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4 min read | अपडेटेड November 03, 2025, 11:45 IST
सारांश
Maruti Suzuki share: इस साल अगस्त में जीएसटी दरों में सुधार की घोषणा के बाद से मारुति सुजुकी इंडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी, लेकिन हाल ही में इसमें कुछ मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। सितंबर 2025 की शुरुआत में जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा के बाद ऑटो बिक्री में भारी उछाल आया।
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Maruti Suzuki: जीएसटी दरों में सुधार की घोषणा के बाद से मारुति सुजुकी इंडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी।
इस साल अगस्त में जीएसटी दरों में सुधार की घोषणा के बाद से मारुति सुजुकी इंडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई थी, लेकिन हाल ही में इसमें कुछ मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। सितंबर 2025 की शुरुआत में जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा के बाद ऑटो बिक्री में भारी उछाल आया। हालांकि, कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी की बिक्री वृद्धि लंबे समय तक टिकेगी या नहीं, इस पर संदेह है।
कंपनी ने शनिवार 1 नवंबर को बताया कि अक्टूबर 2025 में उसकी कुल बिक्री 7% बढ़कर 2,20,894 यूनिट्स रही, जो पिछले साल अक्टूबर में 2,06,434 यूनिट्स थी। घरेलू बिक्री (कमर्शियल वाहनों सहित) 1,80,675 यूनिट्स रही, जो कि अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। इसके अलावा, अक्टूबर में 1,76,318 यूनिट्स पैसेंजर व्हीकल्स बिकी, जिसमें 10.48% की बढ़ोतरी देखी गई।
छोटी कारों (Alto, S-Presso) की बिक्री घटकर 9067 यूनिट्स रह गई, जो पिछले साल 10,687 यूनिट्स थी। वहीं कॉम्पैक्ट कारों (Baleno, Celerio, Dzire, Ignis, Swift, WagonR) की बिक्री 65,948 से बढ़कर 76,143 यूनिट्स हो गई। SUVs (Brezza, Ertiga, Fronx, Grand Vitara आदि) की बिक्री भी बढ़कर 70,644 से 77,571 यूनिट्स पहुंच गई। Eeco वैन की बिक्री 11,653 से बढ़कर 13,537 यूनिट्स हो गई।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने बताया कि सितंबर 2025 में जीएसटी दरों में कटौती के बाद छोटी कारों की बिक्री में तेजी आई है। पहले यह माना जा रहा था कि भारतीय ग्राहक अब महंगी कारों की ओर बढ़ गए हैं, लेकिन छोटे कार सेगमेंट की वापसी ने यह धारणा गलत साबित कर दी।
उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही अपना पांचवां मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने पर फैसला करेगी और अगले कुछ महीनों में इसका ऐलान किया जा सकता है। जीएसटी दरों में बदलाव के असर को देखते हुए कंपनी 2030-31 तक के उत्पादन और बिक्री लक्ष्यों को फिर से तय करने की तैयारी में है।
त्योहारों के दौरान कंपनी की रिकॉर्ड रिटेल सेल्स हुई हैं, जिनमें अधिकतर छोटी कारों की मांग से वृद्धि हुई है। इस समय कंपनी के पास कुल 3.5 लाख बुकिंग्स हैं, जिनमें से 2.5 लाख बुकिंग्स छोटी कारों (18% GST सेगमेंट) की हैं। भार्गव ने कहा कि अब कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता को अधिक लचीला बना रही है ताकि बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन किया जा सके।
ब्रोकरेज और एक्सपर्ट्स के मुताबिक मारुति के Q2 नतीजे अच्छे थे लेकिन उम्मीद से थोड़ा कमजोर रहे। इसकी वजह कच्चे माल और प्रमोशनल खर्च में वृद्धि, EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) से जुड़ा मार्जिन दबाव, और कम गैर-ऑपरेटिंग आय है। हालांकि, नए मॉडलों की बिक्री और बेहतर प्रोडक्शन स्केल से कंपनी को आगे चलकर मार्जिन में कुछ राहत मिल सकती है।
कंपनी को उम्मीद है कि H2 FY26 और उसके बाद ऑटो इंडस्ट्री में 6% की वृद्धि और छोटी कारों के सेगमेंट में 10% की वृद्धि हो सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि त्योहारी सीजन के बाद डिमांड बनी रहती है या नहीं, और नई लॉन्चिंग्स का असर क्या होगा, इस पर नजर रखनी होगी।
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