाएंगे। अगर आप एक से ज्यादा UPI ऐप इस्तेमाल करते हैं, तो हर ऐप पर 50-50 बार चेक कर सकते हैं।

NPCI ने कहा है कि लोग पीक आवर्स (10 AM – 1 PM और 5 PM – 9:30 PM) में बार-बार बैलेंस न चेक करें। अब हर सफल ट्रांजेक्शन के साथ बैंक खुद ही नया बैलेंस दिखा देगा, जिससे बार-बार बैलेंस चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

ऑटोपे और ट्रांजेक्शन स्टेटस API पर भी लिमिट

ऑटोपे मैनडेट (जैसे मंथली SIP या Netflix सब्सक्रिप्शन) अब सिर्फ नॉन-पीक आवर्स में प्रोसेस होंगे। एक मैनडेट के लिए अधिकतम 1 अटेंप्ट और 3 री-ट्राई की अनुमति होगी।

ट्रांजेक्शन स्टेटस चेक अब ट्रांजेक्शन के 90 सेकंड बाद ही किया जा सकेगा और 2 घंटे के भीतर अधिकतम 3 बार ही किया जा सकेगा।

अकाउंट लिस्टिंग API पर भी लिमिट

अब आप दिन में 25 बार ही अकाउंट लिस्टिंग रिक्वेस्ट कर सकते हैं यानी मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट्स की लिस्ट देखने की सीमा होगी। हर बार रिक्वेस्ट से पहले बैंक चुनना होगा और री-अटेम्प्ट तभी होगा जब आप उसकी इजाज़त देंगे।

सालाना ऑडिट अनिवार्य

हर एक्वायरिंग बैंक को अब CERT-In (सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था) से हर साल ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। पहला ऑडिट 31 अगस्त तक ज़रूरी है।

क्यों हो रहे हैं ये बदलाव?

UPI ट्रांजेक्शन की संख्या लगातार बढ़ रही है। NPCI चाहता है कि सिस्टम ज्यादा लोड में भी बिना रुके काम करे। इसलिए ये लिमिट्स लगाई जा रही हैं ताकि बैकएंड सिस्टम बेहतर तरीके से मैनेज हो सके।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।