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Smallcaps Stocks: बाजार में रैली के बीच पीछे क्यों रह गए स्मॉलकैप स्टॉक्स? वैल्यूएशन से कमाई तक समझें 4 बड़े कारण

Upstox

3 min read | अपडेटेड November 28, 2025, 15:01 IST

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सारांश

2025 में 27% की गिरावट आने के बावजूद आज भी Smallcap इंडेक्स औसत से काफी महंगा ट्रेड कर रहा है। हाई वैल्यूएशन से निवेशक सावधान हो जाते हैं और खरीदने से बचते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर स्मॉलकैप कंपनियों की कमाई तेजी से बढ़ें, तो वैल्यूएशन नॉर्मल हो सकते हैं।

Smallcaps Stocks

Smallcaps Stocks साल 2025 में करीब 5% नीचे है और अपने पिछले रिकॉर्ड हाई से अभी भी लगभग 10% दूर है।

Smallcaps Stocks: भारतीय शेयर बाजार इस समय अपने रिकॉर्ड हाई के आसपास है। BSE Sensex और Nifty 50 में अप्रैल 2025 के निचले स्तर से करीब 17-18 फीसदी की तेजी आ चुकी है। इस अवधि के दौरान BSE Midcap इंडेक्स भी करीब 21 फीसदी चढ़ा है। इस दौरान NIFTY मिडकैप 100 ने भी 61229 का नया रिकॉर्ड हाई लेवल बनाया है। लेकिन इसके उलट Smallcap स्टॉक्स अभी भी दबाव में हैं। यह इंडेक्स साल 2025 में करीब 5% नीचे है और अपने पिछले रिकॉर्ड हाई से अभी भी लगभग 10% दूर है। यहां हमने बताया है कि इस इंडेक्स में दबाव की 4 बड़ी वजहें क्या-क्या हैं।
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वैल्यूएशन की चिंता

NIFTY स्मॉलकैप 100 में पिछले साल के रिकॉर्ड हाई लेवल से 2025 में 27% तक की बड़ी गिरावट देखी गई। दिसंबर 2024 में यह इंडेक्स रिकॉर्ड हाई बनाकर 36.4x P/E तक पहुंच गया था, जबकि उसका 3-साल का औसत 28.4x है। यानी उस समय इंडेक्स बहुत महंगा था।

2025 में 27% की गिरावट आने के बावजूद आज भी smallcap इंडेक्स औसत से काफी महंगा ट्रेड कर रहा है। हाई वैल्यूएशन से निवेशक सावधान हो जाते हैं और खरीदने से बचते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर स्मॉलकैप कंपनियों की कमाई तेजी से बढ़ें, तो वैल्यूएशन नॉर्मल हो सकते हैं और निवेशकों की रुचि वापस आ सकती है।

कमाई उम्मीद से कमजोर

Q2 FY26 में बड़े और मिडकैप स्टॉक्स की कमाई में अच्छे सुधार दिखे, लेकिन स्मॉलकैप कंपनियों के नतीजे निवेशकों को प्रभावित नहीं कर पाए। रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकांश स्मॉलकैप कंपनियों के Q2FY26 नतीजे अनुमान से कमजोर रहे।

NIFTY Smallcap 100 की 90 कंपनियों की कुल नेट प्रॉफिट ग्रोथ सिर्फ 1.5% रही। वहीं NIFTY Midcap 100 और NIFTY50 में ग्रोथ 7%–8% रही। कमजोर मुनाफा ग्रोथ की वजह से वैल्यूएशन और भी अधिक दिखते हैं, जिससे निवेशक स्मॉलकैप से दूरी बनाए हुए हैं।

FII और DII की कम भागीदारी

विदेशी निवेशक (FIIs) 2025 में लगातार भारतीय बाजार में नेट सेलर बने हुए हैं। इसका सीधा असर स्मॉलकैप स्टॉक्स पर पड़ा है। कई कंपनियों में FIIs लगातार चार क्वार्टर से बेच रहे हैं। जैसे- Amara Raja Energy & Mobility, MRPL, Swan Energy, Kajaria Ceramics, Neuland Labs, Cyient, Piramal Pharma, Crompton Greaves Consumer Electricals आदि।

इसी तरह, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशंस यानी म्यूचुअल फंड्स ने भी मिडकैप में ज्यादा और स्मॉलकैप में कम रुचि दिखाई। पिछले 4 क्वार्टर में MFs ने 25 midcap स्टॉक्स खरीदे, लेकिन सिर्फ 18 स्मॉलकैप स्टॉक्स में हिस्सेदारी बढ़ाई।

लंबा कंसोलिडेशन फेज

स्मॉलकैप इंडेक्स पहले ही बहुत बड़ी रैली कर चुका था। इससे पहले स्मॉलकैप इंडेक्स 122% की एकतरफा रैली कर चुका है। ऐसी तेज रैली के बाद इंडेक्स कई महीनों तक रुका रहता है। इसे टाइम कंसोलिडेशन कहते हैं।

अभी स्मॉलकैप इंडेक्स लगभग 12 महीनों से कंसोलिडेशन में है। यह पहले भी देखा जा चुका है। COVID गिरावट से उभरने के बाद मार्च 2020–नवंबर 2021 तक इंडेक्स 247% चढ़ा था। फिर लगभग 2 साल (Jun 2023 तक) उसका टाइम करेक्शन चला। टेक्निकल चार्ट भी दिखा रहे हैं कि अभी भी स्मॉलकैप लंबे कंसोलिडेशन पैटर्न में हैं और ब्रेक-आउट में समय लगेगा।

स्मॉलकैप स्टॉक्स के बिजनेस और अर्निंग बड़े कंपनियों की तुलना में ज्यादा अस्थिर होते हैं, इसलिए यह हमेशा ज्यादा वोलैटाइल रहते हैं। बाजार ठंडा हो तो ये ज्यादा गिरते हैं। जब बाजार तेज होता है, तो ये थोड़ा देर से चढ़ना शुरू करते हैं। आमतौर पर तब जब वैल्यूएशन काफी आकर्षक हो जाते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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