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3 min read | अपडेटेड October 28, 2025, 14:00 IST
सारांश
घर में चांदी रखने की कोई कानूनी सीमा भी होती है क्या? यह सवाल हो सकता है आपके दिमाग में भी आ रहा हो। आज हम इस सवाल का जवाब आपको डीटेल में देने वाले हैं।

घर में चांदी रखने पर कोई कानूनी रोक नहीं है
भारत में सोना-चांदी रखना समृद्धि की निशानी माना जाता है। ज्यादातर लोगों को इनकम टैक्स के सोने से जुड़े नियम (जैसे शादीशुदा महिला के लिए 500 ग्राम) तो पता होते हैं, लेकिन चांदी को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन रहता है। क्या चांदी रखने की भी कोई सीमा है? क्या इनकम टैक्स विभाग आपके घर पर रखी चांदी को ज़ब्त कर सकता है? अगर आप भी यही सोचते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, घर पर चांदी रखने की कोई अपर लिमिट तय नहीं है। आप जितनी चाहें, उतनी चांदी रख सकते हैं, लेकिन इसकी बस एक शर्त है।
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि चांदी के नियम सोने से अलग क्यों हैं? इनकम टैक्स विभाग के CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने एक सर्कुलर जारी किया हुआ है, जो इनकम टैक्स रेड के दौरान सोने की ज़ब्ती से जुड़ा है। यह सर्कुलर कहता है कि एक शादीशुदा महिला से 500 ग्राम, अविवाहित महिला से 250 ग्राम और परिवार के पुरुष सदस्य से 100 ग्राम सोने के गहने ज़ब्त नहीं किए जाएंगे, भले ही उसका हिसाब न मिले। लोग इसे ही सोना रखने की 'लिमिट' मान लेते हैं, जबकि यह सिर्फ ज़ब्ती से छूट की गाइडलाइन है।
अच्छी बात ये है कि चांदी (चाहे वह गहने हों, सिक्के हों या बर्तन) के लिए ऐसी कोई भी गाइडलाइन या लिमिट तय नहीं की गई है। इसका मतलब है कि आप कानूनी तौर पर 1 किलो, 5 किलो या 10 किलो चांदी भी अपने घर पर रख सकते हैं।
चांदी रखने की कोई लिमिट नहीं है, इसका मतलब यह नहीं कि आप पर कोई सवाल नहीं उठ सकता। इनकम टैक्स विभाग आपसे सिर्फ एक चीज मांगता है, खरीद का सबूत। आपके पास जितनी भी चांदी है, वह कानूनी तरीके से कमाई गई रकम से खरीदी होनी चाहिए। आपके पास उसके पक्के बिल होने चाहिए। अगर चांदी आपको विरासत में मिली है, तो आपके पास वसीयत या कोई पारिवारिक बंटवारे का दस्तावेज़ होना चाहिए। अगर चांदी गिफ्ट में मिली है, तो एक गिफ्ट डीड होनी चाहिए। अगर आपके पास हिसाब है, तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है।
यहीं पर असली पेंच है। मान लीजिए, इनकम टैक्स की कोई जांच होती है और आपके घर पर 2 किलो चांदी मिलती है, लेकिन आप यह नहीं बता पाते कि यह कहां से आई और इसे खरीदने के पैसे का सोर्स क्या था। ऐसी स्थिति में, इनकम टैक्स अधिकारी इसे 'बेहिसाब संपत्ति' (Unexplained Investment) मान लेंगे। यह नियम (धारा 69) बहुत सख्त है। बेहिसाब संपत्ति पाए जाने पर आप पर 60% की दर से सीधा टैक्स लगता है। इसके ऊपर 25% सरचार्ज और 4% सेस भी लगता है। कुल मिलाकर यह लगभग 78% टैक्स बन जाता है। इतना ही नहीं, अधिकारी आप पर टैक्स राशि का 10% जुर्माना भी लगा सकते हैं। इसलिए, चांदी की मात्रा से ज्यादा जरूरी उसका हिसाब रखना है।
क्या आपको अपनी चांदी की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में देनी होगी? यह सब पर लागू नहीं होता। यह नियम सिर्फ उन लोगों के लिए है, जिनकी एक वित्तीय वर्ष में कुल आय ₹1 करोड़ रुपये से अधिक है। अगर आपकी आय इस सीमा से ज्यादा है, तो आपको अपने ITR में शेड्यूल AL (Assets and Liabilities) भरना होता है। इस शेड्यूल में आपको अपनी सभी संपत्तियों, जिसमें सोना, चांदी, कैश आदि शामिल हैं, की जानकारी देनी होती है।
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