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मार्केट न्यूज़

Stock Market: रिकॉर्ड हाई से फिर 500 अंक टूटा बाजार, रुपया ऑल-टाइम लो पर, प्रॉफिट बुकिंग समेत ये है वजहें

Shubham Singh Thakur

3 min read | अपडेटेड December 01, 2025, 13:35 IST

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सारांश

Stock Market: कमजोर ग्लोबल संकेतों और इंटरेस्ट रेट आउटलुक को लेकर चिंताओं के बीच इन्वेस्टर्स ने प्रॉफिट बुक किया है। यहां हमने समझेंगे कि बाजार में इस गिरावट की क्या-क्या वजहें हैं। रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर गिरने से भी इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर असर पड़ा।

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Stock Market: FII यानी विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार की भावनाओं को कमजोर किया।

Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में आज शुरुआती कारोबार में शानदार तेजी देखी गई और इसने नया रिकॉर्ड बना दिया। आज BSE Sensex ने करीब 450 अंकों की तेजी के साथ 86,159.02 के नए ऑल टाइम हाई को छू लिया। दूसरी तरफ Nifty 50 भी 123 अंक बढ़कर 26325.80 के लेवल पर पहुंच गया। हालांकि, इसके बाद प्रॉफिट बुकिंग का दबाव भी दिखा, जिसके चलते बाजार अपनी पूरी बढ़त गंवा दी। Sensex अपने आज के हाई से करीब 500 अंक टूट गया है।
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कमजोर ग्लोबल संकेतों और इंटरेस्ट रेट आउटलुक को लेकर चिंताओं के बीच इन्वेस्टर्स ने प्रॉफिट बुक किया है। यहां हमने समझेंगे कि बाजार में इस गिरावट की क्या-क्या वजहें हैं। रुपये के अब तक के सबसे निचले स्तर पर गिरने से भी इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर असर पड़ा।

RBI रेट कट की उम्मीदों को झटका

RBI के जल्दी ब्याज दर घटाने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। GDP ग्रोथ उम्मीद से काफी ज्यादा आई है, इसलिए बाजार को लगता है कि RBI फिलहाल दरों में कटौती नहीं करेगा। 10-वर्षीय सरकारी बॉन्ड यील्ड भी 6.47% से बढ़कर 6.52% हो गई, जो दरों में जल्दी राहत की उम्मीद कम होने का संकेत देती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि RBI 5 दिसंबर की बैठक में दरें नहीं घटाएगा, सिर्फ नरम रुख अपनाएगा और ग्रोथ फोरकास्ट ऊपर कर सकता है।

रुपया रिकॉर्ड लो पर

रुपया आज नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर फिसल गया। मजबूत Q2 GDP आने के बावजूद रुपये में कमजोरी जारी है और यह 89.76 प्रति डॉलर पर आ गया, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। 3 नवंबर से अब तक रुपए में लगभग 90 पैसे की गिरावट आ चुकी है, जिससे आयात महंगा होने का खतरा बढ़ गया है।

कमजोर ग्लोबल संकेत

ग्लोबल संकेत भी कमजोर थे। एशियाई बाजारों जैसे कोस्पी और निक्केई 225 में गिरावट दिखी, जबकि अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स भी करीब 1% नीचे थे। कमजोर ग्लोबल माहौल अक्सर भारतीय बाजारों पर दबाव डालता है।

FII की बिकवाली

इसके अलावा, FII यानी विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार की भावनाओं को कमजोर किया। नवंबर में FIIs फिर से नेट सेलर्स रहे और कुल 17,500.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। केवल शुक्रवार को ही उन्होंने करीब ₹3795 करोड़ के शेयर बेच दिए। लगातार बिकवाली घरेलू बाजारों पर नकारात्मक असर डालती है।

कच्चा तेल हुआ महंगा

आज बाजार में गिरावट के पीछे कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी भी एक अहम कारण रही। ब्रेंट क्रूड 1.62% बढ़कर USD 63.39 प्रति बैरल हो गया। भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए तेल की बढ़ती कीमतें महंगाई और राजकोषीय बोझ बढ़ा सकती हैं, इसलिए यह बाजार के लिए नकारात्मक संकेत होता है।

नवंबर का मैन्युफैक्चरिंग PMI नौ महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया, यानी विनिर्माण क्षेत्र की रफ्तार धीमी हो रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ भी धीमी पड़ सकती है, क्योंकि GST से जुड़ी खपत में आई अस्थायी बढ़त कम हो रही है, सरकारी खर्च भी सामान्य होगा और निर्यात की गति कमजोर पड़ सकती है।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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