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4 min read | अपडेटेड April 25, 2025, 11:55 IST
सारांश
Income Tax Return: अगर कोई टैक्सपेयर ज्यादा टैक्स रिफंड पाने के लिए अपनी आय गलत बताता है, तो उसे भारी सजा मिल सकती है। आयकर विभाग के अनुसार गलत बताई गई आय पर 200% तक जुर्माना और साथ में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
Income Tax Return: अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम में ITR फाइल करने जा रहे हैं, तो आपके लिए यहां जरूरी जानकारी दी गई है।
अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम में ITR फाइल करने जा रहे हैं, तो आपके लिए यहां जरूरी जानकारी दी गई है। ज्यादा रिफंड पाने के लिए आय गलत दिखाने पर आपको 200% तक ज्यादा टैक्स भरना पड़ सकता है।
अगर कोई टैक्सपेयर ज्यादा टैक्स रिफंड पाने के लिए अपनी आय गलत बताता है, तो उसे भारी सजा मिल सकती है। आयकर विभाग के अनुसार गलत बताई गई आय पर 200% तक जुर्माना और साथ में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। नए टैक्स सिस्टम में जहां ज्यादातर छूट और कटौतियां हटा दी गई हैं, वहीं पुराने सिस्टम में अब भी लोग गलत तरीके से रिफंड क्लेम कर रहे हैं, यह टैक्स अधिकारियों ने देखा है।
टैक्स विभाग ने कहा है, "पुरानी टैक्स व्यवस्था अपनाने वाले कुछ कर्मचारियों के बीच गलत रिफंड क्लेम करने के मामले सामने आए हैं।" यह जानकारी एक पब्लिक अवेयरनेस पर्चे में दी गई है। ऐसे गलत रिफंड क्लेम कई वेतनभोगी कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे हैं।
टैक्स नियमों के अनुसार, नियोक्ता (employer) कर्मचारी की सैलरी से TDS काटते हैं, जो आयकर अधिनियम की धारा 192 के तहत होता है। पुरानी टैक्स व्यवस्था में, नियोक्ता को फॉर्म 12BB के जरिए कर्मचारी से टैक्स छूट/कटौती से जुड़े दस्तावेज लेने होते हैं। उसके बाद ये दस्तावेज जांचे जाते हैं और उसी के अनुसार TDS काटा जाता है। लेकिन, आयकर विभाग ने देखा है कि कई कर्मचारी गलत तरीके से टैक्स छूट का दावा कर रहे हैं, जिनका कोई दस्तावेजी सबूत नहीं होता।
आयकर विभाग का कहना है, "कई बार ऐसा देखा गया है कि जब नियोक्ता TDS काट लेते हैं, उसके बाद कुछ कर्मचारी अपनी मर्जी से या दूसरों के बहकावे में आकर गलत तरीके से टैक्स रिटर्न (ITR) भरते हैं। वे कटौती या छूट का दावा करते हैं बिना किसी जरूरी दस्तावेज़ के। इसका नतीजा ये होता है कि उनकी कुल आय और टैक्स देनदारी कम दिखती है, और जो TDS पहले ही काटा गया होता है, उसे ये लोग गलत तरीके से रिफंड के रूप में क्लेम करते हैं। आयकर विभाग अब ऐसे गलत दावों को पकड़ने के लिए AI/ML जैसे तकनीकी टूल्स और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रहा है।
अगर कोई व्यक्ति गलत तरीके से टैक्स रिफंड का दावा करता है, तो उसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसे मामलों को आयकर विभाग द्वारा गहराई से जांच के लिए चुना जा सकता है। अगर टैक्स छूट या कटौती का समर्थन करने के लिए जरूरी दस्तावेज़ नहीं होते हैं, तो विभाग उन दावों को खारिज कर सकता है और दोबारा मूल्यांकन कर सकता है। साथ ही, टैक्स की अतिरिक्त मांग भी की जा सकती है, जिसमें ब्याज भी शामिल होगा।
यदि किसी ने आय की गलत जानकारी दी है, तो आयकर अधिनियम की धारा 270A के तहत उस व्यक्ति पर गलत बताई गई आय पर 200% तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। गंभीर मामलों में, आयकर विभाग टैक्स चोरी का आपराधिक मामला भी दर्ज कर सकता है। अगर किसी ने ₹25 लाख से अधिक की आय छुपाई है, तो उसे 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल की सजा और जुर्माना भी हो सकता है। अन्य मामलों में, 3 महीने से 2 साल तक की सख्त सजा हो सकती है।
सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को सही, सटीक और पूरी जानकारी के साथ इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना चाहिए, ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी न हो। अगर नियोक्ता ने पहले ही TDS काट लिया है, तो कर्मचारी को उस TDS का रिफंड गलत तरीके से किसी छूट का झूठा दावा करके नहीं लेना चाहिए। अगर कोई सही टैक्स छूट का दावा कर रहा है, तो उसके पास उचित दस्तावेजी सबूत जरूर होने चाहिए।
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