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  1. जिस योजना के तहत बिहार सरकार ने महिलाओं के खाते में डाले थे ₹10,000, उसकी पूरी डीटेल आपने देखी?

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जिस योजना के तहत बिहार सरकार ने महिलाओं के खाते में डाले थे ₹10,000, उसकी पूरी डीटेल आपने देखी?

Upstox

4 min read | अपडेटेड November 18, 2025, 17:31 IST

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सारांश

बहुत सी महिलाओं को लग रहा है कि उन्हें हर महीने 10 हजार मिलेंगे, लेकिन सच यह है कि यह सिर्फ एक बार मिलने वाली मदद है। बिहार सरकार का मकसद महिलाओं को छोटा बिजनेस शुरू करवाना है। अगर काम अच्छा चला तो 6 महीने बाद 2 लाख रुपये तक की मदद और मिल सकती है।

Bihar Mahila Rojgar Yojana

26 सितंबर 2025 को पीएम मोदी ने बिहार की महिलाओं के खाते में ट्रांसफर किए 10 हजार रुपये।

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। एनडीए को जनता ने बहुमत दे दिया है। इस जीत के पीछे अलग-अलग एक्सपर्ट अलग-अलग वजहें बता रहे हैं, जिसमें एक बड़ा रोल बिहार सरकार के तरफ से चुनाव से ठीक पहले एक योजना के तहत महिलाओं के खाते में भेजे गए 10 हजार रुपये का भी है। अब सवाल ये है कि आखिर ये योजना है क्या? इसकी कहानी शुरू होती है 26 सितंबर 2025 से।

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दरअसल इस दिन देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' का बटन दबाकर शुभारंभ किया। गांव-गांव और शहर-शहर में महिलाओं के मोबाइल पर घंटी बजी और खाते में 10 हजार रुपये क्रेडिट होने का मैसेज आया। हालांकि, यह योजना पूरी तरह से बिहार सरकार की है और इसका पूरा खर्च राज्य सरकार उठा रही है, पीएम मोदी ने केवल इसकी शुरुआत की है। इस योजना का मकसद महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकालकर उन्हें खुद का मालिक बनाना है। लेकिन इस योजना को लेकर लोगों में कुछ कन्फ्यूजन भी है जिसे दूर करना बहुत जरूरी है।

सिर्फ एक बार मिलेंगे 10 हजार

सबसे पहले यह समझना होगा कि खाते में आए 10 हजार रुपये कोई महीना बांधा हुआ पेंशन नहीं है। यह एकमुश्त सहायता राशि है। सरकार चाहती है कि आप इन पैसों से सिलाई, बुनाई, खेती, पशुपालन या कोई छोटी दुकान जैसे काम की शुरुआत करें। सरकार ने इसके लिए 7500 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट रखा है और लक्ष्य है कि पूरे बिहार की 75 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिले। अगर आप इस पैसे का सही इस्तेमाल करती हैं और आपका काम चल निकलता है, तो 6 महीने बाद आपके काम की जांच होगी। अगर सब कुछ सही रहा तो सरकार आपको बिजनेस बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये तक की और मदद दे सकती है।

कौन सी महिलाएं हैं इस योजना की असली हकदार?

इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ कड़े नियम भी बनाए गए हैं। सबसे पहली शर्त यह है कि महिला बिहार की स्थायी निवासी होनी चाहिए। उसकी उम्र 18 साल से 60 साल के बीच होनी चाहिए। इस योजना का लाभ केवल विवाहित महिलाओं को ही मिलेगा। इसके अलावा सबसे अहम शर्त यह है कि महिला का जुडाव 'जीविका' या किसी स्वयं सहायता समूह यानी एसएचजी से होना जरूरी है। यह योजना गांव और शहर दोनों जगहों के लिए है। गांवों में इसका काम ग्रामीण विकास विभाग देख रहा है, जबकि शहरों में नगर विकास विभाग इसकी जिम्मेदारी संभाल रहा है।

अगर पैसा नहीं आया तो कहां हुई गलती

पीएम मोदी ने पैसे भेज दिए हैं, लेकिन अगर आपके खाते में अभी तक 10 हजार रुपये नहीं आए हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसके पीछे कुछ तकनीकी कारण हो सकते हैं। हो सकता है कि आपके आवेदन फॉर्म में बैंक खाता नंबर या आईएफएससी कोड गलत भरा गया हो। कई बार बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक नहीं होता है, जिस कारण डीबीटी का पैसा अटक जाता है। यह भी देखें कि आपका बैंक खाता आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से जुड़ा है या नहीं। अगर इनमें से कोई भी कमी है, तो उसे तुरंत बैंक जाकर ठीक करवा लें।

कैसे करें आवेदन और आगे की राह?

जो महिलाएं अभी तक इस योजना से नहीं जुड़ पाई हैं, वे ऑनलाइन या अपने ग्राम स्तर पर जीविका दीदियों के माध्यम से फॉर्म भर सकती हैं। यह पैसा एक तरह का अनुदान है, यानी आपको यह 10 हजार रुपये सरकार को वापस नहीं लौटाने हैं। बस शर्त यही है कि आप इसे अपने रोजगार में लगाएं। सरकार का सपना है कि बिहार की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बनें। इसलिए 10 हजार को सिर्फ खर्च करने के बजाय इसे निवेश समझें, ताकि भविष्य में मिलने वाले 2 लाख रुपये का रास्ता भी आपके लिए खुल सके।

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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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