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  1. 21 लाख से ज्यादा लोगों ने संशोधित किए अपने ITR, ₹2,500 करोड़ का टैक्स चुकाया

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21 लाख से ज्यादा लोगों ने संशोधित किए अपने ITR, ₹2,500 करोड़ का टैक्स चुकाया

Upstox

3 min read | अपडेटेड December 24, 2025, 08:45 IST

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सारांश

डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वे अपने आईटीआर की समीक्षा करें, कटौती और छूट के दावों की सटीकता को जांचें और जरूरी होने पर 31 दिसंबर, 2025 तक संशोधित रिटर्न दाखिल करें, ताकि आगे की जांच से बचा जा सके।

इनकम टैक्स रिटर्न

21 लाख से ज्यादा लोगों ने संशोधित किए अपने ITR

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा आकलन वर्ष (Assessment Year, AY) 2025-26 के लिए अब तक 15 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स ने संशोधित इनकम रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए हैं। डिपार्टमेंट ने हाल ही में एक अभियान ‘नज’ शुरू किया है, जिसके तहत उन टैक्सपेयर्स को ईमेल और एसएमएस के जरिए सलाह दी जा रही है जिन्होंने गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों या कुछ धर्मार्थ संस्थाओं से जुड़ी गलत डिडक्शन का दावा किया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बयान में कहा कि चालू वित्त वर्ष में 21 लाख से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपने आईटीआर संशोधित किए और कुल 2,500 करोड़ रुपये का टैक्स भुगतान किया।

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डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स से अपील की है कि वे अपने आईटीआर की समीक्षा करें, कटौती और छूट के दावों की सटीकता को जांचें और जरूरी होने पर 31 दिसंबर, 2025 तक संशोधित रिटर्न दाखिल करें, ताकि आगे की जांच से बचा जा सके। हालांकि, डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि अगर कोई टैक्सपेयर कानून के अनुरूप सही कटौती या छूट का दावा कर रहा है तो उसे कोई और कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है।

कब तक फाइल करना होगा अपडेटेड ITR?

टैक्सपेयर्स को AY 2025-26 के लिए रिटर्न में बदलाव करने के लिए 31 दिसंबर के बाद एक अपडेटेड आईटीआर दाखिल करना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि डेटा विश्लेषण से पता चला है कि कई टैक्सपेयर्स ने गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों और कुछ धर्मार्थ संस्थाओं को चंदा दिखाकर अवैध कटौती और रिफंड का दावा किया है। बोर्ड के मुताबिक, इनमें से कई गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दल रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं और अपने पंजीकृत पते पर सक्रिय नहीं हैं। वे राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न भी नहीं हैं।

कहां इस्तेमाल होते हैं ऐसे पैसे?

सीबीडीटी ने कहा कि ये संस्थाएं अक्सर पैसा इधर-उधर करने, हवाला लेनदेन, विदेश से पैसा भेजने और नकली रसीद जारी करने के लिए इस्तेमाल हो रही थीं। बोर्ड ने कुछ गैर मान्यता-प्राप्त राजनीतिक दलों और धर्मार्थ ट्रस्ट पर तलाशी अभियान चलाकर नकली दान और कंपनियों द्वारा नकली सीएसआर के सबूत भी जुटाए। इसके बाद सीबीडीटी ने 12 दिसंबर से ‘नज’ अभियान शुरू किया, जिसमें ईमेल और एसएमएस के माध्यम से उन करदाताओं को सलाह दी गई कि वे अपने कटौती के दावों की समीक्षा करें और जरूरत पड़ने पर रिटर्न संशोधित करें। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यह अभियान कर अनुपालन बढ़ाने और नकली दावा करने वाले करदाताओं की पहचान करने के लिए चलाया गया है।

भाषा इनपुट के साथ
ELSS
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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