मार्केट न्यूज़
4 min read | अपडेटेड June 20, 2025, 11:31 IST
सारांश
Suzlon Energy के शेयरों में आज 20 जून को 1.71 फीसदी का उछाल है और यह 63.58 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। स्टॉक ने 12 सितंबर 2024 को 86.04 रुपये के 52-वीक हाई को छू लिया था। हालांकि, अब यह इस लेवल से करीब 26 फीसदी नीचे है। इसका 52-वीक लो 46 रुपये है।
शेयर सूची
Suzlon Energy ने मई में निवेशकों को 27 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दिया था।
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में आज 20 जून को 1.71 फीसदी का उछाल है और यह 63.58 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 87,074.10 करोड़ रुपये हो गया। स्टॉक ने 12 सितंबर 2024 को 86.04 रुपये के 52-वीक हाई को छू लिया था। हालांकि, अब यह इस लेवल से करीब 26 फीसदी नीचे है। इसका 52-वीक लो 46 रुपये है।
सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड ने आज घोषणा की कि उसने भारत के पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर को कार्बन मुक्त करने के लिए AMPIN एनर्जी ट्रांजिशन से लगातार तीसरा ऑर्डर हासिल किया है। सुजलॉन ने कहा कि उसे AMPIN एनर्जी से 170.1 मेगावाट का लगातार तीसरा रिपीट ऑर्डर मिला है। यह प्रोजेक्ट आंध्र प्रदेश के कुरनूल में विकसित की जाएगी।
सुजलॉन के शेयर हाल ही में चर्चा में थे। कंपनी के प्रमोटर्स ने करीब ₹1300 करोड़ के ब्लॉक डील के जरिए 19.8 करोड़ शेयर बेचे। शेयरों का औसत मूल्य ₹66.05 प्रति शेयर रहा। ब्लॉक डील में घरेलू और विदेशी फंड्स ने Suzlon के शेयर खरीदे। खरीदारों में Goldman Sachs, Motilal Oswal, Societe Generale, ICICI Prudential और Bandhan Mutual Fund जैसे नाम शामिल रहे।
वहीं, इसमें Tanti Holdings ने 6.69 करोड़ शेयर, Rachhodbhai Tanti ने 5.08 करोड़, Vinod Tanti ने 5.28 करोड़ और Rambhaben Tanti ने 2.75 करोड़ शेयर बेचे।
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक Suzlon के प्रमोटर्स द्वारा किए गए इस शेयर सेल का मुख्य उद्देश्य कंपनी के वित्तीय ढांचे को और मजबूत करना था। प्रमोटर परिवार ने यह हिस्सेदारी कर्ज को मैनेज करने और लिक्विडिटी सुधारने के लिए बेची है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बिक्री एक सुनियोजित प्रक्रिया थी, जो सीमित डिस्काउंट पर हुई, और इसे बाजार ने भी पॉजिटिव तरीके से लिया। यह कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ को और बेहतर बनाने का संकेत देती है।
मार्च तिमाही के अंत में भारत की म्यूचुअल फंड्स की Suzlon में 4.17% हिस्सेदारी थी। हालांकि, कोई भी एक फंड 1% से ज़्यादा हिस्सेदारी नहीं रखता, इसलिए उनके नाम शेयरहोल्डिंग पैटर्न में नहीं दिखते। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की कुल 23.03% हिस्सेदारी है, जिसमें Vanguard के दो फंड्स के अलावा किसी की 1% से ज्यादा होल्डिंग नहीं है। Suzlon के पास 56 लाख से ज्यादा छोटे रिटेल शेयरधारक हैं, जिनकी कुल हिस्सेदारी 25% है। प्रमोटर्स की हिस्सेदारी लगभग 13% रह गई है।
Q4 FY25 में Suzlon ने ₹1,182 करोड़ का मुनाफा कमाया, जो पिछले साल इसी तिमाही के ₹254 करोड़ से 365% ज्यादा है। कंपनी की आय ₹3773 करोड़ रही, जो सालाना 73% की वृद्धि है। पिछली तिमाही की तुलना में भी मुनाफा 205% और आय 27% बढ़ी। इसकी वजह से मई में कंपनी के शेयरों में मजबूती देखने को मिली। हालांकि, जून में प्रॉफिट बुकिंग के चलते इसमें गिरावट आई है।
सुजलॉन एनर्जी का ऑर्डर बुक FY25 के अंत में 5.6 GW तक पहुंच गया है। सिर्फ S144 प्लेटफॉर्म से 5 GW से ज्यादा ऑर्डर मिले हैं। WTG (विंड टर्बाइन जनरेटर) बिनेस का मार्जिन 23% तक पहुंच गया है। Daman और Pondicherry में नए प्रोडक्शन लाइन और विस्तार किए गए हैं। OMS (ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस सर्विसेज) डिवीजन 15 GW विंड कैपेसिटी मैनेज करता है, जिसकी वैल्यू $10 बिलियन (USD) से ज्यादा है।
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