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3 min read | अपडेटेड April 01, 2025, 09:51 IST
सारांश
EPFO Auto Mode Settlement of Advance Claim: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation, EPFO) के 7.5 करोड़ सदस्यों को जल्द ही एक बड़ी सुविधा मिल सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक संगठन की एक बैठक में फैसला किया गया है कि ऑटो मोड के जरिए अडवांस क्लेम सेटलमेंट की सीमा को ₹5 लाख कर दिया गया है।
FY25 में 2.16 करोड़ क्लेम ऑटो मोड के जरिए प्रोसेस किए गए थे। (तस्वीर: Shutterstock)
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाला से बताया गया है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की एग्जिक्युटिव कमिटी की 113वीं बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
श्रीनगर में 28 मार्च को हुई इस बैठक में EPFO की ओर से सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर रमेशन कृष्णमूर्ति भी शामिल थे। कमिटी के फैसले के बाद अब CBT की हरी झंडी के लिए इसे आगे भेजा जाएगा। अगर ऐसा होता है तो संगठन से जुड़े 7.5 करोड़ से ज्यादा सदस्यों को ऑनलाइन सेवाओं का फायदा मिलने से बेहद आसानी हो जाएगी।
पिछले साल मई 2024 में पहली बार क्लेम सेटलमेंट के ऑटो मोड को बीमारी के हालात में सदस्यों को सहायता पहुंचाने के लिए लॉन्च किया गया था। इसके अलावा EPFO अडवांस क्लेम के ऑटो सेटलमेंट को 3 और श्रेणियों में लाया है- शिक्षा, शादी और घर। इसके पहले सदस्य अपना PF सिर्फ बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने पर ही विदड्रॉ कर सकते थे।
ऑटो मोड क्लेम सिर्फ तीन दिन के अंदर ही प्रोसेस हो जाते हैं। इससे सदस्यों को तेज और आसान प्रक्रिया का फायदा तो मिलता ही है, पारदर्शिता भी बढ़ती है। संगठन के डेटा के मुताबिक अब 95% क्लेम ऑटो मोड से ही सेटल होते हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में 6 मार्च तक रेकॉर्डतोड़ 2.16 करोड़ क्लेम ऑटोनॉमस प्रक्रिया के जरिए सेटल कर दिए हैं। संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक यह FY24 के मुकाबले में दोगुना है। पिछले वित्त वर्ष में EPFO ने 89.52 लाख क्लेम सेटल किए थे।
इसके अलावा टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हुए सदस्यों की डीटेल्स को अपडेट करने की प्रक्रिया को भी आसान किया गया है। जिन सदस्यों के पास आधार से वेरिफाई हुआ UAN (Universal Account Number) है, वे बिना EPFO के हस्तक्षेप के डीटेल्स सही कर सकते हैं।
ट्रांसफर क्लेम को जमा करने की प्रक्रिया में UAN को नियोक्ता के अटेस्टेशन की जरूरत को भी खत्म कर दिया गया है। अब केवल 10% ट्रांसफर क्लेम्स में सदस्यों और नियोक्ताओं के अटेस्टेशन की जरूरत होती है।
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