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  1. 8th Pay Commission: नोटिफिकेशन से क्या बदला? समझें सैलरी के अलावा किन बातों पर फोकस करेगा 8वां वेतन आयोग

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8th Pay Commission: नोटिफिकेशन से क्या बदला? समझें सैलरी के अलावा किन बातों पर फोकस करेगा 8वां वेतन आयोग

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 04, 2025, 12:32 IST

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सारांश

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग के नोटिफिकेशन से बडी बातें सामने आई हैं। आयोग का फोकस सिर्फ वेतन बढाने पर नहीं, बल्कि पहली बार NPS कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की समीक्षा पर होगा। साथ ही, परफार्मेंस आधारित बोनस और भत्तों को तर्कसंगत बनाना भी एजेंडे में है।

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8th Pay Commission: पेंशन हमेशा बेसिक सैलरी के आधार पर तय होती है।

8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन का नोटिफिकेशन 3 नवंबर 2025 को जारी कर दिया है। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में यह आयोग 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। लेकिन इस बार के 'टर्म्स आफ रेफरेंस' (ToR) यानी आयोग के काम के दायरे से यह साफ हो गया है कि इसका काम सिर्फ पारंपरिक तरीके से वेतन बढ़ाना नहीं है। सरकार ने आयोग के एजेंडे में कई ऐसे बड़े बदलाव शामिल किए हैं, जिनका सीधा असर करोड़ों कर्मचारियों पर पड़ेगा।

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NPS कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी खबर

इस बार के वेतन आयोग के एजेंडे में जो सबसे बड़ी और नई बात है, वह है नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के कर्मचारियों से जुड़ी है। नोटिफिकेशन में आयोग को साफ तौर पर एनपीएस (जिसमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम भी शामिल है) के दायरे में आने वाले कर्मचारियों की 'डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी' की समीक्षा करने और उस पर अपनी सिफारिशें देने के लिए कहा गया है। यह एनपीएस कर्मचारियों के लिए एक बहुत बड़ा कदम है, क्योंकि उनकी ग्रेच्युटी को लेकर हमेशा से सवाल रहे हैं। इसके साथ ही आयोग उन कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और पेंशन की भी समीक्षा करेगा जो एनपीएस के दायरे में नहीं आते हैं।

बदलेगा बोनस का सिस्टम

दूसरा बड़ा बदलाव बोनस और इंसेंटिव को लेकर है। आयोग को मौजूदा बोनस स्कीमों की पूरी तरह से जांच करने का काम सौंपा गया है। इसका मकसद है कि बोनस को सीधे तौर पर कर्मचारी के 'परफार्मेंस' (प्रदर्शन) और 'प्रोडक्टिविटी' (उत्पादकता) से जोड़ा जाए। आयोग से कहा गया है कि वह बेहतरीन काम करने वालों को इनाम देने के लिए एक सही इंसेंटिव स्कीम के लिए नए वित्तीय पैमाने और सिद्धांत तय करे। यानी, अब काम के आधार पर बोनस देने का नया सिस्टम आ सकता है।

फालतू भत्तों का होगा 'ऑपरेशन'

तीसरा बड़ा फोकस भत्तों पर है। सरकारी कर्मचारियों को अभी कई तरह के भत्ते मिलते हैं। नोटिफिकेशन में 'भत्तों की बहुलता' (multiplicity of allowances) का जिक्र करते हुए आयोग को इन्हें 'तर्कसंगत' बनाने को कहा गया है। इसका मतलब है कि आयोग सभी भत्तों की समीक्षा करेगा। जो भत्ते गैर-जरूरी हो गए हैं, उन्हें बंद किया जा सकता है या दूसरे भत्तों में मिलाया जा सकता है। साथ ही, भत्ते मिलने की शर्तों को भी बदला जा सकता है।

सैलरी ऐसी जो टैलेंट को रोक सके

चौथा अहम बिंदु यह है कि आयोग का काम सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाना नहीं है। आयोग को एक ऐसा वेतन ढांचा तैयार करने को कहा गया है, जो प्रतिभाशाली लोगों (टैलेंट) को सरकारी सेवा में आने के लिए आकर्षित कर सके। साथ ही, यह ढांचा काम के कल्चर में कुशलता, जवाबदेही और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए। आयोग अपनी सिफारिशें देते समय देश की आर्थिक हालत, सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ और राज्य सरकारों पर होने वाले असर का भी ध्यान रखेगा।

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