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  1. हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को मिला तोहफा, अब राज्य में मिलेगा UPS-NPS में चुनने का ऑप्शन

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हरियाणा सरकार के कर्मचारियों को मिला तोहफा, अब राज्य में मिलेगा UPS-NPS में चुनने का ऑप्शन

Upstox

2 min read | अपडेटेड June 27, 2025, 07:55 IST

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सारांश

हरियाणा सरकार ने कहा है कि उसके कर्मचारियों को जल्द ही नेशनल पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में से एक को चुनने का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार की राह पर अब हरियाणा सरकार भी चल चुकी है।

पेंशन स्कीम

हरियाणा सरकार का पेंशन स्कीम को लेकर बड़ा फैसला

हरियाणा सरकार ने National Pension Scheme (NPS) यानी कि राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत केंद्र द्वारा अधिसूचित Unified Pension Scheme (UPS) यानी कि एकीकृत पेंशन योजना को अपने कर्मचारियों के लिए लागू करने का बृहस्पतिवार को फैसला किया। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। यह फैसला 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। इस ऐतिहासिक कदम से 1 जनवरी, 2006 को या उसके बाद नियुक्त हुए दो लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा।

UPS में मिलेंगे क्या-क्या फायदे?

राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन और पारिवारिक पेंशन सुनिश्चित करना है। UPS अपनाने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों के दौरान मिले औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर मिलेगा, बशर्ते उस कर्मचारी ने 25 साल की सेवा पूरी कर ली हो। अगर कर्मचारी 10 या उससे अधिक वर्ष की क्वॉलिफाइंग सर्विस पूरी करने के बाद रिटायर होता है, तो उसे प्रति माह 10,000 रुपये का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

पेंशनभोगी की मृत्य होने पर होगा क्या?

पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को अंतिम विड्रॉल पेंशन राशि का 60% मिलेगा। महंगाई राहत (डीआर) सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी। महंगाई राहत की गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते (डीए) के समान ही की जाएगी। हालांकि, महंगाई राहत केवल तभी देय होगी जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा।

हरियाणा में पहले क्या थी व्यवस्था?

रिटायरमेंट के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो क्वॉलिफाइंग सर्विस के प्रत्येक छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (बेसिक सैलरी और डीए) का 10% होगा। बयान के मुताबिक, यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी। मौजूदा एनपीएस के तहत, कर्मचारी 10% योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14% योगदान करती है। यूपीएस लागू होने के साथ राज्य सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो जाएगा, जिससे लगभग 50 करोड़ रुपये का मासिक खर्च और 600 करोड़ रुपये की वार्षिक लागत आएगी।

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