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  1. Insurance Amendment Bill 2025: बेहतर सर्विस, तेज क्लेम प्रोसेस और सस्ती पॉलिसी, कस्टमर्स को होंगे कई फायदे

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Insurance Amendment Bill 2025: बेहतर सर्विस, तेज क्लेम प्रोसेस और सस्ती पॉलिसी, कस्टमर्स को होंगे कई फायदे

Upstox

4 min read | अपडेटेड December 19, 2025, 17:47 IST

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सारांश

Insurance Amendment Bill 2025: इस बिल का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बीमा कंपनियों में 100% विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे दी गई है। पहले विदेशी कंपनियां सिर्फ 74% हिस्सेदारी ही रख सकती थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां भारत में इसलिए नहीं आ पाती थीं क्योंकि उन्हें जॉइंट वेंचर पार्टनर नहीं मिलते थे।

Insurance Amendment Bill

Insurance Amendment Bill 2025: अब बीमा कंपनियों में 100% विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे दी गई है।

Insurance Amendment Bill 2025 को संसद ने 17 दिसंबर 2025 को पास कर दिया है। इसका पूरा नाम सबका बीमा, सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक 2025 है। इस बिल के जरिए बीमा सेक्टर से जुड़े तीन अहम कानूनों में बदलाव किया गया है- Insurance Act, 1938, LIC Act, 1956 और IRDAI Act, 1999। इस बिल का मकसद बीमा उद्योग को ज्यादा मजबूत बनाना, निवेश बढ़ाना और ग्राहकों को बेहतर सुरक्षा व सुविधाएं देना है। हम यहां समझेंगे कि सरकार की इस पहल का भारत के इंश्योरेंस कस्टमर्स पर क्या असर पड़ेगा।

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बीमा कंपनियों में 100% विदेशी निवेश की अनुमति

इस बिल का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बीमा कंपनियों में 100% विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे दी गई है। पहले विदेशी कंपनियां सिर्फ 74% हिस्सेदारी ही रख सकती थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां भारत में इसलिए नहीं आ पाती थीं क्योंकि उन्हें जॉइंट वेंचर पार्टनर नहीं मिलते थे। अब 100% FDI से ज्यादा विदेशी कंपनियां आएंगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे बीमा प्रीमियम कम होने की उम्मीद है।

Care Health Insurance के COO मनीष डोडेजा के मुताबिक, 100% FDI से बीमा कंपनियों को ज्यादा पूंजी मिलेगी, लंबे समय का निवेश आएगा और ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस भारत में लागू होंगी। इससे ग्राहकों को ज्यादा विकल्प, बेहतर वैल्यू, तेज क्लेम प्रोसेस और डिजिटल सुविधाएं मिलेंगी। विदेशी कंपनियों की भागीदारी से बीमा प्रोडक्ट्स और सर्विस की गुणवत्ता बेहतर होगी।

ग्राहकों के रिकॉर्ड रखना हुआ अनिवार्य

अब बीमा कंपनियों को हर पॉलिसीधारक का पूरा और सही रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। इसमें ग्राहक का नाम, जन्मतिथि, पता, ईमेल (अगर उपलब्ध हो), आधार या पैन नंबर और नॉमिनी से जुड़ी जानकारी शामिल होगी। इसके अलावा पॉलिसी ट्रांसफर, असाइनमेंट और नॉमिनेशन का भी पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। इससे क्लेम के समय गड़बड़ी और विवाद कम होंगे।

डेटा की सटीकता और सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की

अब बीमा कंपनियों को यह साबित करना होगा कि ग्राहक का डेटा सही, पूरा, अपडेटेड और सुरक्षित है। अगर किसी तरह की गलती, डेटा चोरी या अनधिकृत इस्तेमाल होता है, तो उसकी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी। यानी अब ग्राहक को डेटा से जुड़ी परेशानियों के लिए कंपनी के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा।

ग्राहकों की प्राइवेसी होगी मजबूत

यह बिल ग्राहकों की प्राइवेसी को बहुत मजबूत करता है। बीमा कंपनियां अब आपका KYC या पर्सनल डेटा किसी थर्ड पार्टी को बेच या शेयर नहीं कर सकतीं। डेटा सिर्फ तीन ही स्थितियों में साझा किया जा सकेगा- जब कानून इसकी मांग करे, जब जनहित में जरूरी हो, या जब ग्राहक खुद लिखित रूप से अनुमति दे।

क्लेम रिजेक्ट हुआ तो वजह बताना जरूरी

अगर कोई बीमा क्लेम खारिज किया जाता है, तो अब कंपनी को साफ-साफ बताना होगा कि क्लेम क्यों रिजेक्ट किया गया। साथ ही क्लेम की तारीख, सेटलमेंट या रिजेक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखना भी जरूरी होगा। इससे ग्राहकों को पारदर्शिता मिलेगी और मनमानी पर रोक लगेगी।

डिजिटल पॉलिसी और क्लेम को बढ़ावा

बीमा कंपनियों को अब पॉलिसी और क्लेम का रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में रखना होगा। कंपनियों को कोशिश करनी होगी कि पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी की जाए। इससे ग्राहकों को पॉलिसी देखना, डाउनलोड करना और ट्रैक करना आसान हो जाएगा।

नियम न मानने पर भारी जुर्माना

अगर कोई बीमा कंपनी या एजेंट नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा। नियम तोड़ने पर रोज ₹1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है, जिसकी अधिकतम सीमा ₹10 करोड़ होगी। बिना रजिस्ट्रेशन काम करने वाले बीमा एजेंटों या बिचौलियों पर ₹1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

ग्रामीण और सेमी-अर्बन इलाकों तक पहुंचेगा बीमा

इस बिल से बीमा कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे वे ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी बेहतर बीमा समाधान लेकर आएंगी। ग्लोबल अनुभव और तकनीक के जरिए उन क्षेत्रों में बीमा कवरेज बढ़ने की उम्मीद है, जहां अब तक पहुंच सीमित थी।

ग्राहकों के लिए कुल मिलाकर क्या बदलेगा?

Insurance Amendment Bill 2025 से ग्राहकों को ज्यादा विकल्प, बेहतर सर्विस, मजबूत डेटा सुरक्षा, पारदर्शी क्लेम सिस्टम, डिजिटल सुविधा और संभावित रूप से सस्ते प्रीमियम मिलेंगे। कुल मिलाकर यह बिल बीमा सेक्टर को ज्यादा भरोसेमंद, प्रतिस्पर्धी और ग्राहक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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