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Tata Capital ने IPO के लिए किया अप्लाई, Tata Sons समेत ये शेयरधारक बेचेंगे स्टेक, कंपनी का पूरा प्लान

Upstox

3 min read | अपडेटेड August 05, 2025, 09:44 IST

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सारांश

Tata Capital IPO: यह आईपीओ रेगुलेटरी नियमों के चलते लाया जा रहा है। सितंबर 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल को एक अपर-लेयर NBFC के रूप में क्लासिफाइड किया था। नियमों के मुताबिक कंपनी को तीन वर्षों के भीतर लिस्ट होना जरूरी था।

Tata Capital IPO

Tata Capital IPO: इस पब्लिक इश्यू का टोटल ऑफर साइज 47.58 करोड़ शेयर है।

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी टाटा कैपिटल ने आईपीओ के जरिए फंड जुटाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट पेपर दाखिल किया है। इस पब्लिक इश्यू का टोटल ऑफर साइज 47.58 करोड़ शेयर है। इसमें से 21 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि मौजूदा शेयरहोल्डर्स द्वारा 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए की जाएगी। कंपनी ने अभी तक आईपीओ के लिए प्राइस बैंड की घोषणा नहीं की है।

OFS में Tata Sons भी बेचेगी हिस्सेदारी

Tata Sons अपनी हिस्सेदारी 75% से नीचे लाने के लिए इस आईपीओ में 23 करोड़ शेयर बेचने की योजना बना रही है। इसके अलावा, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) OFS में 3.58 करोड़ शेयर बेचने जा रही है। वर्तमान में, टाटा संस के पास कंपनी में फुली डायलुटेड बेसिस पर 88.6% हिस्सेदारी है, जबकि टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के पास 7% हिस्सेदारी है।

कहां होगा फंड का इस्तेमाल

टाटा कैपिटल के आईपीओ से होने वाली आय का इस्तेमाल कंपनी की भविष्य की कैपिटल रिक्वायरमेंट्स को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिसमें आगे उधार देना भी शामिल है। इसके अलावा, नए इश्यू से प्राप्त राशि का एक हिस्सा ऑफर खर्चों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाना है।

Tata Capital का बिजनेस

टाटा कैपिटल का कुल AUM ₹2.27 लाख करोड़ है, जो इसे लोन बुक के मामले में तीसरी सबसे बड़ी NBFC बनाता है। यह भारत भर में 1496 ब्रांच के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी, डायवर्सिफाइड एनबीएफसी में से एक है। इसके अन्य बिजनेस में थर्ड-पार्टी प्रोडक्ट्स का डिस्ट्रीब्यूशन, वेल्थ मैनेजमेंट सर्विसेज और प्राइवेट इक्विटी शामिल हैं।

पिछले छह सालों में टाटा कैपिटल को ₹6000 करोड़ का पूंजी निवेश प्राप्त हुआ है, जिसमें से वित्त वर्ष 2024 में ₹2000 करोड़ और वित्त वर्ष 2023 में ₹500 करोड़ डाले गए।

Tata Capital का सितंबर तक लिस्ट होना जरूरी

यह आईपीओ रेगुलेटरी नियमों के चलते लाया जा रहा है। सितंबर 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने टाटा कैपिटल को एक अपर-लेयर NBFC के रूप में क्लासिफाइड किया था। नियमों के मुताबिक कंपनी को तीन वर्षों के भीतर लिस्ट होना जरूरी था। यह डेडलाइन आने वाले सितंबर में समाप्त हो रही है। कोटक महिंद्रा कैपिटल, बीएनपी पारिबा, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इस ऑफर के बुक रनिंग लीड मैनेजरों में शामिल हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।