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  1. ITR Filing: इस साल ITR भर रहे हैं तो ₹12 लाख से कम इनकम पर टैक्स माफ होगा या नहीं? यहां समझें

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ITR Filing: इस साल ITR भर रहे हैं तो ₹12 लाख से कम इनकम पर टैक्स माफ होगा या नहीं? यहां समझें

Upstox

3 min read | अपडेटेड February 26, 2025, 11:35 IST

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सारांश

Income Tax Return Filing: FY 2024-25 के लिए आमदनी की सीमा अगर टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा है तो आप अलग-अलग योजनाओं में निवेश करके पुरानी कर व्यवस्था (old tax regime) के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं।

पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स में छूट का फायदा लेने के लिए अभी कर सकते हैं निवेश।

पुरानी कर व्यवस्था में टैक्स में छूट का फायदा लेने के लिए अभी कर सकते हैं निवेश।

केंद्रीय बजट 2025-26 के तहत वित्त विधेयक 2025 (Finance Bill 2025) में नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) के अंदर ₹12 लाख तक की सालाना आमदनी को टैक्स से छूट देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा वेतनप्राप्त कर्मचारियों को ₹75,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। सरकार के इस कदम का फायदा बड़ी संख्या में करदाताओं को मिलने की उम्मीद है।

हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि 2025 में टैक्स फाइल करते हुए ₹12 लाख से कम आमदनी पर टैक्स की छूट नहीं मिलेगी। इस साल वित्त वर्ष (FY) 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फाइल किए जाएंगे। इस साल को असेसमेंट इयर (AY) 2025-26 ही माना जाएगा।

FY 2024-25 के लिए आमदनी की सीमा अगर टैक्सेबल लिमिट से ज्यादा है तो आप अलग-अलग योजनाओं में निवेश करके पुरानी कर व्यवस्था (old tax regime) के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं। ऐसे निवेश करने के लिए अब एक महीने का वक्त बचा है। डिडक्शन के जरिए टैक्स में छूट के लिए 31 मार्च, 2025 के पहले निवेश करना होगा।

वहीं, वित्त विधेयक 2025 में जिन बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, वे FY 25-26 या AY 2026-27 से ही लागू होंगे।

पुरानी कर व्यवस्था में कैसे बचाएं टैक्स?

पुरानी कर व्यवस्था के तहत आप 31 मार्च, 2025 के तहत निवेश करके डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। हालांकि, यह भी ध्यान देना जरूरी है कि जिन लोगों ने नई कर व्यवस्था को चुना है, उन्हें इन निवेश पर डिडक्शन से फायदा नहीं मिलेगा।

पुरानी कर व्यवस्था के तहत टैक्स बचाने के लिए आप सेक्शन 80 सी के तहत निवेश कर सकते हैं। इसके तहत ₹1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है जिस पर डिडक्शन का फायदा मिलता है।

इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (Equity Linked Savings Scheme, ELSS), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana, SSY), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट National Savings Certificate, NSC), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund, PPF), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme, SCSS), जीवन बीमा (Life Insurance), 5 साल का पोस्ट ऑफिस टर्म डिपॉजिट, 5 साल का टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश किया जा सकता है।

वहीं, सेक्शन 80डी के तहत बीमा भुगतान पर भी डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अगर ₹25,000 से कम है, या वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000 से कम, तो डिडक्शन मिलता है। अगर कोई दिव्यांग डिपेंडेंट हो, तो उनके जुड़े खर्चों पर भी डिडक्शन मिलता है।

इसके अलावा नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System, NPS) के अंदर सेक्शन 80सीसीडी(1बी) के तहत ₹50,000 का अतिरिक्त डिडक्शन भी मिलता है। यह पहले से सेक्शन 80सी के तहत तय ₹1.5 लाख की सीमा के अलावा मिलता है।

रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी और दूसरे कैपिटल ऐसेट्स से मिलने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन को दोबारा निवेश करके भी टैक्स से बचा जा सकता है।

पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत आपको टैक्स में राहत मिलेगी या नहीं, यह तय करने के लिए आप income tax calculator का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आप नई और पुरानी, दोनों कर व्यवस्थाओं में से आपके लिए कौन सी बेहतर है, यह भी समझ सकते हैं।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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