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  1. Labour Code में हुए बदलाव से कैसे बूस्ट होगी आपकी रिटायरमेंट सेविंग? जान गए तरीका तो टेंशन फ्री कटेगा बुढ़ापा

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Labour Code में हुए बदलाव से कैसे बूस्ट होगी आपकी रिटायरमेंट सेविंग? जान गए तरीका तो टेंशन फ्री कटेगा बुढ़ापा

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 03, 2025, 14:35 IST

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सारांश

भारत में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए नए लेबर कोड लागू होने वाले हैं। इससे सैलरी के ढांचे में बड़ा बदलाव आएगा। अब आपकी बेसिक सैलरी कुल वेतन का कम से कम 50 फीसदी होगी। इससे हाथ में आने वाली सैलरी घट सकती है, लेकिन पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।

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नए लेबर कोड लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पीएफ योगदान में बडी बढोतरी होगी।

भारत में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ी खबर है। अगर आप भी किसी कंपनी में नौकरी करते हैं, तो जल्द ही आपकी सैलरी का स्ट्रक्चर पूरी तरह बदलने वाला है। सरकार ने पुराने 29 श्रम कानूनों (Labour Laws) को मिलाकर 4 नए और व्यापक लेबर कोड तैयार किए हैं। इनमें वेतन संहिता (Code on Wages), औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। इन बदलावों का सबसे गहरा असर आपकी सैलरी स्लिप और रिटायरमेंट सेविंग पर पड़ने वाला है।

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क्या है सैलरी का नया नियम?

इस बदलाव के केंद्र में है 'वेतन' यानी 'Wages' की नई परिभाषा। नए नियमों के मुताबिक, अब किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Basic Salary) उसकी कुल सैलरी (CTC) का कम से कम 50 फीसदी होनी चाहिए। अभी तक क्या होता था कि कंपनियां पीएफ (EPF) और ग्रेच्युटी (Gratuity) की देनदारी बचाने के लिए बेसिक सैलरी को बहुत कम रखती थीं और बाकी पैसा भत्तों (Allowances) के रूप में देती थीं। लेकिन अब भत्ते कुल सैलरी के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकते। यह पुराना ढांचा अब पूरी तरह बदलने जा रहा है।

जेब पर क्या होगा तत्काल असर?

जैसे ही बेसिक सैलरी बढेगी, वैसे ही आपका और कंपनी का पीएफ योगदान (Provident Fund Contribution) भी बढ़ जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पीएफ, पेंशन और ग्रेच्युटी की गणना बेसिक सैलरी के आधार पर ही होती है। जब बेसिक सैलरी ज्यादा होगी, तो पीएफ के लिए आपकी सैलरी से कटने वाला हिस्सा भी बड़ा होगा। इसका सीधा मतलब है कि महीने के अंत में आपके बैंक खाते में आने वाली 'टेक-होम सैलरी' (Take-home Salary) थोड़ी कम हो सकती है। शुरुआती दौर में यह कर्मचारियों को थोड़ा खटक सकता है, लेकिन इसके पीछे सरकार की मंशा भविष्य को सुरक्षित करने की है।

रिटायरमेंट पर होगा बड़ा फायदा

भले ही आज हाथ में कम पैसा आए, लेकिन भविष्य के लिए यह सौदा बहुत फायदे का है। टैक्स और निवेश एक्सपर्ट बलवंत जैन ने इस गणित को बहुत आसानी से समझाया है। उनका कहना है कि नए लेबर कोड से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की रिटायरमेंट सेविंग्स में जबरदस्त उछाल आएगा। चूंकि बेसिक सैलरी बढेगी, इसलिए ईपीएफ, एनपीएस और ग्रेच्युटी में जाने वाला पैसा भी बढ़ जाएगा। इसका नतीजा यह होगा कि रिटायरमेंट के समय आपके पास एक बड़ा फंड (Corpus) तैयार होगा। साथ ही, आप ज्यादा पेंशन पाने के हकदार भी होंगे।

टैक्स बचाने में भी मिलेगी मदद

बलवंत जैन बताते हैं कि यह बदलाव टैक्स बचाने में भी मदद करेगा। जब नियोक्ता (Employer) की तरफ से पीएफ और एनपीएस में योगदान बढ़ता है, तो वह टैक्स के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। यानी लंबी अवधि में यह बदलाव न सिर्फ आपकी रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत करेगा, बल्कि आपको बेहतर वित्तीय सुरक्षा भी देगा।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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