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  1. Compulsory Retirement: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी के क्या हैं नियम? कौन से बेनिफिट मिलेंगे और कौन से नहीं?

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Compulsory Retirement: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी के क्या हैं नियम? कौन से बेनिफिट मिलेंगे और कौन से नहीं?

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 14, 2025, 18:57 IST

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सारांश

Compulsory Retirement: अगर किसी कर्मचारी को 10 साल की सेवा पूरी होने के बाद जबरन रिटायर किया जाता है, तो उसे पेंशन मिलेगी। यह पेंशन उसकी पूरी पेंशन (superannuation pension) का एक हिस्सा होगी। कितना हिस्सा देना है, यह संबंधित अधिकारी नियम 40 के अनुसार तय करेगा।

Compulsory Retirement

यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू है जिन्हें 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले या बाद में जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) किया गया है।

Pension & Gratuity rules: केंद्र सरकार ने एक नया मेमोरेंडम जारी किया है। इसमें बताया गया है कि जबरन रिटायरमेंट लेने वाले केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी कैसे मिलेगी। यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू है जिन्हें 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले या बाद में जबरन रिटायर (Compulsory Retirement) किया गया है। केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है। वहीं सर्विस ग्रेच्युटी एक बार में दी जाती है। सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल होती है।
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10 साल सेवा पूरी करने पर क्या मिलेगा?

अगर किसी कर्मचारी को 10 साल की सेवा पूरी होने के बाद जबरन रिटायर किया जाता है, तो उसे पेंशन मिलेगी। यह पेंशन उसकी पूरी पेंशन (superannuation pension) का एक हिस्सा होगी। कितना हिस्सा देना है, यह संबंधित अधिकारी नियम 40 के अनुसार तय करेगा।

10 साल सेवा पूरी न करने पर क्या मिलेगा?

अगर कर्मचारी को 10 साल पूरा होने से पहले मजबूरी में रिटायर किया जाता है, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। उसे केवल सर्विस ग्रेच्युटी मिलेगी। यह भी सुपरऐनुएशन ग्रेच्युटी का एक तय प्रतिशत होगी।

सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इन प्रावधानों की जानकारी सभी कर्मचारियों को दी जाए ताकि इनका कड़ाई से पालन किया जा सके।

कितनी पेंशन या ग्रेच्युटी मिल सकती है?

नियमों के अनुसार, जबरन रिटायर किए गए कर्मचारी को पेंशन या ग्रेच्युटी उसकी पूरी पेंशन/ग्रेच्युटी के दो-तिहाई (2/3) से कम नहीं और 100% से ज्यादा नहीं दी जा सकती। यह राशि उसी दिन से लागू होगी, जिस दिन उसे अनिवार्य रूप से रिटायर किया गया है। नियम 40 के अनुसार, जिस अधिकारी ने रिटायरमेंट का फैसला किया है, वही पेंशन या ग्रेच्युटी की अंतिम रकम तय करता है। यह रकम पूरी पेंशन या ग्रेच्युटी का दो-तिहाई से लेकर पूरे 100% तक हो सकती है।

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अहम

सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति से जुड़ी पेंशन और ग्रेच्युटी के नियम समझना बहुत जरूरी है। यह उनकी रिटायरमेंट प्लानिंग पर सीधा असर डालता है। जो कर्मचारी लगभग 10 साल की सेवा पूरी करने वाले हैं, उन्हें खास ध्यान रखना चाहिए। उनकी सेवा अवधि पूरी 10 साल होने या उससे कम होने पर पेंशन और ग्रेच्युटी के फायदे बदल सकते हैं।

सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि पेंशन या ग्रेच्युटी की अंतिम राशि संबंधित अधिकारी की मंजूरी पर निर्भर करती है। इसलिए कर्मचारियों के लिए यह बेहतर है कि वे समय रहते पेंशन विभाग या संबंधित अधिकारियों से सलाह लें। यह नया अपडेट कर्मचारियों को यह समझने में मदद करता है कि अनिवार्य या जल्दी रिटायरमेंट के मामले में उनकी क्या-क्या वित्तीय पात्रताएं होंगी। इससे वे अपनी भविष्य की आर्थिक सुरक्षा बेहतर तरीके से प्लान कर सकते हैं।

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लेखकों के बारे में

Upstox
Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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