return to news
  1. क्या आपका भी इनकम टैक्स रिफंड अटका हुआ है? पांच ऐसी वजहें, जिनके चलते हो रही देरी

पर्सनल फाइनेंस

क्या आपका भी इनकम टैक्स रिफंड अटका हुआ है? पांच ऐसी वजहें, जिनके चलते हो रही देरी

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 10, 2025, 10:19 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

Income Tax Refund: अगर आपका भी इनकम टैक्स रिफंड अटका हुआ है, पांच ऐसे कारण, जिनके चलते आपका रिफंड आने में देरी हो रही है। चलिए समझते हैं कि कौन से ऐसे कारण हैं, जिनके चलते आपका टैक्स रिफंड आने में देरी हो रही है।

इनकम टैक्स रिफंड

इनकम टैक्स रिफंड आने में क्यों हो रही है देरी?

Income Tax Refund: कई ऐसे लोग हैं, जिनका अभी तक इनकम टैक्स रिफंड नहीं आया है। सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने इसकी जानकारी दी है कि उनका इनकम टैक्स रिफंड अटका हुआ है और अभी तक उनके बैंक अकाउंट्स में नहीं आया है। कई टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिफंड में हो रही देरी से परेशान हैं, चलिए समझते हैं कि किन वजहों से इनकम टैक्स रिफंड आने में देरी हो रही है। टैक्स रिफंड में देरी आम होती जा रही है, और कई लोग ऑनलाइन इसी तरह के अनुभव शेयर कर रहे हैं। कुछ लोगों ने रिवाइज्ड रिटर्न फाइल किया है, जबकि अन्य फॉरेन इन्वेस्टमेंट या कैपिटल गेन्स पर एक्स्ट्रा टैक्स चुकाने के बावजूद महीनों से इंतजार कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर इनकम टैक्स में देरी को लेकर तमाम यूजर्स अपना अनुभव भी शेयर कर चुके हैं।

Open FREE Demat Account within minutes!
Join now
इन पांच वजहों से आपके टैक्स रिफंड में हो सकती है देरी
1- जब रिफंड अमाउंट 1 लाख रुपये से ज्यादा होता है, तो ऐसे में एडिशनल जांच होती है। ऐसे में एडिशनल वेरिफिकेशन के चलते प्रोसेस धीमा हो जाता है और टैक्स रिफंड आने में देरी हो सकती है।
2- विदेशी इनकम, कैपिटल गेन्स, या कई आय स्रोतों जैसे जटिल घटकों वाले रिटर्न के लिए अक्सर मैन्युअल वेरिफिकेशन की जरूरत होती है, जिससे प्रोसेसिंग टाइम बढ़ जाता है।
3- मुंबई स्थित इनकम टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन ने कहा, ‘सेक्शन 154 के तहत डिफेक्टिव रिटर्न के नोटिस प्रोसेसिंग में देरी कर सकती है, और कभी-कभी एक नया इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करना पड़ता है।’
4- जैन ने कहा, ‘सरकारी नकदी की समस्या कभी-कभी बड़े पैमाने पर रिफंड वितरण में देरी का कारण बन सकती है।’
5- संशोधित रिटर्न दाखिल करने से समय सीमा पीछे हो सकती है, क्योंकि सिस्टम को नए डेटा को फिर से संसाधित करने की आवश्यकता होती है।

मुंबई स्थित टैक्स एक्सपर्ट बताते हैं कि ITR-1 (Sahaj) रिटर्न सरल होने के कारण आमतौर पर तेजी से संसाधित होते हैं। इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपना ITR स्टेटस चेक करें और सुनिश्चित करें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कोई लंबित सूचना न हो, क्योंकि इससे भी देरी हो सकती है।

ITR फाइलिंगः बिलेटेड रिटर्न की डेडलाइन

फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (FY25) के लिए गैर-ऑडिट मामलों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 16 सितंबर, 2025 निर्धारित की गई थी। यह डेट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा मूल 31 जुलाई, 2025 की अंतिम तिथि में दो बार बढ़ा दिए जाने के बाद आई है। साल के लिए आईटीआर फॉर्म में महत्वपूर्ण बदलावों के कारण 15 सितंबर तक प्रारंभिक विस्तार आवश्यक था। बाद में, दाखिल करने के प्रोसेस के दौरान पोर्टल संबंधी गड़बड़ियों का सामना करने वाले टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए 15 सितंबर को एक अंतिम, एक दिवसीय विस्तार दिया गया था। जो लोग 16 सितंबर की समय सीमा से चूक गए थे, वे अभी भी 31 दिसंबर, 2025 तक बिलेटेड रिटर्न जमा कर सकते हैं। हालांकि लेट फीस लागू होगा, लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से संभावित दंड या आधिकारिक नोटिस से बचने के लिए साल के अंत से पहले फाइल करना महत्वपूर्ण है।

ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

अगला लेख