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  1. DAC मीटिंग के बाद आज डिफेंस सेक्टर में क्या कुछ बदला, HAL से लेकर पारस डिफेंस तक कौन से शेयरों में दिखी हलचल?

मार्केट न्यूज़

DAC मीटिंग के बाद आज डिफेंस सेक्टर में क्या कुछ बदला, HAL से लेकर पारस डिफेंस तक कौन से शेयरों में दिखी हलचल?

Namita Shukla

3 min read | अपडेटेड December 30, 2025, 09:31 IST

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सारांश

इस मीटिंग के बाद आज डिफेंस सेक्टर के शेयरों में हलचल देखने को मिल रही है। मार्केट खुलने पर डिफेंस शेयरों में कुछ गिरावट देखने को मिली है। पारस डिफेंस के शेयरों में 2 रुपये से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली, वहीं हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयरों में भी 15 रुपये से ज्यादा की गिरावट दिखी।

शेयर सूची

डिफेंस सेक्टर

डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स में आज क्यों दिख रही हलचल?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council, DAC)) ने तीनों सेनाओं के विभिन्न प्रस्तावों के लिए आवश्यकता स्वीकृति (Acceptance of Necessity, AoN) दिया है, जिनकी कुल लागत लगभग 79,000 करोड़ रुपये है। 29 दिसंबर यानी कि सोमवार को हुई बैठक में, भारतीय सेना के लिए तोपखाने रेजिमेंटों के लिए लोइटर मुनिशन सिस्टम, निम्न स्तरीय हल्के रडार, पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमआरएलएस) के लिए लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेट गोला-बारूद और एकीकृत ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम एमके-II की खरीद के लिए एओएन को मंजूरी दी गई। इस मीटिंग के बाद आज डिफेंस सेक्टर के शेयरों में हलचल देखने को मिल रही है। मार्केट खुलने पर डिफेंस शेयरों में कुछ गिरावट देखने को मिली है। पारस डिफेंस के शेयरों में 2 रुपये से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली, वहीं हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयरों में भी 15 रुपये से ज्यादा की गिरावट दिखी। Mazagon Dock Shipbuil Ltd. के शेयर भी करीब 30 रुपये तक गिर गए।

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डीएसी मीटिंग में क्या फैसले लिए गए?

लोइटर मुनिशन का उपयोग सामरिक लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए किया जाएगा, जबकि निम्न स्तरीय हल्के रडार छोटे साइज के, कम ऊंचाई पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई प्रणालियों का पता लगाने और उन पर नजर रखने में सक्षम होंगे। लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेट उच्च मूल्य वाले लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से भेदने के लिए पिनाका एमआरएलएस की मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाएंगे। उन्नत रेंज वाला इंटीग्रेटेड ड्रोन डिटेक्शन एंड इंटरडिक्शन सिस्टम एमके-II सामरिक युद्ध क्षेत्र और भीतरी इलाकों में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण संपत्तियों की रक्षा करेगा।

भारतीय नौसेना को बोलार्ड पुल (बीपी) टग्स, हाई फ्रीक्वेंसी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एचएफ एसडीआर) मैनपैक की खरीद और हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग रेंज (एचएएलई) रिमोटली पायलेटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (आरपीएएस) के पट्टे के लिए अनुबंध की मंजूरी दी गई है।

बीपी टग्स के शामिल होने से नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को संकरे जलक्षेत्र/बंदरगाहों में लंगर डालने, लंगर से बाहर निकलने और पैंतरेबाजी करने में सहायता मिलेगी। एचएफ एसडीआर बोर्डिंग और लैंडिंग ऑपरेशन के दौरान लंबी दूरी के सुरक्षित संचार को बढ़ाएगा, जबकि एचएएलई आरपीएएस हिंद महासागर क्षेत्र में निरंतर खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही तथा विश्वसनीय समुद्री क्षेत्र जागरूकता सुनिश्चित करेगा।

भारतीय वायु सेना के लिए, स्वचालित टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम, एस्ट्रा एमके-II मिसाइलें, फुल मिशन सिमुलेटर और SPICE-1000 लॉन्ग रेंज गाइडेंस किट आदि की खरीद के लिए AoN को मंजूरी दी गई। स्वचालित टेक-ऑफ लैंडिंग रिकॉर्डिंग सिस्टम के शामिल होने से लैंडिंग और टेक-ऑफ की उच्च गुणवत्ता वाली, हर मौसम में स्वचालित रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराकर एयरोस्पेस सुरक्षा में मौजूद कमियों को दूर किया जा सकेगा। बढ़ी हुई रेंज वाली एस्ट्रा एमके-II मिसाइलें लड़ाकू विमानों की दुश्मन के विमानों को लंबी दूरी से नष्ट करने की क्षमता को बढ़ाएंगी। हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए फुल मिशन सिमुलेटर पायलटों के प्रशिक्षण को किफायती और सुरक्षित तरीके से बेहतर बनाएगा, जबकि SPICE-1000 भारतीय वायु सेना की लंबी दूरी की सटीक मारक क्षमता को बढ़ाएगा।

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लेखकों के बारे में

Namita Shukla
Namita Shukla is a seasoned journalist with over 15 years of experience in Hindi media. She has worked with some of the most reputed news organizations, including Navbharat Times, Dainik Jagran, Aaj Tak, and Hindustan Times Hindi. Throughout her career, Namita has reported on a wide range of beats such as national affairs, sports, business, and entertainment, bringing clarity and depth to her reporting. In addition to her journalistic work, she is a certified fact-checker by both Google and Meta, underscoring her commitment to accuracy and ethical journalism in the digital age.

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