मार्केट न्यूज़
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4 min read | अपडेटेड December 26, 2025, 08:56 IST
सारांश
10 मिनट में ग्रोसरी पहुंचाने वाली कंपनी जेप्टो अब शेयर बाजार में लिस्ट होने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने शुक्रवार को सेबी के पास गोपनीय तरीके से अपना आईपीओ ड्राफ्ट जमा कर दिया है। जेप्टो की योजना अगले साल तक बाजार में उतरने की है।

Zepto का आने वाला है आईपीओ
जेप्टो कंपनी अब भारतीय शेयर बाजार में अपनी नई पहचान बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। 10 मिनट के भीतर घर तक सामान पहुंचाने वाली इस कंपनी ने आज बाजार नियामक सेबी के पास अपने आईपीओ से जुड़े शुरुआती दस्तावेज जमा कर दिए हैं। इस कदम के साथ ही जेप्टो अब जोमैटो और स्विगी जैसी दिग्गज कंपनियों की कतार में शामिल होने की ओर बढ़ रही है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो जेप्टो देश के शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली सबसे कम उम्र की स्टार्टअप कंपनियों में से एक बन जाएगी। बाजार में इस खबर के आने के बाद से ही निवेश के जानकारों के बीच जेप्टो की काफी चर्चा हो रही है।
जेप्टो ने सेबी के पास अपने दस्तावेज गोपनीय तरीके से जमा किए हैं। इसका मतलब यह है कि कंपनी ने सेबी के साथ अपनी वित्तीय जानकारी और भविष्य की योजनाएं साझा की हैं, लेकिन इसे अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह तरीका उन कंपनियों के लिए काफी फायदेमंद होता है जो बाजार में उतरने से पहले नियामक से जरूरी सलाह लेना चाहती हैं। इससे कंपनी को अपनी कमियों को सुधारने और बाजार की स्थिति को गहराई से समझने का मौका मिलता है। कंपनी ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगले साल कंपनी का शेयर बाजार में आना लगभग तय है। इस गोपनीय रास्ते से जेप्टो को अपने व्यापारिक राज सुरक्षित रखने में भी मदद मिलती है।
भारतीय शेयर बाजार में फिलहाल क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में जोमैटो और स्विगी का दबदबा है। जोमैटो ने साल 2021 में अपनी लिस्टिंग कराई थी, जबकि स्विगी ने हाल ही में नवंबर 2024 में अपना आईपीओ पेश किया था। अब जेप्टो के आने से इस मुकाबले में एक तीसरा बड़ा खिलाड़ी जुड़ जाएगा। इससे निवेशकों के पास निवेश के नए विकल्प खुलेंगे और कंपनियों के बीच बेहतर सेवा देने की होड़ भी बढ़ेगी। जेप्टो ने बहुत ही कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और बड़े शहरों में अपनी पकड़ बहुत मजबूत की है। आने वाले समय में इन तीनों कंपनियों के बीच बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
बता दें कि जेप्टो की शुरुआत स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले दो युवाओं, आदित्य पालिचा और कैवल्य वोहरा ने की थी। इन दोनों ने भारत में 10 मिनट की डिलीवरी के विचार को हकीकत में बदला। आज इस कंपनी की वैल्यू करीब 7 अरब डॉलर यानी लगभग 58 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुकी है। कंपनी ने अब तक कुल 1.8 अरब डॉलर का फंड जुटाया है। हाल ही में कंपनी ने कैलिफोर्निया पब्लिक एम्प्लॉइज रिटायरमेंट सिस्टम जैसे बड़े निवेशकों से भारी भरकम निवेश हासिल किया था। जेप्टो की यह सफलता बताती है कि भारत में क्विक कॉमर्स का बाजार कितनी तेजी से बढ़ रहा है और लोग अब घर बैठे तुरंत सामान पाना पसंद कर रहे हैं।
जेप्टो का नेटवर्क आज देश के बड़े शहरों में बहुत तेजी से फैल चुका है। सितंबर 2025 तक कंपनी के पास 900 से अधिक डार्क स्टोर्स थे, जहां से सामान की डिलीवरी की जाती है। कंपनी का सालाना कारोबार भी करीब 26 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। हालांकि कंपनी अभी विस्तार पर काफी पैसा खर्च कर रही है, जिसे व्यापार की भाषा में कैश बर्न कहा जाता है। कंपनी ने अब तक काफी निवेश खर्च किया है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य अपनी बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाना है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी किस तरह से अपने मुनाफे और विकास के बीच तालमेल बिठाती है और निवेशकों को कितना फायदा पहुंचाती है।
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