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  1. Q2 Results: भारतीय कंपनियों के रेवेन्यू में 6% बढ़ोतरी की उम्मीद, मुनाफा 0.60% घटने की संभावना

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Q2 Results: भारतीय कंपनियों के रेवेन्यू में 6% बढ़ोतरी की उम्मीद, मुनाफा 0.60% घटने की संभावना

Upstox

3 min read | अपडेटेड October 23, 2025, 18:18 IST

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सारांश

Q2 Results: रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान भारतीय कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सालाना आधार पर 0.60 फीसदी तक की कमी आई है। रिपोर्ट के लिए एजेंसी ने 600 कंपनियों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया।

Q2 Results

Q2 Results: लगातार जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताओं ने आईटी सेक्टर पर दबाव डाला है।

Q2 Results: वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन चल रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), HDFC Bank, ICICI Bank, TCS, Infosys और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) जैसी दिग्गज कंपनियां जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी कर चुकी हैं। इस बीच रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक इकाई की रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों का रेवेन्यू सितंबर तिमाही में 6 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। यह रिपोर्ट आज गुरुवार को जारी की गई है।
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रिपोर्ट के अनुसार जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान भारतीय कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सालाना आधार पर 0.60 फीसदी तक की कमी आई है। एजेंसी ने कहा, ‘‘बिजली, कोयला, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) सेवा और इस्पात क्षेत्रों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में कॉरपोरेट रेवेन्यू में सालाना आधार पर मामूली 5 से 6 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है।’’

रिपोर्ट के लिए एजेंसी ने 600 कंपनियों के प्रदर्शन का विश्लेषण किया और कहा कि धीमी ग्रोथ दर्ज करने वाली इन सेक्टर्स की कंपनियों का कुल रेवेन्यू में एक-तिहाई योगदान है। इसमें कहा गया कि क्रमिक रूप से जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान रेवेन्यू ग्रोथ पिछली अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में एक फीसदी अधिक होगी।

प्रॉफिट के नजरिए से इसमें कहा गया कि मोटर वाहन, औषधि और एल्युमीनियम क्षेत्रों में कंपनियों को बढ़ी हुई लागत का पूरा भार ग्राहकों पर डालने में कठिनाई हुई और ऑपरेटिंग प्रॉफिट जुलाई-सितंबर तिमाही में 0.50-1 फीसदी कम होने का अनुमान है।

लगातार जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताओं ने आईटी सेक्टर पर दबाव डाला, जहां प्रोजेक्ट्स के स्थगित होने से रेवेन्यू ग्रोथ एक प्रतिशत तक सीमित रहने का अनुमान है। वहीं इस्पात क्षेत्र में रेवेन्यू में 4 प्रतिशत की मामूली वार्षिक वृद्धि की उम्मीद है, जबकि इस्पात की कीमतों में गिरावट से 9 फीसदी की मात्रा में वृद्धि हुई है।

विद्युत क्षेत्र का रेवेन्यू संभवतः मात्र एक प्रतिशत बढ़ा जो मानसून के दीर्घावधि औसत के 108 फीसदी रहने और रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन में 10 फीसदी की वृद्धि के कारण जल विद्युत उत्पादन में हुई वृद्धि से प्रभावित हुआ जिसके कारण कोयला उत्पादन की मांग में कमी आई। इसके चलते कोयला क्षेत्र का रेवेन्यू ग्रोथ संभवतः स्थिर रहा।

क्रिसिल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर पुशन शर्मा ने कहा, ‘‘माल एवं सेवा कर (GST) की दरों को युक्तिसंगत बनाने से कम कीमतों पर नए भंडार से यात्री वाहनों और दैनिक उपभोग की घरेलू वस्तुओं (FMCG) जैसे खंडों में अस्थायी व्यवधान पैदा हुआ। नतीजतन खुदरा विक्रेताओं और वितरकों ने FMCG खरीद में देरी की जबकि उच्च भंडार स्तर एवं सुस्त खुदरा बिक्री ने दूसरी तिमाही में यात्री वाहनों की मांग को प्रभावित किया।’’

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Upstox Hindi News Desk पत्रकारों की एक टीम है जो शेयर बाजारों, अर्थव्यवस्था, वस्तुओं, नवीनतम व्यावसायिक रुझानों और व्यक्तिगत वित्त को उत्साहपूर्वक कवर करती है।

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