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  1. Joint Home Loan: अधिक टैक्स बचत, कम ब्याज दर पर ज्यादा लोन, मिलते हैं ये बेहतरीन फायदे

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Joint Home Loan: अधिक टैक्स बचत, कम ब्याज दर पर ज्यादा लोन, मिलते हैं ये बेहतरीन फायदे

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड May 23, 2025, 14:01 IST

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सारांश

Joint Home Loan: अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लोन में जोड़ते हैं जिसकी खुद की कमाई है, तो उनकी आमदनी को भी लोन की पात्रता तय करने में जोड़ा जाता है। इससे आप ज्यादा लोन ले सकते हैं। दोनों की आमदनी को मिलाकर बैंक आपको ज्यादा लोन दे सकता है।

Joint Home Loan

Joint Home Loan: घर अक्सर हमारे लिए एक बार का निवेश होता है, इसलिए हम चाहते हैं कि वह जितना हो सके उतना अच्छा और बड़ा हो।

Joint Home Loan: घर खरीदना जिंदगी का एक बड़ा फैसला होता है। कई बार, किसी अपने के साथ मिलकर (जैसे भाई-बहन, माता-पिता या जीवनसाथी) होम लोन लेने से यह प्रक्रिया आसान और फायदेमंद हो जाती है। इसमें दोनों की आय और क्रेडिट हिस्ट्री को मिलाकर देखा जाता है, जिससे लोन लेने की क्षमता बढ़ती है।

घर अक्सर हमारे लिए एक बार का निवेश होता है, इसलिए हम चाहते हैं कि वह जितना हो सके उतना अच्छा और बड़ा हो। हालांकि, हमारी आय, उम्र, पहले से चल रहे लोन आदि के आधार पर यह तय होता है कि हम कितना लोन ले सकते हैं।

ज्वाइंट होम लोन के फायदे

मिल सकता है ज्यादा लोन

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को लोन में जोड़ते हैं जिसकी खुद की कमाई है, तो उनकी आमदनी को भी लोन की पात्रता तय करने में जोड़ा जाता है। इससे आप ज्यादा लोन ले सकते हैं। दोनों की आमदनी को मिलाकर बैंक आपको ज्यादा लोन दे सकता है। इससे आप बड़ा और बेहतर घर खरीद सकते हैं।

अधिक टैक्स बचत

अगर दोनों लोग प्रॉपर्टी के मालिक हैं और लोन का भुगतान कर रहे हैं, तो दोनों को अलग-अलग टैक्स छूट मिलती है। धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट (ब्याज की मूल राशि पर) मिलती है। अगर घर में खुद रहते हैं तो धारा 24 के तहत ₹2 लाख तक की छूट और अगर घर किराए पर है तो पूरी ब्याज राशि पर छूट मिलती है।

महिलाओं को कम ब्याज दर

अगर महिला प्रॉपर्टी की अकेली या साझेदार मालिक है और को-एप्लिकेंट है, तो कुछ बैंक उन्हें सामान्य होम लोन से कम ब्याज दर पर लोन देते हैं।

लोन चुकाने की ज़िम्मेदारी

सभी को-एप्लिकेंट लोन चुकाने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत रूप से ज़िम्मेदार होते हैं। EMI किस तरह भरनी है, यह आपसी सहमति से तय किया जा सकता है।

दस्तावेज़

लोन के लिए सभी को-एप्लिकेंट के पहचान और पते के दस्तावेज (KYC) जरूरी हैं। जिनकी आय को लोन में गिना जाएगा, सिर्फ उन्हीं की आय के दस्तावेज लगेंगे

को-एप्लिकेंट और को-ओनर में क्या फर्क है?

को-एप्लिकेंट यानी जो लोन में साथ है, लेकिन ज़रूरी नहीं कि वह संपत्ति का मालिक हो। वहीं, को-ओनर वह होता है जो प्रॉपर्टी का मालिक है। ध्यान रहे कि अगर कोई प्रॉपर्टी का को-ओनर है, तो उसे को-एप्लिकेंट बनना ही होगा, लेकिन हर को-एप्लिकेंट को-ओनर नहीं होता।

ज्वाइंट होम लोन लेना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे बड़ा या बेहतर घर लेना आसान होता है। वहीं, टैक्स में छूट मिलने की वजह से कुल खर्च भी कम हो जाता है। साथ ही, जब दो लोग लोन चुकाते हैं तो जिम्मेदारी बंट जाती है, जिससे लोन चुकाने का बोझ भी कम होता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। कोई भी फैसला लेने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.