मार्केट न्यूज़
.png)
3 min read | अपडेटेड December 24, 2025, 12:03 IST
सारांश
Year Ender 2025: साल 2025 आईपीओ के लिहाज से कैसा रहा, किन-किन स्टार्टअप ने मार्केट डेब्यू किया, कौन से पुराने रिकॉर्ड्स टूटे और 2026 से क्या उम्मीदें हैं, चलिए समझते हैं।
शेयर सूची

2025 में कौन-कौन से स्टार्टअप हुए शेयर मार्केट में लिस्ट
लंबे समय तक फंड जुटाने में मंदी के बाद 2025 भारतीय स्टार्टअप के लिए नकदी का साल बनकर उभरा। पब्लिक इश्यू गतिविधियों में फिर से तेजी देखने को मिली, सौदों की गुणवत्ता में सुधार आया और अनुशासित वृद्धि की ओर स्पष्ट बदलाव देखा गया। साल 2023 को ‘फंडिंग विंटर’ (पूंजी जुटाने के लिए कठिन दौर) और 2024 को सतर्क आशावाद के रूप में परिभाषित किया गया था तो 2025 को विशेष रूप से पब्लिक मार्केट्स के जरिए निकासी में ऐतिहासिक वृद्धि के लिए याद किया जाएगा। फाइनेंसिंग में गिरावट आई लेकिन 2025 में औसत मध्यम सौदे का आकार लगभग दोगुना होकर करीब 14 लाख अमेरिकी डॉलर हो गया जो 2024 में लगभग 7 लाख अमेरिकी डॉलर था। यह निवेशकों की बढ़ती परिपक्वता का संकेत देता है।
स्टार्टअप और प्राइवेट कंपनियों के बारे में विस्तृत डेटा और एनालिसिस देने वाली कंपनी ‘ट्रैक्सन’ के मुताबिक, भारत के टेक स्टार्टअप ने 2025 में 10.5 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाए जो 2024 में जुटाए गए 12.7 अरब अमेरिकी डॉलर से 17% और 2023 के 11 अरब अमेरिकी डॉलर से 4% कम है। 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक की फाइनेंसिंग के लिए आयोजित दौर की संख्या घटकर 14 रह गई, जो 2024 में 19 थी। हालांकि बड़े सौदों में एरिशा ई मोबिलिटी (एक अरब अमेरिकी डॉलर), जेप्टो (45 करोड़ अमेरिकी डॉलर) और ग्रीनलाइन (27.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर) शामिल रहे।
कम फाइनेंसिंग के बावजूद कैश जनरेशन के मामलों में तेज बढ़ोतरी देखी गई, जिसका नेतृत्व स्टार्टअप के आईपीओ में फिर से आई तेजी ने किया। लेंसकार्ट, ग्रो, मीशो और फिजिक्सवाला सहित कुल 18 स्टार्टअप भारतीय शेयर बाजारों में लिस्ट हुए और उन्होंने मिलकर 41,000 करोड़ रुपये (लगभग 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर) जुटाए। इसके मुकाबले 2024 में 29,000 करोड़ रुपये (करीब 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर) जुटाए गए थे।
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘2025 को मैं कैश का साल कहूंगी। यह आईपीओ का साल रहा। यह ऐसा साल रहा जिसमें उद्यम पूंजी (वेंचर कैपिटल, वीसी) और निजी इक्विटी (पर्सनल इक्विटी, पीई) समर्थित कंपनियां रिकॉर्ड संख्या में बाजार में पहुंचीं। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड साल रहा। मिसाल के तौर पर, अगर आप पीक एक्सवी और एलीवेशन जैसे फंड को देखें तो उनके सेगमेंट में कई आईपीओ देखने को मिलेंगे।’ सिंह ने कहा कि 2026 में फाइनेंसिंग 2025 की तुलना में अधिक रहने की उम्मीद है।
ईवाई इंडिया में बाजार एवं दूरसंचार प्रमुख प्रशांत सिंघल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘भारत के स्टार्टअप ने उल्लेखनीय घरेलू वृद्धि की है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग से मान्यता प्राप्त करीब दो लाख स्टार्टअप में से केवल इस साल 44,000 जुड़े हैं। वहीं 11 नए यूनिकॉर्न और 18 पब्लिक इश्यू के जरिये 41,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाने के साथ... भारत अब अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परिवेश बन गया है।’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इन्वेस्टमेंट और डेवलपमेंट का एक प्रमुख विषय बनी रहेगी जबकि डी2सी ब्रांड और सर्विसेज समेत व्यापक उपभोक्ता बाजार एक ऐसा सर्वोपरि विषय है जिसके बारे में निवेशक 2026 के लिए उत्साहित हैं।
संबंधित समाचार
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।
लेखकों के बारे में
.png)
अगला लेख
इसको साइनअप करने का मतलब है कि आप Upstox की नियम और शर्तें मान रहे हैं।