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ITR 2024-25: 31 मार्च से पहले क्या कुछ करके बचा सकते हैं आप भारी-भरकम टैक्स, यहां जानें

Upstox

4 min read | अपडेटेड February 27, 2025, 12:00 IST

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सारांश

इनकम टैक्स फाइलिंग से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे कि सालाना कमाई के हिसाब से आप कितनी बचत कर रहे हैं और साथ ही आपने कौन सी टैक्स रिजीम चुनी है।

इनकम टैक्स फाइलिंग

इनकम टैक्स फाइलिंग के लिए ध्यान में रखें अहम बातें

यूनियन बजट 2025 जब पेश किया गया, तब टैक्स पेयर्स को बड़ी राहत मिली। 12.75 लाख तक की सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन यहां आपको यह जानना जरूरी है कि यह नियम 2025-26 फाइनेंशियल ईयर में लागू होंगे, और फिलहाल 2024-25 फाइनेंशियल ईयर के नियमों के मुताबिक ही आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर खत्म होने में महज एक महीने का समय बचा है और 31 मार्च से पहले टैक्स सेविंग्स को लेकर अगर आपने सही कदम नहीं उठाए, तो आपको भारी-भरकम टैक्स भरना पड़ सकता है। चलिए समझते हैं कि 31 मार्च से पहले टैक्स सेविंग्स को लेकर आप क्या-क्या कदम उठा सकते हैं, जिससे आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में फायदा मिल सकता है और आपके टैक्स के कुछ रुपये बच सकते हैं।

टैक्स बचत के लिए जरूरी है सही रिजीम का सिलेक्शन

इनकम टैक्स भरने के लिए दो रिजीम हैं, एक है ओल्ड टैक्स रिजीम और दूसरी है न्यू टैक्स रिजीम, हर फाइनेंशियल ईयर में किसी भी शख्स के पास अपनी सालाना कमाई के हिसाब से दोनों में से एक रिजीम चुनने का विकल्प होता है। 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच आप अपनी बचत के हिसाब से दोनों में से एक टैक्स रिजीम चुन सकते हैं और देख सकते हैं कि आपको ज्यादा फायदा किस रिजीम में मिल रहा है। अगर बात पुराने टैक्स रिजीम की करें तो PPF, ELSS सहित करीब 12 ऐसे विकल्प हैं, जिनमें इन्वेस्ट करके आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। हालांकि यहां यह जानना जरूरी है कि ओल्ड रिजीम में टैक्स के रेट्स न्यू रिजीम की तुलना में ज्यादा हैं। न्यू रिजीम में ज्यादा डिडक्शन क्लेम करने की सुविधा नहीं है, लेकिन टैक्स रेट्स कम हैं। ऐसे में अपनी सालाना कमाई और बचत को ध्यान में रखकर नए या पुराने टैक्स रिजीम में से सही को सिलेक्ट करना बहुत अहम हो जाता है।

अगर बचत की है आदत तो ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या मिल सकते हैं फायदे

अगर आप इनकम टैक्स की ओल्ड रिजीम में हैं, तो ऐसे में आप इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की इन्वेस्टमेंट पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा NPS (नैशनल पेंशन स्कीम) पर एक्स्ट्रा 50,000 रुपये की इन्वेस्टमेंट पर भी डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं इनकम टैक्स के सेक्शन 80D के तहत 75,000 रुपये तक का डिडक्शन भी क्लेम किया जा सकता है। हेल्थ पॉलिसी पर भी डिडक्शन क्लेम करने की सुविधा ओल्ड टैक्स रिजीम में है। अगर आप खुद की या अपने परिवार की हेल्थ इन्श्योरेंस पर 25,000 रुपये का प्रीमियम भर रहे हैं या फिर अपने बुजुर्ग माता-पिता की हेल्थ इन्श्योरेंस के लिए 50,000 रुपये प्रीमियम भर रहे हैं, तो आप इसको भी डिडक्शन में क्लेम कर सकते हैं। इस तरह से अगर 80C और 80D को मिलाकर देखें तो ओल्ड टैक्स रिजीम में आप 2.25 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं अगर इसमें NPS के 50,000 रुपये और जोड़ दें तो आप 2.75 रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

होम लोन या HRA पर भी मिल सकता है टैक्स बेनेफिट

ओल्ड टैक्स रिजीम में अभी तक मैक्सिमम 2.75 लाख रुपये के डिडक्शन क्लेम के बारे में हम बात कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी आपको डिडक्शन क्लेम करने का मौका मिल सकता है। अगर आपने होम लोन ले रखा है, तो उसके लिए भी आप डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं, इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 24B के तहत होम लोन के ब्याज पर ज्यादा से ज्यादा 2 लाख रुपये डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। अगर आप किराए के घर में रहते हैं, तो ऐसे में आप HRA पर भी टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं।

क्या है निष्कर्ष?

अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम में हैं तो ऐसे में आप 31 मार्च से पहले की इन्वेस्टमेंट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि पहले आप देखें कि आपकी कमाई कितनी है, उसमें आपने कहां कितनी बचत की है और आप किस टैक्स रिजीम के साथ ज्यादा फायदे में रह सकते हैं। सही बचत और सही टैक्स रिजीम चुनकर आप इस तरह से अपनी मेहनत की कमाई का मोटा हिस्सा टैक्स में जाने से बचा सकते हैं।

लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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