पर्सनल फाइनेंस
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4 min read | अपडेटेड December 01, 2025, 19:10 IST
सारांश
सरकार ने कहा है कि CGHS और ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) के लाभार्थी चाहें तो Ayushman Bharat में रजिस्टर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी मौजूदा CGHS या ECHS कार्ड को हमेशा के लिए सरेंडर करना पड़ेगा।

Ayushman Bharat vs CGHS: Ayushman Bharat–PM-JAY में हर परिवार को साल में ₹5 लाख तक का इलाज मिलता है।
दूसरी तरफ है सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS), जो कि सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके डिपेंडेंट्स के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव मेडिकल बेनिफिट प्लान है। देश भर में हॉस्पिटल्स, वेलनेस सेंटर्स और डिस्पेंसरीज के नेटवर्क तक एक्सेस देता है। हम यहां समझेंगे कि इन दोनों योजनाओं में क्या अंतर है और क्या-क्या फायदे हैं।
सरकार ने कहा है कि CGHS और ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) के लाभार्थी चाहें तो Ayushman Bharat में रजिस्टर कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी मौजूदा CGHS या ECHS कार्ड को हमेशा के लिए सरेंडर करना पड़ेगा। नियम के तहत एक व्यक्ति दोनों योजनाओं का लाभ एक साथ नहीं ले सकता। एक्सपर्ट्स का मानना है कि CGHS या ECHS वाले लोगों को Ayushman Bharat में शिफ्ट होने से बचना चाहिए, क्योंकि एक बार CGHS छोड़ा तो वापसी संभव नहीं है। वर्तमान नियमों के हिसाब से CGHS कार्ड एक बार सरेंडर होने के बाद वापस नहीं मिलता।
Ayushman Bharat–PM-JAY में हर परिवार को साल में ₹5 लाख तक का इलाज मिलता है। लेकिन CGHS इससे काफी अलग और बेहतर है। CGHS में इलाज की कोई सालाना लिमिट नहीं है। इसमें OPD और अस्पताल में भर्ती (IPD) दोनों का खर्च कवर होता है। स्पेशलिस्ट डॉक्टर, टेस्ट, और नियमित दवाइयां भी मिलती हैं। 1700 से ज्यादा प्रक्रियाएं CGHS रेट पर मिलती हैं, जो सस्ती पड़ती हैं। पेंशनरों को कई अस्पतालों में कैशलेस इलाज मिलता है।
अगर CGHS का सदस्य Ayushman Bharat में चला जाता है, तो वापस CGHS में नहीं लौट सकता। CGHS कार्ड स्थायी रूप से बंद हो जाता है और दोबारा शुरू नहीं किया जा सकता। इसलिए यह फैसला पूरी तरह एकतरफा और स्थायी है।
CGHS पहले से ही बहुत सारी सुविधाएं देता है। इसमें OPD परामर्श, दवाइयां, फिजियोथेरेपी, डेंटल, टेस्ट सब कवर होता है। लंबे समय की बीमारियों (BP, शुगर, thyroid, heart) की दवाइयां हर महीने मिलती हैं। ज्यादातर CGHS यूजर्स बुज़ुर्ग होते हैं जिन्हें रोजाना दवाइयों और OPD की जरूरत होती है, जो Ayushman Bharat में नहीं मिलता।
ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) फौज से रिटायर जवानों के लिए है। यह योजना ज्यादातर इलाज कैशलेस देती है, दवाइयां ECHS केंद्र पर मिलती हैं, इलाज की कोई ऊपरी सीमा नहीं है और सैन्य और निजी अस्पतालों का बड़ा नेटवर्क देती है। ECHS और CGHS दोनों खास समूहों के लिए बनी योजनाएं हैं। Ayushman Bharat इनकी जगह लेने के लिए नहीं है।
2018 से शुरू होने के बाद Ayushman Bharat में बहुत सुधार हुए हैं। इसमें 12 करोड़ से ज्यादा परिवार शामिल हैं। इसके तहत ASHA, Anganwadi, स्ट्रीट वेंडर, मजदूर भी कवर होते हैं। यह योजना मुख्यतः गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए है।
सरकार ने CGHS को और बेहतर बनाया है। इसमें अब ऑनलाइन स्पेशलिस्ट अपॉइंटमेंट, कागज रहित सिस्टम- रेफरल और रिइम्बर्समेंट ऑनलाइन, पेंशनरों के लिए अधिक अस्पतालों में कैशलेस सुविधा, कई प्रक्रियाओं के रेट अपडेट शामिल हैं। CGHS को और शहरों में शुरू किया गया है। इन सबसे CGHS और आसान और बेहतर हो गया है।
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