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4 min read | अपडेटेड November 11, 2025, 09:43 IST
सारांश
आज पाइन लैब्स IPO का अंतिम दिन है। कंपनी ने इश्यू के जरिए 3,899.91 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह इश्यू 14 नवंबर को लिस्ट होगा। पैसा लगाने से पहले कंपनी के बिजनेस, कमाई और अब तक के सब्सक्रिप्शन की पूरी जानकारी यहां समझ लें।

पाइन लैब्स एक मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो पीओएस (POS) मशीन जैसी सेवाएं देता है।
11 नवंबर को पाइन लैब्स के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) में पैसा लगाने का आखिरी दिन है। यह आईपीओ 7 नवंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। कंपनी इस इश्यू के जरिए करीब 3,900 करोड़ रुपए जुटाने की कोशिश कर रही है। हालांकि, निवेशकों की तरफ से इस इश्यू को लेकर अब तक ठंडी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। ग्रे मार्केट में भी इसका क्रेज नहीं दिख रहा है। अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का मन बना रहे हैं, तो किसी भी फैसले से पहले कंपनी के कारोबार और इसकी वित्तीय स्थिति को समझना जरूरी है।
पाइन लैब्स का यह आईपीओ 3,899.91 करोड़ रुपए का है। यह एक बुक बिल्ट इश्यू है। इसमें 2,080.00 करोड़ रुपए के 9.41 करोड़ नए शेयर जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा, 8.23 करोड़ शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत बेचे जा रहे हैं, जिनकी कीमत 1,819.91 करोड़ रुपए है। कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 210 से 221 रुपए प्रति शेयर तय किया है। एक रिटेल निवेशक को कम से कम 67 शेयरों के एक लॉट के लिए आवेदन करना होगा। अपर प्राइस बैंड (221 रुपए) के हिसाब से, एक लॉट के लिए न्यूनतम 14,807 रुपए का निवेश करना होगा।
पाइन लैब्स की शुरुआत 1998 में हुई थी। यह एक मर्चेंट कॉमर्स प्लेटफॉर्म है जो पेमेंट से जुड़ी सेवाएं देती है। कंपनी मुख्य रूप से पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) सॉल्यूशंस, पेमेंट प्रोसेसिंग और मर्चेंट फाइनेंसिंग सेवाएं प्रदान करती है। यह छोटे रिटेलरों से लेकर बड़े एंटरप्राइजेज तक को डिजिटल पेमेंट टेक्नोलॉजी मुहैया कराती है। इसके मुख्य प्रोडक्ट्स में स्मार्ट पीओएस डिवाइस शामिल हैं, जो क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई और मोबाइल वॉलेट से पेमेंट लेते हैं। यह 'बाय नाउ पे लेटर' (BNPL) यानी किश्त (EMI) पर खरीदारी की सुविधा भी देती है। इसके अलावा कंपनी मर्चेंट फाइनेंसिंग (छोटे लोन) और लॉयल्टी प्रोग्राम जैसी सेवाएं भी देती है। 30 जून, 2025 तक कंपनी के पास 988,304 मर्चेंट और 716 कंज्यूमर ब्रांड जुड़े थे। इसके प्रमुख ग्राहकों में अमेजन पे, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, फ्लिपकार्ट, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।
अगर कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर नजर डालें, तो स्थिति मिली-जुली है। 31 मार्च, 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष और 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के बीच कंपनी का रेवेन्यू (आमदनी) 28 प्रतिशत बढ़ा है। 31 मार्च, 2025 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में कंपनी की कुल आय 2,327.09 करोड़ रुपए थी, जबकि 31 मार्च, 2024 को यह 1,824.16 करोड़ रुपए थी। हालांकि, कंपनी घाटे में चल रही थी। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी को 341.90 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था, जो वित्त वर्ष 2025 में कम होकर 145.49 करोड़ रुपए रह गया। लेकिन, 30 जून, 2025 को समाप्त हुई पहली तिमाही में कंपनी ने 4.79 करोड़ रुपए का मुनाफा (PAT) दर्ज किया है।
आईपीओ के दूसरे दिन, यानी 10 नवंबर की शाम तक, इश्यू को लेकर निवेशकों का उत्साह ठंडा ही रहा। आईपीओ कुल मिलाकर केवल 0.55 गुना ही सब्सक्राइब हुआ था। इसमें रिटेल कैटेगरी में 0.91 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) कैटेगरी 0.63 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) कैटेगरी सिर्फ 0.12 गुना ही भर पाई थी। आज आखिरी दिन इस पर दांव लगाया जाएगा।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की बात करें तो 11 नवंबर की सुबह इसका जीएमपी 0 (शून्य) रुपए पर था। इसका मतलब है कि ग्रे मार्केट इश्यू प्राइस (221 रुपए) पर ही लिस्टिंग का अनुमान लगा रहा है, यानी किसी बड़े लिस्टिंग गेन की उम्मीद फिलहाल नहीं है। इस आईपीओ की अलॉटमेंट 12 नवंबर को फाइनल होने की उम्मीद है और इसकी लिस्टिंग 14 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर हो सकती है।
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