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4 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 13:23 IST
सारांश
AMFI OCT 25: अक्टूबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश लगातार तीसरे महीने गिरा है। AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, यह 18.8% घटकर 24,690.33 करोड़ रुपए रह गया। हालांकि, सितंबर में भारी निकासी देखने वाले डेट फंड में अक्टूबर के दौरान 1.59 लाख करोड़ रुपए का तगड़ा निवेश आया है।

अक्टूबर में इक्विटी से निवेशकों ने थोड़ी दूरी बनाई, जबकि डेट फंड्स में जमकर पैसा लगाया।
म्यूचुअल फंड बाजार में निवेशकों का मूड हर महीने बदलता रहता है। सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में निवेशकों का मिजाज काफी अलग दिखा है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के 11 नवंबर को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश लगातार तीसरे महीने कम हुआ है। अक्टूबर में यह 18.8% गिर गया। दूसरी तरफ, सितंबर में भारी बिकवाली देखने वाले डेट फंड्स में अक्टूबर में निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया है। यह बाजार में निवेशकों की बदलती रणनीति की ओर इशारा कर रहा है।
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 24,690.33 करोड़ रुपए का निवेश आया। यह सितंबर के 30,421.69 करोड़ रुपए के मुकाबले 18.8% कम है। यह लगातार तीसरा महीना है जब इक्विटी फंड के निवेश में गिरावट दर्ज की गई है। इससे पहले सितंबर में 8.9% और अगस्त में 21.7% की गिरावट आई थी। यह जुलाई में देखी गई 81% की शानदार बढत के बिलकुल उलट है। यह दिखाता है कि अक्टूबर के दौरान निवेशक इक्विटी को लेकर थोड़े सतर्क हो गए थे।
अक्टूबर महीने की सबसे बड़ी कहानी डेट म्यूचुअल फंड्स ने लिखी है। जहां सितंबर में डेट फंड्स से 1.02 लाख करोड़ रुपए की बड़ी निकासी हुई थी, वहीं अक्टूबर में तस्वीर पूरी तरह पलट गई। इस महीने डेट फंड्स में 1.59 लाख करोड़ रुपए का शानदार नेट इनफ्लो दर्ज किया गया। डेट कैटेगरी में भी, लिक्विड फंड्स ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा। सितंबर में लिक्विड फंड से 66,042.32 करोड़ रुपए निकाले गए थे, लेकिन अक्टूबर में इनमें 89,375.12 करोड़ रुपए का नेट निवेश आया। सितंबर में यह निकासी मुख्य रूप से बड़े संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई थी, जो अक्टूबर में वापस आ गए।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की सीनियर एनालिस्ट नेहा मेश्राम कहती हैं कि डेट फंड में यह तेज रिकवरी अक्टूबर 2025 में देखने को मिली है। सितंबर में 1.02 लाख करोड़ की भारी निकासी के बाद, अक्टूबर में 1.60 लाख करोड़ का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया। यह बड़ा बदलाव मुख्य रूप से लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स में आए तगड़े निवेश के कारण हुआ है। संस्थागत निवेशकों ने पिछली तिमाही के अंत में जो पैसा निकाला था, उसे सरप्लस कैश के तौर पर बाजार में वापस लगा दिया है।
आंकड़े भी इसकी गवाही देते हैं। लिक्विड फंड्स ने इस बढत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई। सितंबर में 66,042 करोड़ रुपए की निकासी के मुकाबले, अक्टूबर में इनमें 89,375 करोड़ रुपए का निवेश आया। इसी तरह, ओवरनाइट फंड्स में भी 24,051 करोड़ रुपए आए। मनी मार्केट फंड्स ने भी जोरदार वापसी की और 17,916 करोड़ रुपए जुटाए।
नेहा मेश्राम यह भी बताती हैं कि शॉर्ट-ड्यूरेशन सेगमेंट में भी जोरदार उछाल आया। हालांकि, क्रेडिट रिस्क फंड्स में कमजोरी बनी रही, जो दिखाता है कि निवेशक कम रेटिंग वाली जगहों पर अभी भी सतर्क हैं। लंबी अवधि वाले गिल्ट फंड्स से 931 करोड़ रुपए की निकासी हुई। उनके अनुसार, अक्टूबर का यह ट्रेंड निवेशकों की पसंद में किसी बड़े बदलाव के बजाय लिक्विडिटी के कारण है।
भले ही कुल इक्विटी निवेश घटा हो, लेकिन अलग-अलग कैटेगरी में कहानी अलग रही। फ्लेक्सी-कैप फंड्स ने अक्टूबर में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और 8,928.71 करोड़ रुपए का सर्वाधिक योगदान दिया। यह सितंबर के 7,029.26 करोड़ रुपए से 27% ज्यादा है। हालांकि, लार्ज-कैप फंड्स के लिए महीना अच्छा नहीं रहा। लार्ज-कैप में निवेश 58% से अधिक गिरकर 971.97 करोड़ रुपए रह गया, जो सितंबर में 2319.04 करोड़ रुपए था। वहीं, मिड-कैप फंड्स में 3,807.11 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप फंड्स में 3,476.04 करोड़ रुपए का निवेश आया। सेक्टरल यानी थीमैटिक फंड्स में भी 11.8% की बढत देखी गई और यह 1,366.16 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
अन्य निवेश विकल्पों की बात करें तो, गोल्ड ईटीएफ (ETF) में निवेश की रफतार थोड़ी धीमी पड़ी। सितंबर में 281.9% की जबरदस्त उछाल के बाद, अक्टूबर में गोल्ड ईटीएफ में निवेश 7.4% घटकर 7,743.19 करोड़ रुपए रह गया। अन्य ईटीएफ में भी निवेश सितंबर के 8,150.79 करोड़ रुपए से घटकर 6,181.70 करोड़ रुपए रह गया। इन उतार-चढाव के बावजूद, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 5.6% बढ़कर 79.87 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया, जो सितंबर में 75.61 लाख करोड़ रुपए था।
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