पर्सनल फाइनेंस
3 min read | अपडेटेड March 05, 2025, 12:08 IST
सारांश
Farmer Producer Organisation: किसान उत्पादन संगठनों को बढ़ावा देने के लिए और इनसे ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए 2020 में केंद्रीय क्षेत्र की योजना आई थी। इसके तहत किसानों को ग्रांट भी मिलती है और हर FPO को लोन भी मिलता है। FPO बड़े बाजारों तक पहुंचने में किसानों की मदद करते हैं जिससे उन्हें अपने उत्पाद की बेहतर कीमत मिलती है।
इस योजना के तहत छोटे, मझोले और महिला किसानों पर ज्यादा फोकस दिया गया है।
किसान उत्पादन संगठन (Farmer Producer Organisation, FPOs) को बनाने और प्रमोट करने के लिए लॉन्च की गई योजना के तहत 5 साल में ₹254.4 करोड़ इक्विटी ग्रांट की शक्ल में रिलीज किया जा चुका है। करीब 2000 FPOs को ₹453 करोड़ का क्रेडिट गारंटी कवर भी मिल चुका है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस बारे में हाल ही में जानकारी दी है।
साल 2020 में लॉन्च हुई इस सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत 10 हजार FPO लॉन्च किए जा चुके हैं। FPO किसानों की आमदनी बढ़ाने, खासकर छोटे किसानों को बाजार के फायदे पहुंचाने में अहम योगदान देते हैं। केंद्रीय मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश के 30 लाख किसान FPOs से जुड़ चुके हैं जिनमें से 40% महिलाएं हैं। इनके जरिए किसान अपने उत्पादों के बेहतर दम हासिल कर पाते हैं।
इस योजना के तहत हर नए FPO को 5 साल तक हर सहायता दी जाती है। 3 साल तक ₹18 लाख तक की मैनेजमेंट कॉस्ट के लिए वित्तीय मदद भी मिलती है। इसके अलावा हर FPO को ₹2000 प्रति किसान के आधार पर ₹15 लाख तक की इक्विटी ग्रांट मिलती है।
साथ ही हर FPO को ₹2 करोड़ तक के प्रॉजेक्ट लोन की क्रेडिट गारंटी भी मिलती है। संस्थागत कर्ज को बढ़ावा देने में यह सुविधा काम आती है।
FPOs के तहत छोटे, मझोले, महिला किसानों, स्वयं सहायता समूह, SC/ST किसानों और दूसरे आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को शामिल करके सशक्त करने की कोशिश की जा रही है।
FPO छोटे, मझोले और बिना जमीन वाले किसानों को एक साथ लाते हैं और टेक्नॉलजी, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशकों को खरीद पान लायक सामर्थ्य देते हैं। इनके जरिए बाजार तक पहुंच और बेहतर दाम हासिल कर पाने की क्षमता भी बढ़ती है।
इनके जरिए किसानों को खेती से जुड़ी साइंटिफिक ट्रेनिंग, संसाधनों के सतत इस्तेमाल और बाजार के ट्रेंड्स को लेकर जागरूक भी किया जाता है।
इस योजना के अंदर किसानों के लिए कई कार्यक्रम लॉन्च किए गए हैं, जैसे क्रेडिट गारंटी फंड के तहत FPO को कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों को क्रेडिट गारंटी कवर दिया जाता है।
एक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) पोर्टल भी लॉन्च किया गया है जहां FPO रजिस्टर करके देशभर के ग्राहकों से जुड़ सकते हैं और अपने उत्पाद बेच सकते हैं। इससे उन्हें ज्यादा बड़ा बाजार मिलता है और कीमत तय कर पाने की आजादी भी। इसके जरिए वह ऑनलाइन पेमेंट, डिजिटल मार्केटिंग जैसे टूल्स भी सीखते हैं।
इसके लिए FPO का नाम, अधिकृत व्यक्ति (जैसे MD/CEO/मैनेजर) का नाम, पता और ईमेल आईडी और कॉन्टैक्ट नंबर देना होगा। इसके अलावा बैंक अकाउंट की डीटेल्स- बैंक का नाम, ब्रांच का नाम, अकाउंट नंबर IFSC कोड भी देना होगा।
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