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Reliance Q2 results: प्रॉफिट-रेवेन्यू में दिख सकता है डबल-डिजिट ग्रोथ, नतीजों से पहले जानिए 4 जरूरी बातें

Shubham Singh Thakur

4 min read | अपडेटेड October 17, 2025, 11:35 IST

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सारांश

RIL के Q2 FY26 के नतीजों का अनुमान है कि कंपनी का कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर 8–11% बढ़कर ₹2.52–2.57 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। पिछले साल इसी क्वार्टर में रेवेन्यू ₹2.31 लाख करोड़ था, जबकि Q1 FY26 में यह ₹2.43 लाख करोड़ था।

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RIL Q2 results

RIL Q2 results: पहली तिमाही के नतीजों के बाद RIL के शेयर में करीब 6% की गिरावट आई है।

Reliance Q2 results: ऑयल से लेकर टेलीकॉम तक का कारोबार करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) नतीजे घोषित करने के लिए तैयार है। कंपनी आज 17 अक्टूबर को FY26 की सितंबर तिमाही का रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस तिमाही में अच्छा प्रदर्शन करेगी। कंपनी को ऑयल से लेकर केमिकल (O2C), रिटेल और टेलीकॉम जैसे प्रमुख सेक्टर्स में ग्रोथ का फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच आज RIL के शेयरों में 0.17 फीसदी की तेजी है और यह स्टॉक BSE पर 1400.40 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा है।
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कैसे रह सकते हैं RIL के Q2 नतीजे?

RIL के Q2 FY26 के नतीजों का अनुमान है कि कंपनी का कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर 8–11% बढ़कर ₹2.52–2.57 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। पिछले साल इसी क्वार्टर में रेवेन्यू ₹2.31 लाख करोड़ था, जबकि Q1 FY26 में यह ₹2.43 लाख करोड़ था। इसमें पिछली तिमाही के मुकाबले 2–5% की बढ़ोतरी की भी उम्मीद है।

कंपनी का नेट प्रॉफिट 10–11% बढ़कर ₹21320–21475 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल Q2 में नेट प्रॉफिट ₹19,323 करोड़ था, और Q1FY26 में यह ₹30,783 करोड़ था।

कई बिजनेस सेगमेंट में ग्रोथ के चलते Reliance का EBITDA सालाना आधार पर 14–16% बढ़कर ₹44,550–44,850 करोड़ तक पहुंच सकता है। निवेशक खासकर कंपनी की रिटेल, टेलीकॉम और ऑयल रिफाइनिंग बिजनेस की प्रदर्शन रिपोर्ट पर फोकस करेंगे।

जून तिमाही में कैसा रहा था रिजल्ट

FY26 की अप्रैल-जून तिमाही में RIL के नेट प्रॉफिट में 78 फीसदी का शानदार उछाल आया था। कंपनी ने इस अवधि में 26,994 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 15,138 करोड़ रुपये था। ऑपरेशन से कुल रेवेन्यू पिछले वर्ष की इसी तिमाही के ₹257,923 करोड़ की तुलना में 5.9% बढ़कर ₹273252 करोड़ हो गया। रिटेल सेगमेंट का रेवेन्यू पिछले वर्ष की इसी तिमाही के ₹75630 करोड़ की तुलना में 11% बढ़कर ₹84,172 करोड़ हो गया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुनाफे में इस तेज उछाल की वजह पहली तिमाही में अन्य आय में हुई जबरदस्त वृद्धि थी। जून तिमाही में कंपनी की अन्य आय 280% बढ़कर ₹15,119 करोड़ हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह ₹3,983 करोड़ थी। एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी की बिक्री और कंज्यूमर बिजनेस के मजबूत प्रदर्शन का असर भी नेट प्रॉफिट में दिखा। एशियन पेंट्स में हिस्सेदारी बिक्री का लाभ हटा दिया जाए, तो भी मुनाफे में 25% की मजबूत बढ़ोतरी हुई थी।

जून तिमाही के नतीजों के बाद दिखी शेयरों में गिरावट

पहली तिमाही के नतीजों के बाद RIL के शेयर में करीब 6% की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति डूब गई है। पिछली तिमाही में रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज करने के बावजूद, निवेशकों का रुझान कमजोर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कैश फ्लो में कमी से लेकर होल्डिंग कंपनी डिस्काउंट जैसी चिंताओं ने इस शेयर पर दबाव डाला है।

RIL ने घोषणा की कि वह जियो के लिए पेरेंट होल्डिंग कंपनी बनेगी। इससे जियो के मूल्यांकन में RIL के हिस्से की कीमत लगभग ₹100–150 प्रति शेयर घट गई। पिछले एक साल से शेयर रेंज-बाउंड रहे हैं।

इन फैक्टर्स पर होगी निवेशकों की नजर

निवेशकों की नजर रिलायंस के अलग-अलग सेगमेंट्स जैसे O2C (ऑयल-टू-केमिकल्स), रिटेल, जियो, और न्यू एनर्जी पर होगी। विशेष रूप से, जियो के IPO की संभावनाओं और नई ऊर्जा परियोजनाओं के बारे में कोई अपडेट निवेशकों के लिए अहम होंगे। पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनिंग का प्रदर्शन अहम रहेगा। कच्चे तेल की कीमत और मांग में बदलाव से O2C मार्जिन प्रभावित हो सकते हैं। सौर और हरित ऊर्जा में निवेश की गति और उससे होने वाले रेवेन्यू पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।)
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लेखकों के बारे में

Shubham Singh Thakur
Shubham Singh Thakur is a business journalist with a focus on stock market and personal finance. An alumnus of the Indian Institute of Mass Communication (IIMC), he is passionate about making financial topics accessible and relevant for everyday readers.

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