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  1. लॉन्च हुई EPFO की कर्मचारी नामांकन योजना-2025, कैसे इस योजना से मिलेगा फायदा और क्या हैं इसके उद्देश्य?

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लॉन्च हुई EPFO की कर्मचारी नामांकन योजना-2025, कैसे इस योजना से मिलेगा फायदा और क्या हैं इसके उद्देश्य?

Upstox

2 min read | अपडेटेड November 03, 2025, 13:14 IST

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सारांश

EPFO की कर्मचारी नामांकन योजना का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना, यूनिवर्सल ईपीएफ समावेशन सुनिश्चित करना और पहले के रेगुलराइजेशन के प्रोसेस को सरल बनाना है। यह योजना 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक छह महीने के लिए खुली रहेगी।

ईपीएफओ

क्या है ईपीएफओ की कर्मचारी नामांकन योजना?

EPFO's Employees’ Enrolment Scheme यानी की कर्मचारी नामांकन योजना 2025 लॉन्च हो चुकी है। केंद्रीय श्रम और रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के 73वें स्थापना दिवस समारोह में इस योजना का शुभारंभ किया। यह योजना क्या है, इससे किस तरह से करोड़ों ईपीएफओ यूजर्स को फायदा मिलेगा, चलिए समझने की कोशिश करते हैं। यह योजना स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने और सभी पात्र कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज देने के लिए भारत सरकार की एक खास पहल है। कर्मचारी नामांकन योजना-2025, नियोक्ताओं को 1 जुलाई, 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच ईपीएफ कवरेज से छूटे हुए पात्र कर्मचारियों को स्वेच्छा से एनरोल करने और कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत उनके पिछले अनुपालन को नियमित करने के लिए एक खास मौका देती है।

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EPFO's Employees’ Enrolment Scheme का उद्देश्य

इसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना, यूनिवर्सल ईपीएफ समावेशन सुनिश्चित करना और पहले के रेगुलराइजेशन के प्रोसेस को सरल बनाना है। यह योजना 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक छह महीने के लिए खुली रहेगी। इस योजना के तहत सभी प्रतिष्ठान, मौजूदा ईपीएफ कवरेज स्थिति पर ध्यान दिए बिना, ईपीएफओ पोर्टल के जरिए 1.07.2017 और 31.10.2025 के बीच नियुक्त किसी भी कर्मचारी की घोषणा कर सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों के संबंध में, अगर पहले कटौती नहीं की गई है, तो घोषित अवधि के लिए कर्मचारी का हिस्सा माफ कर दिया गया है।

नियोक्ता का दायित्व नियोक्ता के हिस्से, ब्याज (धारा 7Q), प्रशासनिक शुल्क और 100 रुपये दंडात्मक हर्जाने के भुगतान तक सीमित है। तीनों ईपीएफ योजनाओं में प्रति प्रतिष्ठान 100 रुपये का एकमुश्त जुर्माना अनुपालन माना जाएगा। ईपीएस-1995 की धारा 7ए, पैरा 26बी, या पैरा 8 के अंतर्गत पूछताछ का सामना कर रहे प्रतिष्ठान पात्र बने रहेंगे और क्षतिपूर्ति की सीमा 100 रुपये तक होगी।

ईपीएफओ द्वारा कोई स्वतः अनुपालन कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस योजना से नियोक्ताओं के लिए पिछली भूल को नियमित करने के सरलीकरण के माध्यम से व्यापक ईपीएफ कवरेज और कार्यबल के औपचारिकीकरण में सुविधा होने की उम्मीद है। यह ‘सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा’ के लक्ष्य को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है कि प्रत्येक कर्मचारी भारत के संगठित सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क का हिस्सा बने।

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Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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