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  1. SIP vs Lump Sum: हर महीने ₹15000 या एकमुश्त ₹4 लाख, ₹1 करोड़ बनाने में कौन-सा तरीका तेज?

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SIP vs Lump Sum: हर महीने ₹15000 या एकमुश्त ₹4 लाख, ₹1 करोड़ बनाने में कौन-सा तरीका तेज?

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड December 02, 2025, 19:01 IST

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सारांश

SIP तेज इसलिए होती है क्योंकि आप हर महीने निवेश करते रहते हैं और कुछ ही सालों में आपका कुल निवेश लंपसम के बराबर हो जाता है। आगे के सालों में निवेश बढ़ता जाता है और कंपाउंडिंग का फायदा भी लगातार मिलता रहता है। यही वजह है कि SIP जल्दी लक्ष्य तक पहुंचाती है।

Mutual Fund

SIP उन लोगों के लिए बेहतर है जो नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश कर सकते हैं।

Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में निवेश के दो तरीके हैं। पहला तरीका है- SIP यानी सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान। इसमें आप एक निश्चित अंतराल पर एक तय रकम निवेश कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके पास हर महीने सैलरी आती है और अनुशासन के साथ निवेश कर सकते हैं। दूसरा तरीका है लंपसम इनवेस्टमेंट। अगर आपके पास बड़ा फंड एक साल उपलब्ध है तो आप लंपसंप निवेश भी कर सकते हैं।
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अब सवाल यह है कि इनमें से कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है। मान लीजिए कि आपको भविष्य में 1 करोड़ रुपये का फंड बनाना है और आपके पास दो विकल्प हैं- हर महीने 15000 रुपये SIP करना या एक बार में 4 लाख रुपये निवेश करना। तो इन दोनों में से कौन सा तरीका आपको तेजी से 1 करोड़ तक पहुंचाता है, आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।

15000 रुपये के SIP से कितने समय में बनेगा 1 करोड़ रुपये?

अगर आप हर महीने 15000 रुपये SIP के रूप में निवेश करते हैं और मान लें कि आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न मिलता है। ऐसे में लगभग 17 साल में आपका कुल निवेश 30,60,000 रुपये होगा। इस पर मिलने वाले 69,58,812 रुपये के मुनाफे से यह राशि बढ़कर कुल 1 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।

इसका मतलब है कि आप 17 साल में ही 1 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल कर लेंगे। SIP की खासियत यह है कि आपका निवेश धीरे-धीरे बढ़ता है और समय के साथ कंपाउंडिंग की वजह से आपका पैसा तेजी से बढ़ता जाता है।

4 लाख रुपये का लंपसम इनवेस्टमेंट

अब दूसरी तरफ अगर आप 4 लाख रुपये एक बार में निवेश करते हैं और वही 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, तो 17 साल बाद यह राशि केवल लगभग 27.46 लाख रुपये ही बनती है। वहीं, इसके जरिए 1 करोड़ रुपये तक पहुंचने में आपको कुल 29 साल लग जाएंगे। इसका मतलब है कि लंप सम निवेश के मुकाबले SIP से आपका लक्ष्य काफी जल्दी पूरा होता है।

SIP में तेजी से क्यों बढ़ता है पैसा?

SIP तेज इसलिए होती है क्योंकि आप हर महीने निवेश करते रहते हैं और कुछ ही सालों में आपका कुल निवेश लंपसम के बराबर हो जाता है। आगे के सालों में निवेश बढ़ता जाता है और कंपाउंडिंग का फायदा भी लगातार मिलता रहता है। यही वजह है कि SIP जल्दी लक्ष्य तक पहुंचाती है।

समझने वाली बात यह है कि दोनों ही तरीके लंबे समय में अच्छे हैं, लेकिन आपकी आय, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश का उद्देश्य देखकर ही आपको फैसला लेना चाहिए। SIP उन लोगों के लिए बेहतर है जो नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश कर सकते हैं और जल्दी एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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