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Aadhaar Linking vs Seeding: आधार नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ने के दो तरीके, क्या हैं अंतर और फायदे?

Upstox

3 min read | अपडेटेड March 24, 2025, 09:07 IST

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सारांश

Aadhaar Seeding Vs Linking: 12 अकों के आधार नंबर को बैंक अकाउंट से जोड़ने से वेरिफिकेशन से लेकर सरकारी योजनाओं का फायदा तक मिलना आसान हो जाता है। हालांकि जरूरत के हिसाब से बैंक अकाउंट के साथ या तो आधार नंबर को लिंक किया जाता है या सीड किया जाता है। यहां आपको बता रहे हैं दोनों के बीच का अंतर और क्या होते हैं लिंकिंग-सीडिंग के फायदे।

आधार को बैंक अकाउंट से सीड करने से सरकारी सब्सिडी जैसी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं। (तस्वीर: Shutterstock)

आधार को बैंक अकाउंट से सीड करने से सरकारी सब्सिडी जैसी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं। (तस्वीर: Shutterstock)

Aadhaar Linking vs Seeding: कई बार केंद्र सरकारी की योजनाओं के तहत वित्तीय फायदे उठाने के लिए आधार के साथ अपने बैंक अकाउंट को लिंक करने की जरूरत होती है। वहीं, एक और शब्द का इस्तेमाल इस परिपेक्ष्य में इस्तेमाल होता है- सीडिंग।

दोनों के बीच में अकसर कन्फ्यूजन हो जाती है। यहां हम आपको बताते हैं कि आधार की लिंकिंग और सीडिंग में क्या अंतर है-

आधार लिकिंग

बैंक अकाउंट खोलते वक्त या बाद में भी अपने आधार नंबर के साथ उसे लिंक किया जाता है। इसका अहम इस्तेमाल पहचान/आइडेंटिफिकेशन और KYC (Know Your Customer) को पूरा करने के लिए होता है।

आधार से बैंक अकाउंट को लिंक करके वेरिफिकेशन और नियमों का पालन किया जाता है। यह जानना जरूरी है कि एक ही आधार के साथ कई बैंक अकाउंट्स को लिंक किया जा सकता है।

आधार सीडिंग

आधार लिंकिंग से अलग आधार सीडिंग सिर्फ एक बैंक अकाउंट के लिए होती है। इसका लक्ष्य आधार के जरिए पेमेंट और सेवाओं का फायदा लेने के लिए होती है। इसलिए खास बैंक अकाउंट को ही आधार के साथ सीड किया जाता है।

इससे सरकारी सब्सिडी और दूसरे भत्ते अकाउंट में सीधे भेजे जा सकते हैं और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की सुवधा दी जा सकती है। डीबीटी के जरिए न सिर्फ तेज ट्रांसफर सुनिश्चित होता है बल्कि राशि का सही इस्तेमाल भी होता है।

आधार से जोड़ना क्यों जरूरी?

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation, EPFO) अकाउंट को आधार के साथ सीड करने से कर्मचारियों और पेंशनधारकों को ऑनलाइन सेवाओं का फायदा उठाने में मदद मिलती है। EPF का UAN (Universal Account Number) ऐक्टिवेट होने और आधार वेरिफिकेशन से रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (Employment Linked Incentive) का सीधा फायदा मिलता है।

सदस्यों की जिम्मेदारी

EPFO ने हाल ही में यह भी साफ किया है कि कर्मचारियों को अपने UAN ऐक्टिवेशन के लिए जागरूक रहना चाहिए। संगठन ने बताया है कि अपने डीऐक्टिवेटेड अकाउंट को ऐक्टिवेट करना कर्मचारी/ सदस्य की जिम्मेदारी है। नियोक्ता UAN को जनरेट या लिंक कर सकते हैं लेकिन ऐक्टिवेशन और लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाना कर्मचारी की जिम्मेदारी है।

UAN ऐक्टिवेशन के फायदे

UAN एक 12 अंकों का नंबर है जिसे EPFO अपने सदस्यों को जारी करता है। इस यूनीक नंबर को ऐक्टिवेट करने से सदस्य PF अकाउंट से जुड़ीं ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।

EPFO की डिजिटल सेवा, जैसे प्रॉविडेंट फंड अकाउंट को मैनेज करने, पासबुक देखने, विदड्रॉअल और अडवांस के लिए क्लेम दाखिल करने और क्लेम ट्रैक करने जैसी सेवाएं का ऐक्सेस ऑनलाइन हो जाता है जो सदस्यों के काम तेजी से और पारदर्शिता के साथ करता है।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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