return to news
  1. How to raise funds for your startup: आइडिया में है दम, लेकिन पैसों की है दिक्कत? इन 8 तरीकों से जुटाएं फंड

पर्सनल फाइनेंस

How to raise funds for your startup: आइडिया में है दम, लेकिन पैसों की है दिक्कत? इन 8 तरीकों से जुटाएं फंड

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड June 02, 2025, 12:49 IST

Twitter Page
Linkedin Page
Whatsapp Page

सारांश

How to raise funds: जब आप अपने सेविंग्स, पर्सनल लोन या कुछ चीजें बेचकर पैसा लगाते हैं, तो इसे सेल्फ फंडिंग कहा जाता है। इसका फायदा यह है कि इसमें आपका पूरा कंट्रोल रहता है। इससे आप अपने बिजनेस को लेकर गंभीर रहते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि हर किसी के पास पैसा उपलब्ध हो।

Startup Funding

Startup Funding: देश में युवाओं के बीच स्टार्टअप कल्चर में भी ग्रोथ देखने को मिल रही है।

How to raise funds for your startup: भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हाल ही में यह जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकनॉमी बनी है। इसके साथ ही देश में युवाओं के बीच स्टार्टअप कल्चर में भी ग्रोथ देखने को मिल रही है। इसे सपोर्ट करने के लिए भारत सरकार ने कई अहम योजनाएं चला रखी है।

इसके अलावा, कई ऐसे निवेशक भी हैं, जो स्टार्टअप में निवेश के लिए तैयार हैं। अगर आप अपने बिजनेस के लिए फंड जुटाने की योजना बना रहे हैं, तो यहां आपके लिए इसके आसान तरीके बताए गए हैं।

1. सेल्फ-फंडिंग

जब आप अपने सेविंग्स, पर्सनल लोन या कुछ चीजें बेचकर पैसा लगाते हैं, तो इसे सेल्फ फंडिंग कहा जाता है। इसका फायदा यह है कि इसमें आपका पूरा कंट्रोल रहता है। इससे आप अपने बिजनेस को लेकर गंभीर रहते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि हर किसी के पास पैसा उपलब्ध हो।

2. सरकारी योजनाएं

भारत सरकार स्टार्टअप, MSME और ग्रामीण उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाती है। इनमें कम ब्याज पर लोन, बिना गारंटी वाले लोन और सब्सिडी मिलती है। कुछ योजनाओं में Startup India, Mudra Loan, Stand-Up India और CGTMSE शामिल हैं।

3. बैंक लोन

बैंक से फंडिंग पैसे जुटाने का आम तरीका है। SBI, HDFC, ICICI जैसे बैंक बिजनेस के लिए लोन प्रोवाइड करते हैं। हालांकि, लोन पाने के लिए अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री, गारंटी और पेपर्स चाहिए।

4. एंजेल इन्वेस्टमेंट

यह अमीर व्यक्ति होते हैं जो नए बिजनेस में पैसे लगाते हैं और बदले में कंपनी का कुछ इक्विटी लेते हैं। वे पैसे के साथ-साथ अनुभव, सलाह और नेटवर्क भी देते हैं।

5. क्राउडफंडिंग

यह तरीका ऑनलाइन होता है जहां बहुत सारे लोग छोटी-छोटी रकम मिलाकर किसी प्रोजेक्ट या आइडिया को सपोर्ट करते हैं। हालांकि, इसके लिए मजबूत कैंपेन चाहिए और इसमें सफलता की गारंटी नहीं है।

6. बिजनेस इनक्यूबेटर

ये संस्थाएं होती हैं जो नए स्टार्टअप्स को ऑफिस, ट्रेनिंग, मेंटरशिप और फंडिंग तक पहुंच दिलाती हैं। भारत के प्रमुख इनक्यूबेटर IIT मद्रास, IIM अहमदाबाद (CIIE), T-Hub हैदराबाद, IIM बेंगलुरु (NSRCEL) हैं।

7. वेंचर कैपिटल

जब स्टार्टअप तेजी से बढ़ने वाला होता है और स्केलेबल बिजनेस मॉडल होता है, तब वेंचर कैपिटल फंडिंग ली जाती है। ये बड़े निवेशक होते हैं जो आपकी कंपनी में पैसा लगाते हैं और बदले में हिस्सा लेते हैं।

8. IPO (Initial Public Offering)

जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है और पब्लिक से पैसे जुटाती है, तो इसे IPO कहते हैं। इससे कंपनी को बड़े पैमाने पर फंड मिलता है। फंडिंग के लिए सोच-समझकर और अपने बिजनेस के स्टेज के हिसाब से सही तरीका चुनना जरूरी है। अगर रणनीति सही हो, तो फंडिंग मिलने के बाद आपका बिजनेस नई ऊंचाइयों तक जा सकता है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। कोई भी फैसला लेने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लें।)
ELSS
2025 के लिए पाएं बेस्ट टैक्स बचाने वाले फंड्स एक्सप्लोर करें ELSS
promotion image

लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.